Good News : एमपी के इस सोलर पावर प्लांट से बिजली का उत्पादन शुरू,जानें परियोजना की खास बातें

Omkareshwar Floating Solar News: मध्य प्रदेश के ओंकारेश्वर फ्लोटिंग सोलर पावर प्लांट से बिजली का उत्पादन शुरू हो गया है. जानिए किस तरह है इस परियोजना की संरचना और इससे जुड़ी खास बातें क्या हैं.

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Good News : एमपी के इस सोलर पावर प्लांट से बिजली का उत्पादन शुरू,जानें परियोजना की खास बातें.

MP News in Hindi: मध्यप्रदेश में सोलर विद्युत के क्षेत्र में तरक्की कर रहा है. इसको लेकर एक खुशखबरी है. खास बात ये है कि फ्लोटिंग सोलर पावर प्लांट की एक यूनिट शुरू की गई है. खंडवा जिले के ओंकारेश्वर स्थित जलाशय पर 88 मेगावाट के ओंकारेश्वर फ्लोटिंग सोलर पावर प्लांट के यूनिट-'डी' को चालू कर दी गई. गुरुवार को एनएचडीसी के प्रबंध निदेशक राजीव जैन ने इसे चालू किया.

बता दें कि, एनएचडीसी ने 22 जून 2024 को 88 मेगावाट एफएसपीवी की आंशिक यानी 50% क्षमता पहले ही चालू कर दी थी. यहां से बनने वाली ऊर्जा की दर 3.22 रुपए प्रति यूनिट है. इस पूरी ऊर्जा की खरीद के लिए एमपीपीएमसीएल के साथ एक समझौता भी किया गया. यह एफएसपीवी एनएचडीसी के ओंकारेश्वर पावर स्टेशन (520 मेगावाट) के जलाशय पर लागू किए जा रहे दुनिया के सबसे बड़े फ्लोटिंग सोलर पावर प्लांट का हिस्सा है. 

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इस तरह है परियोजना की संरचना

 ओंकारेश्वर स्थित फ्लोटिंग सोलर परियोजना में सौर पैनल द्वारा उत्पादित विद्युत को 33Kv में परिवर्तित कर 4.5 किमी ट्रांसमिशन लाइन के द्वारा 33Kv/220Kv सबस्टेशन सक्तापुर तक पहुंचाया गया. वहीं, इस सबस्टेशन को मध्य प्रदेश ट्रांसमिशन कंपनी के ग्रिड से जोड़ा गया. साथ ही इस सोलर प्लांट के नियंत्रण के लिए सक्तापुर के पास एक कन्ट्रोल रूम की स्थापना भी की गयी. बताया जा रहा है कि, इस सोलर प्लांट से एक वर्ष में 204.58MU विद्युत का उत्पादन किया जाएगा. इस परियोजना के लिए ओंकारेश्वर पावर स्टेशन बांध के बैक वाटर में 207.4 हेक्टेयर क्षेत्र का उपयोग गया.

पर्यावरण के दृष्टिकोण से है महत्वपूर्ण

इस सोलर परियोजना के पर्यावरणीय लाभों की बात करें तो एक ओर तो इससे संबंधित निकासी व्यवस्था के लिए बहुत ही कम भूमि की आवश्यकता होती है. वहीं, दूसरी ओर  यहां तैरते हुए सौर पैनलों की मौजूदगी से जल स्त्रोतों से पानी के भाप बनने की दर भी बहुत ही कम हो जाती है. जिससे जल संरक्षण में भी मदद मिलती है. मिली जानकारी के अनुसार इस परियोजना से प्रति वर्ष लगभग 32.5 लाख घन मीटर जल का वाष्पीकरण होने से बचाया जा सकता है. सौर मॉड्यूल के चलते उनके नीचे स्थित जल स्त्रोतों का सामान्य परिवेश के तापमान को बनाए रखने में भी मदद करता है, जिससे उनकी दक्षता और उत्पादन में भी सुधार होता है.

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NHDC प्रमुख ने दिया सहायता का आश्वासन

बता दें कि, इस प्लांट को एनएचडीसी के प्रबंध निदेशक, राजीव जैन एवं धीरेन्द्र कुमार द्विवेदी, परियोजना प्रमुख ओंकारेश्वर पावर स्टेशन की मौजूदगी में चालू किया गया.इस दौरान उन्होंने ओंकारेश्वर पावर स्टेशन की सोलर टीम द्वारा किए गए. इस जबरदस्त काम की प्रशंसा भी की और परियोजना को हर संभव सहायता देने का भी आश्वासन दिया.

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