Donkey Fair Chitrakoot: प्रभु श्रीराम (Lord Ram) की तपोभूमि चित्रकूट (Chitrakoot Dham) में मुगलकाल (Mughal Era) की अजब-गजब परंपरा आज भी कायम है. दीपावली (Diwali) के पांच दिवसीय मेले के दौरान एक अनूठा संगम गधों और खच्चरों का भी यहां देखने को मिलता है. हर साल देश के तमाम राज्यों से व्यापारी चित्रकूट के गधा मेले (Gadhon Ka Mela) में पहुंचते हैं. तीन दिन तक चलने वाले मेले (Donkey Fair) में हर साल करोड़ों रुपए का व्यापार होता है. इस बार मंदाकिनी नदी (Mandakini River) के तट पर आयोजित मेले के दौरान गधों पर बोली लगी, इस बोली सलमान खान और शाहरुख खान नाम के गधों पर गैंगस्टर लारेंस विश्नोई नाम का गधा भारी पड़ गया. 'सलमान'-'शाहरुख' 80-85 हजार में बिके वहीं 'लॉरेंस' की कीमत 1.25 लाख रुपए लगाई गई.
अन्नकूट से लगता है मेला
दीपावली मेले के दूसरे दिन अन्नकूट से मंदाकिनी नदी के किनारे ऐतिहासिक गधा मेला लगता है. गधों का यह ऐतिहासिक मेला मुगल शासक औरंगजेब (Aurangzeb) के जमाने से लगता चल रहा है. गधों के इस बाजार में उत्तर प्रदेश (UP), मध्य प्रदेश (MP) समेत अलग-अलग प्रांतों के व्यापारी गधों को बेचने और खरीदने आते हैं.
ऐसा है इतिहास
मुगल शासक औरंगजेब के समय से चले आ रहे गधा बाजार की यह परंपरा काफी पुरानी है. इस मेले की शुरुआत मुगल शासक औरंगजेब द्वारा की गई थी. औरंगजेब द्वारा चित्रकूट के इसी मेले से अपनी सेना के बेड़े में गधों और खच्चरों को शामिल किया गया था. इसलिए इस मेले का ऐतिहासिक महत्व है.
शुल्क चुकाने के बाद भी नहीं मिलती सुविधा : गधा व्यापारी
ऐसी हालत में यह ऐतिहासिक गधा मेला अपना अस्तित्व खोता जा रहा है. धीरे-धीरे व्यापारियों का आना कम हो रहा है. गधा व्यापारियों द्वारा बताया गया कि मेले में ढेकेदार द्वारा 30 रु प्रति खूंटा जानवर के बांधने का लिया जाता है और 600 रु प्रति जानवर एंट्री शुल्क लिया जाता है. जबकि सुविधा कुछ भी नही दी जातीं. गधों के व्यापारी इसे अवैध वसूली बताते हैं.
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