Farmer MSP: बुरहानपुर मंडी में मक्का की बंपर आवक, पर किसानों समर्थन मूल्य से निराश, जाने क्या है मामला?

Burhanpur Farmer Mandi: बुरहानपुर कृषि उपज मंडी में मक्का की आवक वैसे तो बंपर है. लेकिन, किसानों को उनका उचित समर्थन मूल्य नहीं मिल रहा है. मंडी परिसर में गीला मक्का सुखा कर व्यापारी मुनाफा कमा रहे हैं.

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किसानों को अपनी फसल को लेकर हो रही परेशानी

MP News: खरीफ सीजन में मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) के बुरहानपुर कृषि उपज मंडी (Burhanpur Agricultural Produce Market) में मक्का की बंपर आवक शुरू हो गई है. गौरतलब है कि बीते एक दशक में जिले में मक्का का उत्पादन काफी बढ़ा है. लगभग 20 हजार हेक्टयर में जिले का किसान मक्का फसल का उत्पादन करता है. दरअसल, किसानों के लिए मक्का की फसल रिस्क फ्री है. क्योंकि मौसम का असर मक्का की फसल पर नहीं पड़ता... लिहाजा, जिले के किसानों का मक्का फसल (Maize Crop) के प्रति रूझान बढ़ता जा रहा है. हाल ही में मंडी में रोजाना औसतन एक हजार बोरे मक्का की आवक हो रही है. आने वाले त्यौहारों के समय यह आवक बढ़कर दो हजार बोरो तक पहुंच जाएगी. 

सोयाबीन का भी एमएसपी नहीं मिल रहा

खऱीफ सीजन में मक्का के साथ साथ सोयाबीन की आवक भी मंडी में धीरे-धीरे शुरू हो गई है. लेकिन, सोयाबीन के दाम मंडी में फिलहाल सरकार द्वारा घोषित समर्थन मूल्य से काफी कम मिल रहे है. मंडी में फिलहाल सोयाबीन 2860 से 4300 रुपये प्रति क्विंटल के बीच है. जबकि, सरकार ने सोयाबीन का समर्थन मुल्य 4892 रुपये प्रति क्विंटल घोषित किया है. सोयाबीन की कम कीमत में मिलने से किसान काफी चिंतित है. किसानों का कहना है कि सोयाबीन तेल की कीमत आसमान छु रही है. लेकिन, किसानों को सोयाबीन के दाम नहीं मिल रहे है.

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व्यापारी कर रहे किसानों की फसल के साथ खिलवाड़

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व्यापारी देख रहे अपना फायदा

बुरहानपुर कृषि उपज मंडी में व्यापारी मक्का की खरीदी जोरो पर कर रहे हैं. जानकारी के अनुसार, व्यापारी किसानों से दो तरह से मक्का खरीद रहे हैं, गीला मक्का 1300 रुपये प्रति क्विंटल और सुखा मक्का 2200 रुपये प्रति क्विंटल खरीद रहे हैं. किसानों के पास भंडारण की व्यवस्था नहीं होने के कारण बारिश से कटी फसल के नुकसान होने के डर से और सिर पर त्यौहारों के समय को देखते हुए किसान गीला मक्का व्यापारियों को कम दाम में बेचने को मजबूर है. व्यापारियों द्वारा किसानों से जो गीला मक्का खरीदा जा रहा है, उसे कपास मंडी प्रांगण, नीलामी डोम, नए केला नीलाम भवन पर फैला कर ट्रेक्टरों व जेसीबी की मदद से उल्ट पुलट कर मजदूरों की मदद से सुखाया जा रहा हैं. 

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