मध्य प्रदेश के खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण मंत्री गोविंद सिंह राजपूत ने बुधवार को कहा कि प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना के अंतर्गत राज्य के पांच करोड़ 25 लाख से अधिक लोगों को लगभग 22 हजार 800 करोड़ रुपये मूल्य का नि:शुल्क खाद्यान्न वितरित किया गया.
राजपूत ने राजधानी भोपाल स्थित पलाश होटल में अपने दो वर्षों के कार्यकाल की उपलब्धियां गिनाते हुए यह बात कही. इस दौरान उन्होंने यह भी बताया कि 'वन नेशन–वन राशन' कार्ड योजना के अंतर्गत प्रतिमाह औसतन 39 हजार परिवार अन्य राज्यों में तथा लगभग छह हजार परिवार अन्य राज्यों से मध्यप्रदेश में नि:शुल्क राशन प्राप्त कर रहे हैं.
22 हजार 800 करोड़ रुपये मूल्य का खाद्यान्न का नि:शुल्क वितरण
उन्होंने कहा कि इसके अलावा लगभग 16 लाख परिवार प्रतिमाह अंतर-जिला पोर्टेबिलिटी का लाभ ले रहे हैं जबकि जनजाति एवं पहुंचविहीन 89 गांवों में 'आपका राशन, आपके द्वार' योजना के माध्यम से घर-घर राशन पहुंचाया जा रहा है. राजपूत ने कहा कि प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना के अंतर्गत प्रदेश के पांच करोड़ 25 लाख से अधिक हितग्राहियों को लगभग 22 हजार 800 करोड़ रुपये मूल्य का नि:शुल्क खाद्यान्न वितरित किया गया.
तकनीक आधारित निगरानी व्यवस्था
उन्होंने कहा कि राशन वितरण प्रक्रिया को पारदर्शी बनाने के उद्देश्य से मुख्यमंत्री अन्न सेवा जागरूकता कार्यक्रम लागू किया गया, जिसके तहत हितग्राहियों को एसएमएस के माध्यम से राशन आगमन और वितरण की जानकारी दी जा रही है. इसके अतिरिक्त 26 जनवरी और दो अक्टूबर को ग्राम सभाओं में पात्र हितग्राहियों की सूची का वाचन किया जा रहा है. खाद्य मंत्री ने कहा कि उनके विभाग द्वारा योजनाओं के क्रियान्वयन में पारदर्शिता एवं तकनीक आधारित निगरानी व्यवस्था को प्राथमिकता दी गई है.
एक करोड़ 70 लाख से अधिक हितग्राहियों का ई-केवाईसी
राजपूत ने बताया कि विभाग द्वारा ई-केवाईसी प्रक्रिया में भी उल्लेखनीय प्रगति की गई है और प्रदेश में दो वर्ष में लगभग एक करोड़ 70 लाख से अधिक हितग्राहियों का ई-केवाईसी सत्यापन पूर्ण किया जा चुका है. उन्होंने कहा कि अब तक चार करोड़ 97 लाख हितग्राहियों के ई-केवाईसी कराये जा चुके हैं और इस तरह से अब तक लगभग 93 प्रतिशत ई-केवाईसी पूर्ण हो चुके हैं.
28 लाख किसानों से हुई फसल खरीदी
खाद्य मंत्री ने कहा कि विगत दो वर्षों में लगभग 28 लाख किसानों से फसल खरीदी कर 51 हजार करोड़ रुपये का भुगतान किया गया. उन्होंने बताया कि गेहूं की खरीदी में 175 रुपये प्रति क्विंटल बोनस देकर 2600 रुपये प्रति क्विंटल की दर से भुगतान किया गया. राजपूत ने कहा कि नाप-तौल विभाग द्वारा विगत दो वर्षों में सत्यापन एवं निरीक्षण के माध्यम से 49 करोड़ 14 लाख रुपये का राजस्व अर्जित किया गया है. उन्होंने बताया कि निरीक्षण के दौरान अनियमितता पाए जाने पर 11 हजार 700 प्रकरण पंजीबद्ध कर लगभग चार करोड़ 50 लाख रुपये की दंड राशि वसूल की गई.
राजपूत ने बताया कि उनके विभाग द्वारा आने वाले दिनों में राशन दुकानों को 'मुख्यमंत्री पोषण मार्ट' के रूप में विकसित करने, सॉफ्टवेयर सिस्टम के एकीकरण, उन्नत तकनीक से राशन वितरण तथा सिंहस्थ 2028 के लिए मेला क्षेत्र में राशन एवं गैस आपूर्ति की विस्तृत व्यवस्था किए जाने की कार्य योजना भी तैयार की गई है.