अच्छी पहलः ग्वालियर कलेक्ट्रेट पहुंचने के लिए दिव्यांगों और बुजुर्गों के लिए शुरू की गई सारथी सेवा

Good Initiatives In Gwalior: ग्वालियर कलेक्ट्रेट तक पहुंचने के लिए शुरू की गई निः शुल्क सारथी ई-रिक्शा में बैठकर बीते मंगलवार को पहली बार जब दिव्यांग और बुजुर्ग जन सुनवाई में पहुंचे तो उनके चेहरे खिले हुए थे. बुजुर्गों और दिव्यांगो को यह सुविधा हर मंगलवार को मिलेगा.

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प्रतीकात्मक तस्वीर

Gwalior News: ग्वालियर कलेक्टर कार्यालय में जन सुनवाई में आने वाले दिव्यांग और बुजुर्ग और महिलाओं को कलेक्टर से मिलने‌ के लिए अब पैदल पहाड़ी पर नहीं चढ़ना पड़ेगा, क्योंकि ग्वालियर कलेक्टर रुचिका सिंह चौहान ने एक सराहनीय पहल करते हुए ऐसे लोगों के लिए ई-रिक्शा सेवा सारथी की‌ शुरूआत की है, जिससे दिव्यांगों व बुजुर्गों को राहत मिलेगा.

ऊंची पहाड़ी पर स्थित ग्वालियर कलेक्ट्रेट ऑफिस तक जन सुनवाई के लिए आने दिव्यांगों और बुजुर्गों को राहत प्रदान करने के लिए ग्वालियर कलेक्टर रुचिका सिंह चौहान ने सारथी नाम ई-रिक्शा की शुरूआत की है ताकि बुजुर्ग और दिव्यांग को ऊंचाई पर पहुंचने में सुविधा हो सके.

जिला कलेक्टर रुचिका सिंह चौहान की पहल की सराहना

ग्वालियर कलेक्टर रुचिका सिंह चौहान के इस पहल ही हर तरफ सराहना हो रही है. पूरे मध्य प्रदेश में भीषण गर्मी के प्रकोप से हलकान दिव्यांगों और बुजुर्गों को राहत प्रदान करने के लिए शुरू की गई यह पहल से प्रशासन में बैठे अधिकारियों के मानवीय पहलू को रूबरु कराते हैं. 

बुजुर्गों और दिव्यांगों की खुशी का ठिकाना ना रहा

ग्वालियर कलेक्ट्रेट ऑफिस ऊंची पहाड़ी पर होने से बुजुर्गों और दिव्यांगों को ऊपर तक जाने खासी परेशानी का सामना करना पड़ता है, लेकिन अब वो कलेक्ट्रेट में सारथी नामक ई-रिक्शा की मदद से आसानी से पहुंच सकेंगे. बताया जाता है मंगलवार को जब बुजुर्ग जन सुनवाई के लिए पहुंचे तो उन्हें पहाड़ी के नीचे ही सारथी के नाम से ई रिक्शा खड़ी मिली.

ग्वालियर कलेक्ट्रेट तक पहुंचने के लिए शुरू की गई निः शुल्क सारथी ई-रिक्शा में बैठकर बीते मंगलवार को पहली बार जब दिव्यांग और बुजुर्ग जन सुनवाई में पहुंचे तो उनके चेहरे खिले हुए थे. बुजुर्गों और दिव्यांगो को यह सुविधा हर मंगलवार को मिलेगा.

मंगलवार सुबह 10.30 बजे से दोपहर 2.30 बजे तक मिलेगी सुविधा

कलेक्टर रुचिका चौहान ने बताया कि  “सारथी” वाहन हर मंगलवार को प्रात: 10.30 बजे से दोपहर 2.30 बजे तक कलेक्ट्रेट की तलहटी में स्थित मुख्य द्वार पर उपलब्ध रहेंगे. ग्वालियर कलेक्टर कार्यालय आने वाले बुजुर्ग महिला दिव्यांग और गर्भवती महिलाओं को विशेष रूप से इनकी सेवाएं मिलेंगी.

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जन सुनवाई में कम संख्या में पहुंच रहे थे चलने-फिरने में असमर्थ 

दरअसल, टीएल बैठक में जन सुनवाई में आने वाले लोगों की समीक्षा के दौरान जिला कलेक्टर ने जब पाया कि जनसुनवाई में दिव्यांगजन महिलाएं बुजुर्ग और गर्भवती महिलाओं की संख्या कम है, तो उन्होंने इसका कारण जाना और जब उन्हें पता चला कि चलने-फिरने में असमर्थ और बुजुर्ग व्यक्ति, कलेक्टर कार्यालय में मुश्किल होती है, तो उन्होंने यह निर्णय लिया.

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