विदिशा में मौजूद हैं भगवान राम के चरणों के निशान, यहां मांगी गई सारी मनोकामनाएं होती हैं पूरी

Charan Teerth Vidisha: ऐसा बताया जाता है कि भगवान राम जब वनवास के लिए जा रहे थे, उसी दौरान भगवान राम, लक्ष्मण और माता सीता ने बेतवा नदी के पास रुक कर आराम किया था. उसी समय वहां मौजूद भक्तों के निवेदन पर भगवान राम ने अपने चरणों के निशान दिए थे, जो आज भी मौजूद हैं.

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चरण तीर्थ मंदिर विदिशा के साथ मध्य प्रदेश की भी आस्था का बड़ा केंद्र है.

Lord Ram Footprints in Vidisha: अयोध्या में 22 जनवरी को रामलला की प्राण प्रतिष्ठा (Ramlala Pran Pratishtha) होने के साथ ही राम भक्तों के वर्षों का इंतजार खत्म हो जाएगा. प्राण प्रतिष्ठा को लेकर देश भर में जश्न का माहौल है. राम मंदिर (Ram Mandir) का जश्न मनाने के लिए धार्मिक नगरी विदिशा (Vidisha) में भी भव्य तैयारियां की जा रही हैं. आपको बता दें कि विदिशा का भगवान राम (Lord Ram) से एक रिश्ता जुड़ा हुआ है. यहां से निकलने वाली बेतवा नदी के बीचों बीच भगवान राम के चरणों के निशान मौजूद हैं. जिसके कारण इस स्थान को चरण तीर्थ (Charan Teerth) के नाम से जाना जाता है.

ऐसा बताया जाता है कि भगवान राम जब वनवास के लिए जा रहे थे, उसी दौरान भगवान राम, लक्ष्मण और माता सीता ने बेतवा नदी के पास रुक कर आराम किया था. उसी समय वहां मौजूद भक्तों के निवेदन पर भगवान राम ने अपने चरणों के निशान दिए थे, जो आज भी मौजूद हैं. बता दें कि बेतवा नदी के बीचों बीच एक विशाल मंदिर में भगवान राम के चरणों के निशान मौजूद हैं, जहां पूजा-अर्चना के लिए भक्तों की लंबी कतारें लगती हैं. नदी के घाट के दूसरी तरफ भगवान राम के छोटे भाई लक्ष्मण का भी मंदिर बना है. लोगों का मानना है कि इस मंदिर में मांगी कई सारी मनोकामनाएं पूरी होती हैं.

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बेतवा नदी के बीचों बीच बने मंदिर में भगवान राम के चरणों के निशान मौजूद हैं.

रामायण में भी है विदिशा का जिक्र

मंदिर की सेवा करने वाले पुजारी संजय पुरोहित बताते हैं कि उनका परिवार सदियों से मंदिर में अपनी सेवाएं दे रहा है. उन्होंने बताया कि यह चरण तीर्थ भगवान राम के चरणों के नाम से प्रसिद्ध है. करीब 25-30 साल से लगातार दर्शन के लिए आने वाले एक भक्त बताते हैं कि यहां कोई भी मन्नत मांगता है तो उसकी मनोकामना जरूर पूरी होती है. एक अन्य भक्त जो कि रोज मंदिर में पूजा के लिए आती हैं, उन्होंने बताया कि यहां भगवान राम के चरणों के निशान हैं. हम लोग यहां हमेशा पूजा करने आते हैं.

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विदिशा की ही रहने वाली एक भक्त ने बताया कि वे अपने परिवार के साथ पूजा करने आई हैं. उन्होंने कहा कि विदिशा के चरण तीर्थ की बहुत मान्यता है. इसलिए हम पूजा करने आते हैं. वहीं पंडित सतीश चंद्र व्यास शास्त्री भगवान राम का विदिशा से बड़ा गहरा रिश्ता बताते हैं. उनके अनुसार, विदिशा का जिक्र रामायण में भी है. विदिशा के कैलाश नारायण व्यास चरण तीर्थ को बड़ी आराधना का केंद्र बताते हैं. उन्होंने बताया कि यहां भगवान राम के साथ भगवान शिव का शिवालय भी है.

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दो बार विदिशा आए भगवान राम

बताया जाता है कि भगवान राम दो बार विदिशा आए. पहली बार वनवास जाते हुए और दूसरी बार अयोध्या लौटते हुए. इस दौरान भगवान राम विदिशा के बेतवा कुंड में स्नान कर अयोध्या वापस लौटे थे. आज भी यह मंदिर बेतवा नदी के बीचों बीच मौजूद है. यह चरण तीर्थ मंदिर विदिशा के साथ मध्य प्रदेश की भी आस्था का बड़ा केंद्र है. आज इस तीर्थ स्थान पर भगवान शिव, शनि, हनुमान और लक्ष्मण के साथ कई देवताओं की मंदिरें मौजूद हैं.

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