MP Footballers: मध्यप्रदेश के लिए गौरव का अवसर है कि प्रदेश के पांच फुटबॉल खिलाड़ियों का चयन जर्मनी में वर्ल्ड क्लास प्रशिक्षण के लिए हुआ है. चयनित खिलाड़ियों में कुमारी सानिया कुण्डे (14), कुमारी सुहानी कोल (15), प्रीतम कुमार (14), वीरेन्द्र बैगा (16) और मनीष घसिया (16) शामिल हैं. ये सभी खिलाड़ी जर्मनी के विश्व प्रसिद्ध एफसी Ingolstadt 04 फुटबॉल क्लब में प्रशिक्षण प्राप्त करेंगे. यह क्लब यूरोप के उन चुनिंदा क्लबों में गिना जाता है जिसने कई प्रतिभाओं को अंतरराष्ट्रीय स्तर तक पहुंचाया है.
कौन हैं चयनियत होने वाले खिलाड़ी
• सानिया कुण्डे-जबलपुर की रहने वाली सानिया ने 13 साल की उम्र में ही नेशनल सब-जूनियर फुटबॉल टूर्नामेंट में गोल्ड मेडल जीता. साधारण परिवार से आने वाली सानिया के पिता किसान हैं, जबकि मां गृहिणी हैं.
• सुहानी कोल- बालाघाट जिले की सुहानी ने कई इंटर-स्कूल और जिला स्तरीय प्रतियोगिताओं में शीर्ष स्थान हासिल किया. उनका सपना भारतीय महिला फुटबॉल टीम का हिस्सा बनने का है. उनके पिता ऑटो चालक हैं और परिवार ने कठिनाइयों के बावजूद सुहानी को हर सुविधा देने का प्रयास किया.
• प्रीतम कुमार- सतना जिले के प्रीतम बेहद साधारण परिवार से हैं. उन्होंने फुटबॉल के प्रति अपने जुनून के कारण कई बार आर्थिक चुनौतियों का सामना किया लेकिन आज वे राज्य के उभरते खिलाड़ियों में गिने जाते हैं.
• वीरेन्द्र बैगा- मंडला जिले से ताल्लुक रखने वाले आदिवासी खिलाड़ी वीरेन्द्र ने अपने स्कूल और जिला टीम से खेलते हुए शानदार प्रदर्शन किया. उन्होंने ट्राइबल स्पोर्ट्स प्रतियोगिता में भी गोल्ड मेडल हासिल किया.
• मनीष घसिया- छिंदवाड़ा के मनीष बचपन से ही फुटबॉल खेलते आ रहे हैं. सीमित साधनों के बावजूद उन्होंने खुद को तैयार किया और अंडर-16 राज्य स्तरीय प्रतियोगिता में टीम को जीत दिलाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई.
सीएम ने भेंट की फुटबॉल किट
प्रदेश सरकार और खेल विभाग की पहल पर इन खिलाड़ियों को यह सुनहरा मौका मिला है. मुख्यमंत्री मोहन यादव ने इन खिलाड़ियों को शुभकामनाएं देते हुए उन्हें विशेष फुटबॉल किट भेंट की, साथ ही कहा कि उनकी मेहनत व लगन से प्रदेश का नाम रोशन होगा. उन्होंने खिलाड़ियों को प्रेरित करते हुए कहा कि आने वाले समय में मध्यप्रदेश फुटबॉल की नई पहचान बनेगा.
खेल स्तर ऊंचा होगा
खेल विशेषज्ञों का मानना है कि जर्मनी में इन्हें आधुनिक प्रशिक्षण, डाइट मैनेजमेंट, फिटनेस और खेल की नई तकनीकों की गहन जानकारी मिलेगी. इससे न केवल इनका खेल स्तर ऊंचा होगा बल्कि अन्य खिलाड़ियों को भी प्रेरणा मिलेगी. ये पांच खिलाड़ी लौटकर प्रदेश के युवाओं के लिए रोल मॉडल बनेंगे और मध्यप्रदेश में फुटबॉल की नई ऊर्जा और पहचान स्थापित करेंगे.
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