Fake Hospital in MP: मध्यप्रदेश अजब है, गजब है...ये तो हम सबने सुना ही है लेकिन ग्वालियर से जो मामला सामने आया है वो इसकी पुष्टि भी करता है. दरअसल यहां खेतों के बीच एक इमारत है, जिसकी लंबाई 100 फीट और चौड़ाई 50 फीट के आसपास है. चौंकाने वाली बात ये है कि महज इतने ही एरिया में यहां चार-पांच अस्पताल और एक कॉलेज संचालित हो रहा है. इसके मालिक का दावा है कि इन अस्पतालों में कुल बेड की संख्या 425 के आसपास है. ये जगह ग्वालियर से 35 किलोमीटर दूर मुरार के रतवाई के खेतों में है. इस एक इमारत में जो अस्पताल संचालित किए जा रहे हैं उनके नाम हैं श्याम अस्पताल, टाइम अस्पताल, भरत अस्पताल, एमडी अस्पताल और विंग्स कॉलेज.
परिवार में सब डॉक्टर इसलिए खोले अपने-अपने अस्पताल !
NDTV की टीम जब वहां पहुंची तो इन कमरे नुमा कॉलेज में न छात्र मिले और न ही टीचर. हैरत की बात ये है कि इस कॉलेज को रिटायर्ड MBBS डॉक्टर संचालित कर रहे हैं. इसके बाद जब हमने अस्पतालों का दौरा किया तो वहां हमें धूल खाते उपकरण तो मिले लेकिन कोई मरीज वहां भर्ती नहीं था. इस पूरे कैंपस को अपना बताने वाली महिला डॉक्टर शोभा दुबे से जब हमने बात की तो उन्होंने बताया कि यहां जो अस्पताल हैं वो नियमों के हिसाब से संचालित किए जा रहे हैं. डॉ शोभा का दावा है कि उनका पूरा परिवार इस पेशे से जुड़ा है, इसलिए एक ही बिल्डिंग में सबने अपने-अपने अस्पताल खोल रखे हैं. हमारी टीम को बार-बार इस पूरी इमारत को अपना बताने वाली रिटायर्ड महिला डॉक्टर का दावा है कि यहां ये अस्पताल समाज सेवा के लिए खोले गए हैं.
2019 से ही चल रहे हैं ये अस्पताल
बहरहाल इस फर्जीवाड़े का खुलासा होने पर स्वास्थ्य विभाग की एक टीम भी जांच के लिए पहुंची. जिसके बाद पता चला कि यहां साल 2019 से ही चार अस्पतालों का संचालन हो रहा है. खास बात ये है कि एक ही दिन में तीनों अस्पतालों का रजिस्ट्रेशन हुआ. इसका संचालन स्टार शिक्षा प्रसार समिति द्वारा किया जा रहा हैं. ये समिति नर्सिंग और GNM जैसे अनेक कोर्स संचालित करती है जिनके लिए स्वयं का अस्पताल होना जरूरी हैं. स्वास्थ्य विभाग की टीम का कहना है कि उन्होंने अपनी जांच रिपोर्ट वरिष्ठ अधिकारियों को दे दी है. जो भी कार्रवाई होनी है उसका फैसला अधिकारी ही करेंगे.
जीवाजी यूनिवर्सिटी ने 48 घंटे में मांगा जवाब
उधर मामला खुलने के बाद जीवाजी विश्वविद्यालय ने विंग्स कॉलेज के संचालकों को नोटिस जारी कर 48 घंटे में जवाब मांगा हैं. रजिस्ट्रार अरुण चौहान का कहना है कि जवाब मिलने के बाद इस मामले में कार्रवाई की जायेगी.ये भी पता चला है कि पहले इस इमारत में इंजीनियरिंग कॉलेज का संचालन होता था जिसे बंद करके यहां अस्पताल और विंग्स कॉलेज खोले गए.च करने गए दल के सदस्य जिला स्वास्थ्य अधिकारी डॉ विजय पाठक ने माना है कि यहां एक ही इमारत में चार अस्पताल संचालित हो रहे हैं. इसके अलावा भी इसमें कई खामियां हैं.उन्होंने बताया कि जांच रिपोर्ट के आधार जल्द ही कार्रवाई की जाएगी.