GST Reforms 2025: जीएसटी में सुधार को लेकर केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि "GST में जो सुधार किए गए हैं अगर उन्हें देखें तो उनका बड़ा लाभ देश के किसानों को मिलने वाला है. कुछ कंपनियों ने शुरू कर दिया है. कृषि उपकरण चाहे वो ट्रैक्टर हो, हार्वेस्टर, रोटावेटर हो, अलग-अलग तरह के जो GST घटाकर 5% की गई है वो किसान के लिए वरदान सिद्ध होगी. हमारे देश के किसानों की जोत का आकार छोटा है. इसलिए हम कोशिश कर रहे हैं इंटीग्रेटेड फार्मिंग की मतलब खेती के साथ किसान खेती से जुड़े और एलाइड सेक्टर के बाकी काम कुछ न कुछ करे. जैसे पशुपालन, मधुमक्खी पालन, मछली पालन, कृषि वानिकी, भेड़-बकरी पालन, पॉल्ट्री फार्म, अगर ओवरऑल आप देखेंगे तो पूरे सेक्टर में क्योंकि कृषि और पशुपालन तो एक-दूसरे के पूरक हैं. उस पर भी GST में जो छूट दी गई है वो भी हमारी खेती और किसानों के लिए वरदान सिद्ध होगी."
जनता को बड़ी राहत
शिवराज सिंह चौहान ने कहा जीएसटी की नई दरें और स्लैब से कृषि के क्षेत्र में व्यापक पैमाने पर असर दिखाई देगा .इससे विशेष कर छोटे और मंझौले किसानों को बहुत लाभ होगा, कृषि उपकरणों पर जीएसटी दरें कम होने के कारण कृषि की लागत घटेगी और किसानों का मुनाफा बढ़ेगा. जीएसटी की नई दरें और स्लैब से कृषि के क्षेत्र में व्यापक पैमाने पर असर दिखाई देगा. इससे विशेष कर छोटे और मंझौले किसानों को बहुत लाभ होगा, कृषि उपकरणों पर जीएसटी दरें कम होने के कारण कृषि की लागत घटेगी और किसानों का मुनाफा बढ़ेगा. सरकार की कोशिश और प्रधानमंत्री के प्रयत्न हैं कि आम आदमी की ज़िंदगी में कठिनाइयाँ न रहें. लाल किले की प्राचीर से उन्होंने देश को ये कहा था कि GST में नेक्स्ट जनरेशन रिफॉर्म लाए जाएंगे और वो रिफॉर्म जनता को बड़ी राहत लेकर आएंगे.
ग्रामीण क्षेत्रों का विकास
शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि अगर इससे जुड़ा हुआ ग्रामीण क्षेत्र देखें. तो हस्तशिल्प, चमड़े का सामान, दूध उत्पाद के काम में व्यापक पैमाने पर महिला सेल्फ हेल्प ग्रुप काम कर रहे हैं. जिन्होंने कई बहनों को लखपति दीदी बना दिया है. उनकी ज़िंदगी भी GST में इस छूट से और बेहतर होगी, आमदनी बढ़ेगी और लखपति दीदी के आंदोलन को भी नई ताकत मिलेगी.
ऐसे होगी बचत
शिवराज सिंह चौहान ने कहा अगर हम जीएसटी सुधारो को देखें तो एक उदाहरण के तौर पर कोई ट्रैक्टर अगर 9 लाख रुपये में आता था 9 लख रुपये में खरीदते थे तो अब किसान को 65 हजार रुपये की बचत उसपर होगी.
डेरी क्षेत्र में अब दूध और पनीर पर कोई जीएसटी नहीं होगा इससे आम आदमी को तो लाभ होगा ही इसकी मांग भी बढ़ेगी और दूध खरीदकर डेरी उत्पाद तैयार करने वाले वो भी लाभ में रहेंगे और किसानों को भी सीधा जो दुग्ध उत्पादक, पशुपालक हैं उनको सीधा फायदा होगा.
कीटनाशक और सूक्ष्म पोषक तत्वों पर 12 जीव कीटनाशक और सूक्ष्म पोषक तत्व हैं माइक्रो न्यूट्रेंट उनपर भी जीएसटी घटाई गई है इससे प्राकृतिक खेती और जैविक खेती को क्योंकि जैविक जो इनपुटस् हैं उनकी कीमत कम होगी तो उसमें लाभ होगा और रासायनिक उर्वरकों से जैव उर्वरकों की तरफ किसान के बढ़ने की प्रवृति निश्चित तौर पर बढ़ेगी.
कृषि मंत्री ने कहा कि केंद्र सरकार ने कम की कृषि उपकरणों में जीएसटी दर 18% से कम कर 5% करने से से कृषि उपकरण और अन्य वस्तुएं सस्ती होंगी.
- 35 एचपी ट्रैक्टर – पहले 6,50,000 रुपये , अब 6,09,000 रुपये (अनुमानित) , बचत 41,000 रु
- 45 एचपी ट्रेक्टर- पहले 7,20,000 रुपये, अब 6,75,000 रुपये, बचत 45,000 रु.
