Good News: अब सहकारी समितियां चलाएंगी जन औषधि केंद्र व पेट्रोल पंप, ग्वालियर में अभिनव पहल

Gwalior Collector: प्रथम चरण में जिले की प्राथमिक सहकारी संस्था भितरवार, उटीला, करहैया, सूखापठा एवं डबरा गांव में जन औषधि केन्द्र खोले जा रहे हैं. इस क्रम में प्राथमिक सहकारी संस्था भितरवार, उटीला व करहिया को ड्रग लाइसेंस प्राप्त हो गए हैं. साथ ही स्टोर कोड प्राप्त करने की प्रक्रिया भी अंतिम चरण में है. इन सभी संस्थाओं द्वारा जिला चिकित्सालय मुरार की तर्ज पर जन औषधि केन्द्र संचालित किए जाएंगे. इन केन्द्रों से आम आदमी को सस्ती दर पर जैनरिक दवाएं उपलब्ध होंगी.

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Good Initiative by Gwalior Collector: सहकारी संस्थाओं (Cooperative Societies) को आर्थिक बदहाली से निकालने और सामाजिक सहभागिता बढ़ाने के उद्देश्य से ग्वालियर कलेक्टर (Gwalior Collector) ने एक अभिनव पहल की है. जिले की प्राथमिक सहकारी साख समितियां पेट्रोल पंप (Petrol Pump), गैस एजेंसी (Gas Agency) व जन औषधि केन्द्रों का संचालन करेंगी.कलेक्टर रुचिका चौहान ने जिला सहकारी विकास समिति की बैठक में इसके लिए जल्द से जल्द समितियों का चयन करने के निर्देश दे दिए हैं. साथ ही पेट्रोल पंप के लिए जमीन उपलब्ध कराने के लिए संबंधित एसडीएम (SDM) को निर्देशित किया.

कलेक्टर ने क्या कहा?

ग्वालियर कलेक्टर का कहना है कि मैंने महसूस किया कि हमारी जिला सहकारी बैंक की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं है जिसके कारण सहकारी समितियां भी आर्थिक संकट का सामना कर रही हैं. जबकि महाराष्ट्र और मालवा की सहकारी समितियां काफी समृद्ध हैं, इसी तर्ज पर हम ग्वालियर में सहकारी समितियों के काम का विस्तार करने जा रहे हैं, जिससे इनकी स्थिति तो ठीक होगी ही साथ ही अंचल के नौजवानों को रोजगार भी मिलेगा.

कलेक्टर ने कहा कि मुख्य सड़क मार्ग के किनारे ऐसी जगह चिन्हित करें जहां पेट्रोल पंप के साथ-साथ उसी परिसर में जन औषधि केन्द्र, मिल्क पार्लर इत्यादि मल्टी फैसिलिटी सेंटर की स्थापना प्राथमिक सहकारिता संस्था से खुलवाए जा सकें. उन्होंने बेहट रोड पर सहकारी समिति के माध्यम से पेट्रोल पंप स्थापित करने के लिए जमीन चिन्हित करने के निर्देश दिए. साथ ही कहा कि जन संस्थाओं द्वारा गैस एजेंसी की स्थापना की जानी है, उन समितियों के साथ आईओसीएल से समन्वय स्थापित कराएं.

जिला सहकारी विकास समिति की बैठक में प्राथमिक कृषि साख सहकारी समितियों के पुनर्गठन पर भी चर्चा हुई. बैठक में बताया गया कि प्राथमिक सहकारी संस्था बेहटा एवं पारसेन में कृषक सदस्यों की संख्या बढ़ाकर नई समिति बनाई गई है. जिसके तहत बेहटा समिति द्वारा अब तक 100 से अधिक व पारसेन समिति द्वारा 70 सदस्य बनाए जा चुके हैं.

ये भी निर्देश दिए गए

कलेक्टर ने लंबे समय से निष्क्रिय मत्स्य सहकारी समितियों को बंदकर उनके स्थान पर नई समितियां गठित करने के निर्देश दिए. साथ ही कहा कि मुरार, भितरवार एवं डबरा क्षेत्र में तालाबों को मत्स्य विभाग के सहयोग से समितियों को मत्स्य पालन के लिए पट्टे पर दिलाएं. उन्होंने वनोपज संस्थाओं के खाते जिला सहकारी केन्द्र बैंक में खोलने के लिए भी कहा. साथ ही दुग्ध समितियों को पुनर्जीवित करने के निर्देश भी दिए.

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