मुरैना में दर्दनाक हादसा, जहरीली गैस की चपेट में आने से पांच मजदूरों की मौत

मृतक मजदूरों की पहचान रमेश मीना, राजू मीना, मुकेश मीना, सुरेश मीना और छोटेलाल मीना के रूप में हुई है. घायल मजदूरों को मुरैना के एक अस्पताल में भर्ती कराया गया है.

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मुरैना में जहरीली गैस से पांच मजदूरों की मौत

मुरैना : मध्य प्रदेश के मुरैना जिले में बुधवार को एक कारखाने के टैंक से निकलने वाली संदिग्ध जहरीली गैस की चपेट में आने से पांच मजदूरों की मौत हो गई. एक वरिष्ठ अधिकारी ने यह जानकारी दी है. सब-डिविजनल मजिस्ट्रेट (एसडीएम) भूपेन्द्र सिंह कुशवाह ने कहा कि सुबह लगभग 11 बजे खाद्य उत्पाद बनाने वाले कारखाने के एक टैंक से गैस निकलने लगी और दो मजदूर इसकी जांच करने के लिए इसमें घुसे. गैस सूंघने के बाद वे बीमार हो गए.

उन्होंने बताया कि इसके बाद तीन और मजदूर प्रभावित हुए. उन्होंने बताया कि सभी को जिला अस्पताल ले जाया गया जहां सिविल सर्जन गजेंद्र सिंह तोमर ने उन्हें मृत घोषित कर दिया. एसडीएम ने कहा कि अधिक जानकारी का इंतजार किया जा रहा है. न्यूज एजेंसी एएनआई की खबर के अनुसार बुधवार को मुरैना की एक चेरी फैक्ट्री में लिक्विड नाइट्रोजन का टैंक फटने से पांच मजदूरों की मौत हो गई और चार अन्य घायल हो गए.  घटना मुरैना के देवेन्द्र नगर इलाके में स्थित फैक्ट्री में हुई.

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टैंक की सफाई करने उतरे थे मजदूर

मृतक मजदूरों की पहचान रमेश मीना, राजू मीना, मुकेश मीना, सुरेश मीना और छोटेलाल मीना के रूप में हुई है. घायल मजदूरों को मुरैना के एक अस्पताल में भर्ती कराया गया है. घटना नूराबाद थाना क्षेत्र की एक फैक्ट्री में सुबह करीब 10 बजे हुई. यह फैक्ट्री पान में इस्तेमाल होने वाली कृत्रिम चेरी बनाती है.

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पुलिस के मुताबिक, मजदूर टैंक की सफाई करने के लिए उसमें उतरे थे. जहरीली गैस के संपर्क में आने से एक मजदूर बेहोश होने लगा. इसके बाद अन्य मजदूर भी उसे बचाने के लिए टैंक में उतरे लेकिन वे भी गैस की चपेट में आ गए.

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पीड़ित परिवारों को आर्थिक मदद का आश्वासन

पुलिस ने बताया कि फैक्ट्री में मजदूर काम कर रहे थे तभी लिक्विड नाइट्रोजन का टैंक फट गया. धमाका इतना जोरदार था कि फैक्ट्री की छत उड़ गई. पुलिस केस दर्ज कर मामले की जांच कर रही है. फिलहाल विस्फोट के कारणों का पता लगाने की कोशिश की जा रही है. पांचों मजदूरों को अस्पताल ले जाया गया लेकिन वहां पहुंचने पर उन्हें मृत घोषित कर दिया गया. फैक्ट्री प्रबंधन द्वारा 50-50 हजार रूपए प्रत्येक परिवार को आर्थिक सहायता के लिए आश्वासन दिया है. वहीं परिवार के एक-एक व्यक्ति को नौकरी की बात कही है.

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