बुरहानपुर वासियों के लिए खुशखबरी, मोहन सरकार ने दी दो 'नगर वन' की मंजूरी, शहरों में बढ़ेगी हरियाली

Nagar Van Chhattisgarh: बुरहानपुर जिले में करीब 2 करोड़ रुपये की लागत से दो विशेष “नगर वन” विकसित किए जाएंगे. चिंचाला क्षेत्र के मुक्तिधाम के पीछे 4.5 हेक्टेयर क्षेत्र में पहला नगर वन विकसित होगा. वहीं लालबाग के समीप लगभग 50 हेक्टेयर में दूसरा नगर वन “मां भगवती वन” के नाम से विकसित किया जाएगा.

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Burhanpur News: बुरहानपुर जिले के लिए पर्यावरण संरक्षण की दिशा में एक ऐतिहासिक उपलब्धि दर्ज हुई है. करीब 2 करोड़ रुपये की लागत से दो विशेष “नगर वन” विकसित किए जाएंगे. यह पहल शहर के हरित आवरण को बढ़ाने और आने वाली पीढ़ियों के लिए एक स्वच्छ-संतुलित पर्यावरण उपलब्ध कराने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम मानी जा रही है.

बुरहानपुर विधायक अर्चना चिटनिस ने वन विभाग और नगर निगम के अधिकारियों के साथ दोनों प्रस्तावित स्थलों का निरीक्षण किया और संबंधित अधिकारियों को आवश्यक दिशा-निर्देश दिए. इस दौरान कई जनप्रतिनिधि और सामाजिक कार्यकर्ता भी उपस्थित रहे.

चिंचाला नगर वन- 4.5 हेक्टेयर में स्मृति आधारित ग्रीन जोन

चिंचाला क्षेत्र के मुक्तिधाम के पीछे 4.5 हेक्टेयर क्षेत्र में नगर वन विकसित होगा. इसकी विशेषता यह होगी कि यह समाज की सहभागिता से तैयार होने वाला स्मृति-आधारित वन होगा, जहां नागरिक अपने पूर्वजों की याद में पौधे लगा सकेंगे. यह न केवल पर्यावरण संरक्षण को बढ़ावा देगा, बल्कि सामाजिक और सांस्कृतिक मूल्यों को भी मजबूत करेगा.

 भगवती वन- 50 हेक्टेयर में विशाल इको-टूरिज्म हब की संभावनाएं

लालबाग के समीप लगभग 50 हेक्टेयर में दूसरा नगर वन “मां भगवती वन” के नाम से विकसित किया जाएगा. यह बड़ा वन क्षेत्र भविष्य में इको-टूरिज्म, प्रकृति शिक्षा और जैव विविधता संरक्षण का प्रमुख केंद्र बन सकता है. यहां स्थानीय प्रजातियों के सघन रोपण से प्राकृतिक विरासत को संरक्षित किया जाएगा.

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विधायक चिटनिस ने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के “प्रकृति की पूजा ही ईश्वर की पूजा है” संदेश को ध्यान में रखकर ये ये बड़ा फैसला लिया गया है. दोनों नगर वन बुरहानपुर को अधिक हरित और स्वच्छ बनाने में अहम भूमिका निभाएंगे. उन्होंने नागरिकों, सामाजिक संगठनों और शिक्षण संस्थाओं से इस अभियान में सक्रिय भागीदारी का आग्रह किया.

नगर वन योजना के अंतर्गत भूमि उपलब्ध कराने के लिए उन्होंने नगर निगम और महापौर परिषद का आभार व्यक्त किया. उन्होंने कहा कि बढ़ती आबादी और कम होते ग्रीन कवर को देखते हुए यह परियोजना समय की आवश्यकता है. इन वनों के माध्यम से भूमिगत जल संरक्षण, वायु प्रदूषण नियंत्रण और जलवायु संतुलन में बड़ी मदद मिलेगी.

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