प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ कथित रूप से आपत्तिजनक टिप्पणी को लेकर कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व मंत्री राजा पटेरिया को ग्वालियर के एमपी-एमएलए कोर्ट ने बरी कर दिया. मामला दिसम्बर 2022 का है. तब पटेरिया का एक वीडियो वायरल हुआ था, जिसमें वो कथित रूप से कथित रूप से कहते हुए दिख रहे थे कि लोकतंत्र को बचाना है तो मोदी की हत्या के लिए तत्पर रहो. इस मामले में पटेरिया को गिरफ्तार किया गया और वे 2 माह 18 दिन जेल में रहे थे.
न्यायालय में पेश किया गया वीडियो
एमपी-एमएलए कोर्ट के विशेष न्यायाधीश धीरेंद्र सिंह परिहार ने पारित आदेश में कहा कि प्रकरण के किसी भी चक्षुदर्शी गवाह ने यह नही कहाकि पूर्व मंत्री ने 11 दिसम्बर 2022 को पवई स्थित विश्राम गृह में दोपहर 12 बजे के बीच प्रधानमंत्री के खिलाफ टिप्पणी की. पुलिस ने उस संदिग्ध वीडियो की जांच तक नहीं कराई. डीवीडी पेन ड्राइव के जरिये यह वीडियो न्यायालय में पेश किया गया.
दिसम्बर 2022 को गिरफ्तार हुए थे पटेरिया
सुनवाई के दौरान आरोपी के वकील संजय शर्मा ने बताया कि 12 दिसम्बर, 2022 को पूर्व मंत्री के खिलाफ एफआईआर की गई और 13 दिसम्बर को उन्हें गिरफ्तार कर लिए गया. एफआईआर में बताया कि नगर परिषद पवई नाम के एक सोशल मीडिया ग्रुप में यह वीडियो शेयर किया गया था, लेकिन अभियोजन पक्ष कोर्ट में यह साबित नही कर पाया कि उक्त ग्रुप ने वीडियो किस व्यक्ति ने उन्हें पेन ड्राइव में दिया.
कोर्ट ने वीडियो को माना संदिग्ध
थाना प्रभारी धर्मेंद्र कुमार सिंह ने स्वीकार किया कि वीडियो की इलेक्ट्रॉनिक विशेषज्ञ से विश्वसनीयता, डबिंग और टेम्परिंग आदि की जांच नही कराई गई है. इसको आधार बनाकर आरोपी के एडवोकेट ने कोर्ट को बताया कि एआई टूल्स का उपयोग कर फर्जी वीडियो तैयार किये जा रहे हैं. उनके तर्कों को स्वीकार करते हुए कोर्ट ने वीडियो को संदिग्ध मानते हुए पूर्व मंत्री राजा पटेरिया को बरी कर दिया.
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