- 75 एचपी ट्रेक्टर- पहले 10,00,000 रुपये, अब 9,37,000 रुपये, बचत 63,000 रुपये
- 50 एचपी ट्रेक्टर- पहले- 8,50,000 रुपये, अब 7,97,000 रुपये, बचत 53,000 रु
- पावर टिलर 13 एचपी- पहले 20,357 रुपये, अब 8,482 रुपये, बचत 11,875 रु
- बहुफसली थ्रेशर – 4 टन- पहले 24,000 रुपये, अब 10,000 रुपये, बचत 14,000 रु
- धान रोपण यंत्र -(4 पंक्ति – वॉक बिहाइंड)- पहले 26,400 रुपये, अब 11,000, बचत 15,400 रु
- पावर वीडर – 7.5 एचपी- पहले 9,420 रुपये. अब 3,925 रुपये., बचत 5,495 रु
- सीड कम फर्टिलाइज़र ड्रिल – 11 टाइन- पहले 18,000 रुपये, अब 7,500 रुपये. बचत 10,500 रु
- सीड कम फर्टिलाइज़र ड्रिल – 13 टाइन- पहले 5,520 रुपये. अब 2,300 रू. बचत 3,220 रु
- 14 फीट कटर बार- पहले 3,21,428 रुपये. अब 1,33,928 रुपये. बचत 1,87,500 रु
- स्ट्रॉ रीपर – 5 फीट- पहले 37,500 रुपये, अब 15,625 रुपये, बचत 21,875 रु.
- सीड कम फर्टिलाइज़र ड्रिल – 13 टाइन ये 46 हज़ार रुपये का आता है, इसमें लगभग 3 हज़ार 200 रुपये से ज़्यादा की बचत होगी.
- ऐसे ही 14 फीट कटर बार अगर हम कम्बाइन्ड हार्वेस्टर की बात करें, इसमें 1 लाख 87 हज़ार 500 की बचत होगी.
- स्ट्रॉ रीपर – 3 लाख 12 हज़ार 500 रुपये का, 21 हज़ार 875 रुपये बचत होगी.
- सुपर सीडर – 16 हज़ार 875 रुपये की बचत होगी, जो 2 लाख 41 हज़ार 71 रुपये का आता है.
- हैप्पी सीडर – 10 टाइन का 1 लाख 51 हज़ार के आस-पास आता है, इसमें 10 हज़ार 600 के आस-पास बचत होगी.
- मल्चर – जो पराली को काटकर ऊपर छोड़ता है, 1 लाख 65 हज़ार रुपये के आस-पास आता है, इसमें लगभग 11 हज़ार 500 रुपये की बचत होगी.
- ऑटोमेटिक प्लांटर की बहुत ज़रूरत है ताकि बीज एक समान दूरी पर डाले जा सकें, कम ज़्यादा न हों बराबर डालें. ये 4 लाख 68 हज़ार 700 रुपये के आस-पास आता है, इस पर 32 हज़ार 800 रुपये के आस-पास की बचत होगी.
ऐसे ही हमने अलग-अलग चीज़ों के दाम निकाले हैं. क्योंकि 12% से 5% में क्या-क्या फ़ायदा होगा वो एकदम समझ में नहीं आता है, लेकिन ये जो किसानों की बचत है ये मैंने बताने का प्रयत्न किया है.
फल और सब्जियां
शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि फल और सब्जियां अब जरूरी हो गया है कि इनकी वैल्यू एडीशन करें, प्रोसेसिंग करें इस प्रोसेसिंग पर भी तैयार संरक्षित सब्जियां, फल, मेवे इनपर भी जीएसटी घटाई गई है जिनका लाभ सीधे सीधे किसानों को मिलेगा. कोल्ड स्टोरेज, फूड प्रोसेसिंग उसको भी इसका निश्चित तौर पर लाभ मिलेगा ऐसे ही हमारे मछली उत्पादक किसान देश के बड़े हिस्से में मछली पालन का काम होता है केवल समुद्रों में नहीं अब तो खेतों में भी तालाब बनाकर व्यापक पेमाने पर मछली पालन का काम किया जा रहा है तो इसपर भी जो तैयार या संरक्षित मछली पर भी कर की दर कम की गई है उससे भी देशभर के जो मछली पालन के काम में किसान लगे हैं उनको लाभ होगा वैसे ही प्राकृतिक शहद पर भी जीएसटी कम होगा, शहद उत्पादक किसान उनको सीधा सीधा इसका लाभ मिलेगा.
ग्रामीण भारत के लिए सीमेंट, लोहा जो GST कम की गई है उसमें प्रधानमंत्री आवास योजना के अंतर्गत मकान बनाना भी सस्ता हो जाएगा. क्योंकि सीमेंट, लोहे के दाम कम होंगे गरीब का घर बनाना भी आसान होगा. ग्रामीण क्षेत्रों में जो इंफ्रा बनता है. स्कूल, आंगनवाड़ी, पंचायत भवन, उनकी लागत भी निश्चित तौर पर कम हो जाएगी. सबसे बड़ा फ़ायदा अर्थव्यवस्था को जो होगा, आज देश जिन चुनौतियों का सामना कर रहा है, हमें हमारी अर्थव्यवस्था को और मज़बूत करना है. इसलिए ये जो दाम कम होंगे, उससे निश्चित तौर पर मांग बढ़ेगी. सुधार किसानों के लिए बड़ी राहत लेकर आए हैं.
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