MP News: सरकारी स्कूल तो खुल गए लेकिन अभी नहीं खुलेंगे अनऐडेड स्कूल, जानिए आखिर क्या है इसकी वजह...

Jabalpur News: एनडीटीवी ने इस मैसेज की पड़ताल करना शुरू की तो पता चला कि जबलपुर के अनऐडेड स्कूल एसोसिएशन के सदस्यों की मीटिंग के बाद यह निर्णय लिया गया है कि जबलपुर में कोई भी निजी स्कूल तब तक नहीं खोला जाएगा. जब तक सभी प्राचार्य शिक्षक और ऑफिस स्टाफ को एंटीसिपेटरी बेल नहीं मिल जाती.

Advertisement
Read Time: 5 mins
J

Madhya Pradesh: मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) के जबलपुर (Jabalpur) में सभी स्कूलों के शिक्षण सत्र का शुभारंभ होना था लेकिन सिर्फ सरकारी स्कूलों में तो प्रवेश उत्सव मना और शिक्षण कार्य प्रारंभ कर दिया गया. लेकिन जबलपुर के अनऐडेड स्कूल एसोसिएशन यानी वे स्कूल जिन्हें सरकार से कोई सहायता प्राप्त नहीं मिलती, जो प्राय सीबीएसई बोर्ड से संचालित स्कूल हैं, नें आज से अपना शिक्षण सत्र प्रारंभ नहीं किया. कल शाम को स्कूल के विद्यार्थियों को एक एसएमएस भेज दिया गया था कि कल से स्कूल प्रारंभ नहीं होंगे, अगली सूचना विद्यार्थियों को व्हाट्सएप के माध्यम से दी जाएगी.

एंटीसिपेटरी बेल के बाद खुलेंगे स्कूल

एनडीटीवी ने इस मैसेज की पड़ताल करना शुरू कि तो पता चला कि जबलपुर के अनऐडेड स्कूल एसोसिएशन के सदस्यों की मीटिंग के बाद यह निर्णय लिया गया है कि जबलपुर में कोई भी निजी स्कूल तब तक नहीं खोला जाएगा. जब तक सभी प्राचार्य शिक्षक और ऑफिस स्टाफ को एंटीसिपेटरी बेल नहीं मिल जाती.
अनऐडेड स्कूल एसोसिएशन के अध्यक्ष विवेक त्रिपाठी का कहना है कि प्रशासन ने जिस तरह से प्रिंसिपल और संचालकों को गिरफ्तार किया है और कई सारे प्राचार्य और संचालकों को पुलिस के द्वारा ढूंढा जा रहा है उन्हें गिरफ्तार करने के लिए इनाम भी घोषित करने के लिए एसपी ने कहा है इससे प्राचार्य और स्टाफ डरे हुए हैं कि कहीं स्कूल पहुंचते ही उन्हें गिरफ्तार ना कर लिया जाए.

Advertisement

जल्द ही सभी को बेल मिलने की उम्मीद

विवेक त्रिपाठी का कहना है कि सभी स्कूलों में यह निर्णय लिया है कि स्कूल संचालकों प्रचार्य और स्टाफ के लिए एंटीसिपेटरी बेल का आवेदन कर रहे हैं और बेल मिलते ही स्कूल प्रारंभ कर दिए जाएंगे. जब एनडीटीवी ने जाना चाहा की एंटीसिपेटरी बेल के लिए अभी तक कितनों ने आवेदन कर दिया है और अभी कितने स्कूलों को बेल मिल गई है तो अध्यक्ष का कहना था कि आज से एंटीसिपेटरी बेल के लिए आवेदन शुरू किए जाएंगे और उन्हें पूरा विश्वास है कि बहुत जल्दी सभी को बेल मिल जाएगी लेकिन यह बताने में असमर्थ है कि कब तक स्कूल प्रारंभ होंगे.

Advertisement

विवेक त्रिपाठी ने लगाया जिला प्रशासन पर आरोप

जबलपुर अनएडेड स्कूल एसोसिएशन के अध्यक्ष विवेक त्रिपाठी ने जिला प्रशासन पर आरोप लगाते हुए कहा कि किताबों के आइएसबीएन नंबर को लेकर शहर में लगातार भ्रम फैलाया जा रहा है. किताबों के आइएसबीएन नंबर के जांच में ना तो स्कूल प्रबंधन की जिम्मेदारी है और न ही बुक सेलर्स की, इसकी जिम्मेदारी सिर्फ प्रकाशक की है. जिला प्रशासन को अपनी जांच में विशेषज्ञों को शामिल करना था. आर्थिक अन्वेषण ब्यूरो को जांच सौंपनी थी. आइएसबीएन की कोई वैधानिकता नहीं है. भ्रम के चलते स्कूलों का सुचारू रूप से संचालन करना बेहद कठिन हो गया है.

