Ganga Dussehra 2025: गंगा दशहरा पर उज्जैन में क्षिप्रा तीर्थ परिक्रमा, सीएम मोहन यादव ने की ये अपील

Ganga Dussehra 2025: सीएम डॉ. मोहन यादव शुक्रवार, 4 जून को उज्जैन के रामघाट से जल गंगा संवर्धन अभियान के अंतर्गत आयोजित क्षिप्रा तीर्थ परिक्रमा का शुभारंभ करेंगे. इस आयोजन में 5 जून गंगा दशहरा को मुख्यमंत्री माँ क्षिप्रा को 351 फीट लंबी भव्य चुनरी अर्पित करेंगे. श्रद्धा, संस्कृति और जल संरक्षण के भाव को समर्पित यह आयोजन गंगा दशहरा पर्व की पूर्व संध्या पर होगा. क्षिप्रा लोक संस्कृति समिति के इस दो दिवसीय तीर्थ परिक्रमा आयोजन में संतों, इतिहासकारों, साहित्यकारों और विषय विशेषज्ञों सहित हजारों श्रद्धालु सहभागी होंगे.

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Ganga Dussehra 2025: गंगा दशहरा पर क्षिप्रा तीर्थ परिक्रमा

Ganga Dussehra 2025: महाकाल की पावन नगरी उज्जयनी में गंगा दशहरा के पावन मौके पर में 4 एवं 5 जून को क्षिप्रा तीर्थ परिक्रमा आयोजित की जायेगी. यह परिक्रमा प्रतिवर्ष गंगा दशहरा पर्व पर की जाती है. ये दिन गंगा स्नान और दान करने के लिए सबसे महत्वपूर्ण है. गंगा दशहरा के दिन देवी गंगा धरती पर आई थी. माना जाता है की इसी दिन गायत्री मंत्र का प्रकटीकरण भी हुआ था. इसी उद्देश्य को लेकर ज्येष्ठ शुल्क पक्ष नवमीं से ज्येष्ठ शुल्क दसवीं गंगा दशहरा के अवसर पर दो दिवसीय माँ क्षिप्रा परिक्रमा आयोजित की जाती है. वहीं मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के नेतृत्व में प्रदेशभर में जल संरक्षण के लिये 30 मार्च से 30 जून तक जल गंगा संवर्धन अभियान चलाया जा रहा है. जिसमें काफी उपलब्धि हासिल हुई है.

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कब है गंगा दशहरा? Ganga Dussehra 2025 Date Time Shubh Yog

गंगा दशहरा के दिन देवी गंगा धरती पर आई थी. माना जाता है की इसी दिन गायत्री मंत्र का प्रकटीकरण भी हुआ थाइस साल ज्येष्ठ मास के शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि 4 जून की रात 11 बजकर 54 मिनट पर शुरू हो रही है. ऐसे में उदया तिथि को ध्यान में रखते हुए 5 जून, गुरुवार को गंगा दशहरा मनाई जाएगी. गंगा दशहरा पर सुबह 9 बजकर 14 मिनट पर सिद्धि योग रहेगा. इसके साथ ही इस दिन रवि योग और हस्त नक्षत्र रहेगा और दोपहर 1 बजकर 2 मिनट पर तैतिल करण रहेगा. गर करण योग दोपहर 2 बजकर 15 मिनट तक रहने वाला है.

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CM मोहन की अपील

मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव ने मोक्षदायिनी क्षिप्रा तीर्थ के संरक्षण, पर्यावरण संरक्षण एवं जन-जागरण के लिये सभी से सहभागिता के लिये आग्रह किया है. उन्होंने कहा कि परिक्रमा में विद्वतजन, विषय-विशेषज्ञ, वैज्ञानिक और समाज के सभी वर्ग शामिल होकर क्षिप्रा संरक्षण कार्य में संलग्न रहते हैं.

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मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि क्षिप्रा नदी के किनारे विकास कार्यों को प्रमुखता से लिया गया है. क्षिप्रा परिक्रमा में घाटों का निर्माण, मंदिरों का पुनर्निर्माण, क्षिप्रा नदी का शुद्धिकरण और खान डायवर्सन योजना और नौका-विहार जैसे कार्य किये जा रहे हैं.

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने बताया कि क्षिप्रा तीर्थ परिक्रमा के दौरान पर्यावरणविद्, जीव और वनस्पति वैज्ञानिकों द्वारा तैयार की गयी परीक्षण रिपोर्ट प्रतिवर्ष शासन को भेजी जाती है.

क्षिप्रा तीर्थ परिक्रमा में व्यवस्था

क्षिप्रा तीर्थ परिक्रमा यात्रा उज्जैन के रामघाट से 4 जून को प्रारंभ होकर नरसिंह घाट, कर्कराज मंदिर, नानाखेड़ा, त्रिवेणी, शनि मंदिर और गुरुकुल स्कूल तक जाएगी. यहां विश्राम एवं प्रसादी की व्यवस्था रहेगी. यात्रा पुनः प्रारंभ होकर सिकंदरी, गोठड़ा, चिंतामण, भूखी माता, गुरुनानक घाट होते हुए शाम को रामघाट लौटेगी. यहां प्रसिद्ध भजन गायक पवन तिवारी की संगीतमय प्रस्तुति होगी.

परिक्रमा 5 जून को दत्त अखाड़ा घाट से ध्वज पूजन के साथ पुनः प्रारंभ होगी और रणजीत हनुमान, मंगलनाथ, काल भैरव, सांदीपनि आश्रम, ऋणमुक्तेश्वर तथा अन्य तीर्थों से होकर शाम 5 बजे रामघाट लौटेगी. मुख्यमंत्री डॉ. यादव 5 जून की शाम दत्त अखाड़ा घाट पर माँ क्षिप्रा को 351 फीट लंबी भव्य चुनरी अर्पित करेंगे. इस अवसर पर भारतीय सेना के सिंफनी बैंड, प्रसिद्ध हरिकथा वाचक ग्वालियर के पं. ढोली बुवा महाराज और मुंबई की प्रख्यात भजन गायिका स्वस्ति मेहुल अपनी प्रस्तुतियाँ देंगे.

क्षिप्रा परिक्रमा के दौरान लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग द्वारा विभिन्न स्थलों पर पेयजल की व्यवस्था की जायेगी. स्वास्थ्य विभाग द्वारा परिक्रमा के साथ एम्बुलेंस, डॉक्टर तथा पड़ाव स्थलों पर चिकित्सा व्यवस्था की जायेगी. यात्रा के दौरान सम्पूर्ण परिक्रमा स्थल एवं मार्ग पर पुलिस व्यवस्था रहेगी. सांची दुग्ध संघ द्वारा श्रीखण्ड एवं छाछ की व्यवस्था की जायेगी. जिला प्रशासन द्वारा मुख्य समारोह में भजन संध्या की व्यवस्था, वीआईपी अतिथियों की व्यवस्था और सेक्टर बनाकर परिक्रमा मार्ग पर अधिकारियों को नियुक्त किया जायेगा. यात्रा में विभिन्न ग्रामों की सहकारी समितियों का सहयोग भी लिया जायेगा. जिला पंचायत द्वारा परिक्रमा मार्ग पर आने वाले ग्रामों में छाँव व जलपान की व्यवस्था की जायेगी.

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