पहले लालच देकर बैंक खाते खुलवाए, फिर कर दिया करोड़ों का लेनदेन, पुलिस ने तीन आरोपियों को किया गिरफ्तार...

सूरज को जब पता चला कि उसके एकाउंट से करोड़ों रुपए का लेन देन हो रहा है, ये जानकर उसके होश उड़ गए. बैंक जाकर पता चला कि यहां किसी अन्य व्यक्ति द्वारा हस्ताक्षर करके लेनदेन किया जा रहा था. इसके बाद फरियादी ने बैंक में अपना खाता बंद करने का आवेदन दिया,और पुलिस से इसकी शिकायत की.

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पहले लालच देकर बैंक खाते खुलवाए, फिर कर दिया करोड़ों का लेनदेन, पुलिस ने तीन आरोपियों को किया गिरफ्तार...
पुलिस ने आरोपियों को कर लिया गिरफ्तार

Madhya Pradesh News: मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) के रतलाम (Ratlam) से आम लोगों के नाम पर बैंक खाते खोलकर करोड़ों रुपए के लेनदेन करने का सनसनीखेज मामला सामने आया है. इंदौर का सूरज वर्तमान में रतलाम में रह रहा था. वो यहां फास्ट फूड का ठेला लगाता है. सूरज की मुलाकात तुलसीराम नाम के व्यक्ति से हुई तो उसने सूरज को हर महीने 15 हजार रुपए देने का लालच दिया. लालच में आकर सूरज ने अपने नाम से बैंक खाता खोलकर खाते की डिटेल्स, चेक बुक, खाते में दर्ज सिम तुलसीराम को दे दी. तुलसीराम ने सूरज को और भी लोगो के खाते खुलवाने पर पैसे देने का लालच देकर एक -दो खाते और खुलवाए.

पैसे नहीं मिलने पर सूरज गया बैंक

तुलसीराम ने सूरज को अन्य दो खाते के पैसे नहीं दिए, सूरज को पैसे नही मिलने पर वह बैंक में खाते बंद करवाने गया तो वहां उसे पता चला कि उसके एकाउंट से करोड़ों रुपए का लेन देन हो रहा है, ये जानकर उसके होश उड़ गए. उसे पता चला कि यहां किसी अन्य व्यक्ति द्वारा हस्ताक्षर करके लेनदेन किया जा रहा था. इसके बाद फरियादी ने बैंक में अपना खाता बंद करने का आवेदन दिया, और पुलिस से शिकायत की. 
उसकी तहरीर पुलिस ने प्रकरण दर्ज कर लिया. पुलिस अधीक्षक रतलाम राहुल कुमार लोढा ने इस मामले की जांच और आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक रतलाम राकेश खाखा के मार्गदर्शन में साइबर सेल रतलाम और थाना औद्योगिक क्षेत्र रतलाम की संयुक्त टीम का गठन किया.

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पुलिस ने आरोपियों को गिरफ्तार किया

इस टीम ने फरियादी के कथन, मुखबिर की सूचना और अन्य तकनीकी साक्ष्यों के आधार पर आरोपी तुलसीराम, योगेश शर्मा, सूर्यप्रकाश त्रिपाठी को गिरफ्तार किया. आरोपियों से फर्जी खाते के उपयोग के सबंध में पूछताछ की जा रही है. अभी तक की जांच में आरोपियों द्वारा बनाई गई फर्जी कंपनियो के माध्यम से विभिन्न राज्यों की करिब 40-50 कंपनियों का पता लगाया गया है. जिनमें करोड़ों रुपयों का लेनदेन किया गया है. 

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