Advertisement


उन्होंने कहा कि जिला प्रशासन को स्पष्ट करना होगा कि किस एक्ट में लिखा है कि आइएसबीएन नंबर फर्जी होने के बाद स्कूल प्रबंधन के लोगों पर एफआइआर दर्ज करके उन्हें जेल भेज दिया जाएगा. उन्होंने कहा कि जिला प्रशासन ने पूरी कार्रवाई में आइएसबीएन नंबर की अधिकृत संस्था राजा राम मोहन राय संस्थान के किसी भी जिम्मेदार से संपर्क नहीं किया और ना ही नियमों की जानकारी ली. उन्होंने यह भी बताया कि स्कूलों के निरीक्षण के लिए तहसीलदार को निरीक्षण दल का हिस्सा बनाया गया है. ये किस अधिनियम के अंतर्गत प्राप्त शक्तियों से किया गया है, यह अभी भी स्पष्ट नहीं है.

जानिए शिक्षा माफिया पर कमर तोड़ कार्रवाई की

जबलपुर जिला कलेक्टर दीपक सक्सेना और पुलिस अधीक्षक आदित्य प्रताप सिंह ने मध्य प्रदेश के इतिहास में शिक्षा माफिया की कमर तोड़ कार्रवाई की थी. जबलपुर के 11 नामी निजी स्कूलों के 80 संचालकों के खिलाफ 56 मुकदमें दर्ज किए गए हैं जो गैरकानूरी रूप से ज्यादा फीस वसूलने, पुस्तक माफिया के साथ साठगांठ  करने और प्रदेश सरकार के शिक्षा विभाग के नियमों को ना माने के कारण दर्ज किए गए हैं. मध्य प्रदेश में निजी स्कूलों की मनमानी पर लगाम कसने के लिए अब तक की सबसे बड़ी कार्रवाई जबलपुर में हुई है.

इन स्कूलों के खिलाफ हुई कार्रवाई

शुरुआती जांच में जिला प्रशासन में पुलिस ने जबलपुर के क्राइस्ट चर्च सालीवाडा, लिटिल वर्ल्ड स्कूल ,स्टेम फील्ड इंटरनेशनल स्कूल, ज्ञान गंगा ऑर्किड, चैतन्य टेक्नो स्कूल, क्राइस्ट चर्च आईएससी स्कूल ,सैंट अलोयसियस पोलीपाथर स्कूल ,क्राइस्ट चर्च डाइसेशन स्कूल, सैंट अलोयसियस सदर स्कूल, सैंट अलोयसियस रिमझा और क्राइस्ट चर्च बॉयज स्कूल के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है. खास बात यह है कि इन स्कूलों में खरीदी गई 88% किताबें भी फर्जी आईएसबीएन नंबर की मिली थी. जिसमें  60 फीसदी कमीशन होने का मामला भी उजागर हुआ था.

कोर्ट ने नही दी जमानत

सप्तम अपर सत्र न्यायाधीश शशिभूषण शर्मा की अदालत ने अपनी तल्ख टिप्पणी में कहा कि अवैध फीस वसूली व पाठ्य पुस्तक घोटाला बेहद गंभीर प्रकृति का है. आरोपित मदन महल, जबलपुर निवासी चंद्रशेखर विश्वकर्मा ने अपने साथी अभियुक्तों के साथ सांठगांठ करके छात्रों व अभिभावकों से अनुचित फीस वसूली और पाठ्य पुस्तक-स्टेशनरी आदि विषयों में आपराधिक सांठगांठ कर कमीशनखोरी के माध्यम से धोखाधड़ी का कृत्य किया है. आरोपी द्वारा किए गए कृत्य के संबंध में अभी साक्ष्य एकत्र करना शेष है. लिहाजा, उसकी जमानत अर्जी निरस्त की जाती है.

भोपाल में होगी हड़ताल

 भोपाल के निजी स्कूल संगठनों द्वारा सरकार को चेतावनी दी गई है कि यदि स्कूलों के विरुद्ध यह कार्रवाई जारी रखी गई तो 1 जुलाई से स्कूल पेन डाउन हड़ताल करेंगे.

ये भी पढ़ें MP News: ट्रक से टक्कर के बाद बाइक उछलकर गिरी झाड़ियों में, हादसे में पूरे परिवार की मौत...

ये भी पढ़ें Crime News: चाकू मारने आया युवक खुद हुआ अपने हथियार का शिकार, प्रेम प्रसंग का है पूरा मामला...

Topics mentioned in this article