MP News: यहां फैला फंगल इंफेक्शन का कहर, सैकड़ों मासूम हुए इस बीमारी के शिकार

Fungal Infection: बैतूल जिले में फंगल इंफेक्शन ने अचानक दस्तक दे दी है. इसकी चपेट में कई सारे बच्चे आ गए हैं. हालात की गंभीरता को देखते हुए स्वास्थ्य कर्मियों ने दो दिन से गांव में अपना डेरा जमा रखा है.

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Viral Fungal Infection: मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) के बैतूल (Betul) जिले की भैंसदेही तहसील के ग्राम झिरी में एक अज्ञात फंगल इंफेक्शन (Fungal Infection) ने सैकड़ों लोगों को अपनी चपेट में ले लिया है. खास बात यह है कि यह इंफेक्शन लगातार बढ़ते ही जा रहा है. फंगल इंफेक्शन से दुधमुंहे बच्चों से लेकर बुजुर्ग तक पीड़ित हो गए. ग्रामीणों को शरीर पर छाले उभर रहे हैं और एक दो दिन में छाले फूटने पर ये घाव का रूप ले रहे हैं. लगातार फैलते इस फंगल इंफेक्शन की सूचना पर स्वास्थ्य विभाग (Health Department) की टीम पिछले दो दिनों से गांव में डेरा डाले हुए है और सभी ग्रामीणों का स्वास्थ्य परीक्षण किया जा रहा है.

डॉक्टर ने दी ये जानकारी

डॉक्टर स्वाति बनखेड़े के अनुसार, यह एक तरह का चर्मरोग है, जो फंगल इंफेक्शन की वजह से हो सकता है और ये काफी संक्रामक है. इसलिए एक इंसान से दूसरे इंसान में तेजी से फैल सकता है. इसकी जांच की जा रही है. फिलहाल गांव में टीमें भेजकर इलाज की जा रही है. साथ ही, अधिक प्रभावित लोगों को भैंसदेही के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र भी लाया गया. स्वास्थ्य विभाग द्वारा आसपास के गांवों में भी इस बाबत पूछताछ की जा रही है कि कहीं ये रोग अन्य इलाकों में भी ना फैला हो. 

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बारिश न होने से फैल रहा इंफेक्शन

ग्रामीण बुज़ुर्गों के मुताबिक, यह संक्रमण बारिश नहीं होने की वजह से फैल रहा है. दरअसल, इन दिनों गांव के खेतों में बुआई की जा रही है. हल्का पानी गिरने और धूप निकलने से जो धूल उड़ती है, उसमें जो कण शरीर में जमते हैं, वही बीमारी फैला रहे हैं. इस तरह के इंफेक्शन ज्यादातर एमपी और महारष्ट्र के गांवों में हर साल देखने को मिलते है.

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अन हाइजेनिक रहन-सहन बना मुसीबत

बारिश के इन शुरुआती दिनों में ग्रामीण खेतों में बोवनी के पहले घर के आसपास जमा की गई गोबर खाद खेतों में फैलाते है. हल्की बारिश से घरों के आस पास जमा की गई यह खाद के बैक्टीरिया और ग्रामीणों के रहन-सहन अन हाइजेनिक रहता है. खेतों में काम करने के बाद भी नहाते नहीं है और घरों में बच्चों को भी अपने साथ खिलाते सुलाते है. यही वजह है कि फंगल इंफेक्शन का असर सबसे ज़्यादा छोटे बच्चों पर है.

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