9वीं बार बने विधायक, 18 साल रहे मंत्री... फिर भी गोपाल भार्गव को नहीं मिली मोहन कैबिनेट में जगह

गोपाल भार्गव लगातार 16 साल यानी 2003, 2008, 2013, और 2020 से 2023 तक लगातार मंत्री रहे. गोपाल भार्गव के पास बड़े विभागों की जिम्मेदारी रही. वह कृषि, पंचायत ग्रामीण विकास के साथ-साथ पीडब्ल्यूडी विभाग का जिम्मा संभालते रहे.

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विधायक गोपाल भार्गव का छलका दर्द

Sagar News : मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) में सोमवार को मंत्रिमंडल का विस्तार हो गया है. मंत्रिमंडल विस्तार में कई पुराने तो कई नए चेहरों को जगह मिली है. सागर (Sagar) जिले की रैली विधानसभा से लगातार नौ बार जीत हासिल कर रहे गोपाल भार्गव (Gopal Bhargava) को मंत्रिमंडल में शामिल नहीं किया गया. मंत्रिमंडल में शामिल न किए जाने पर गोपाल भार्गव का दर्द छलका है. उन्होंने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट शेयर कर अपना दर्द बयां किया है.

गोपाल भार्गव ने लिखा, 'राजनीतिक दलों के अपने-अपने फॉर्मूले हैं, सामाजिक क्षेत्रीय कारण हैं जिनके आधार पर पद दिए जाते हैं. उसके भीतर जाने या जानने में मेरी कोई रुचि नहीं है इसलिए मैं मौन हूं. खाली समय में अब मैं प्रदेश में समाज को संगठित कर समाज उत्थान के लिए कार्य करूंगा. नवनियुक्त मंत्रीगणों को मेरी तरफ से शुभकामनाएं.'

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'पद अस्थायी हैं, जन विश्वास स्थायी है'

गोपाल भार्गव ने कहा, 'प्रदेश भर से मेरे समर्थक मुझसे पूछ रहे हैं कि ऐसा क्या हुआ है. मैंने उनसे कहा कि 40 वर्षों के लंबे राजनीतिक जीवन में पार्टी ने जो जिम्मेदारी दी उसको समर्पित भाव से पूर्ण किया और आगे भी करते रहने के लिए संकल्पित हूं इसलिए आज मंत्री परिषद के गठन में पार्टी की ओर से लिए गए फैसले का मैं स्वागत करता हूं. पद आते-जाते रहते हैं, पद अस्थाई हैं पर जन विश्वास स्थायी है. 9 बार जनता ने मुझे विधायक बनाया जो देश भर में दुर्लभ और अपवाद है. 73000 से अधिक वोटों के अंतर से जीत, जनता का मेरे ऊपर ऋण है. जनता के क्षेत्र की, जनता की सेवा में कोई कमी नहीं रहने दूंगा.'

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1984 से लगातार जीत रहे गोपाल भार्गव 

मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव में सागर जिले की रहली विधानसभा सीट पर कई रिकॉर्ड बने. रहली विधानसभा सीट से गोपाल भार्गव सबसे ज्यादा 9वीं बार चुनाव जीतकर विधायक बने हैं. गोपाल भार्गव लगातार 1984 से जीतते आ रहे हैं. वह प्रदेश के सबसे वरिष्ठ विधायक हैं. 16वीं विधानसभा में गोपाल भार्गव को प्रोटेम स्पीकर बनाया गया था. वहीं 15वीं विधानसभा में उन्हें नेता प्रतिपक्ष बनाया गया. पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती की सरकार में उन्हें सबसे पहली बार मंत्री बनाया गया. गोपाल भार्गव लगातार 18 साल यानी 2003, 2008, 2013, और 2020 से 2023 तक लगातार मंत्री रहे. गोपाल भार्गव के पास बड़े विभागों की जिम्मेदारी रही. वह कृषि, पंचायत ग्रामीण विकास के साथ-साथ पीडब्ल्यूडी विभाग का जिम्मा संभालते रहे.