Bank Fraud: यह गिरोह बैंकों को लगाता रहा करोड़ों का चूना और किसी को भनक तक नहीं लगी, बहुत ही शातिराना है इनका तरीका

Criminal Investigation: इस गिरोह में एक्सिस बैंक का पूर्व मैनेजर अनुभव दुबे और जना बैंक का कर्मचारी पुनीत उर्फ राहुल पांडे भी शामिल थे. अनुभव दुबे बैंक में फर्जी बैंक अकाउंट खोलता था, जिसमें लोन की राशि जमा होती थी. उसने प्रवीण काले की असली जमीन के फर्जी दस्तावेजों के आधार पर इंडिया शेल्टर हाउसिंग फाइनेंस से भी लोन लिया था.

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Fraud Prevention:  मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) के जबलपुर (Jabalpur) में स्पेशल टास्क फोर्स (STF) की टीम ने एक बड़े संगठित अपराध का भंडाफोड़ किया है. इसके साथ ही इस अपराध में लिप्त 9 लोगों को एसटीएफ ने गिरफ्तार किया है. ये गिरोह बैंकों से मिलीभगत कर फर्जी दस्तावेजों के आधार पर करोड़ों रुपये का लोन लिया था. पुलिस ने इनके कब्जे से फर्जी रजिस्ट्री, नकली सील और अन्य कई भी सामग्री जब्त की है.

शिकायत पर गठित हुई थी टीम

अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक पंकज श्रीवास्तव ने संगठित अपराधों पर सख्त कार्रवाई के निर्देश दिए थे.इस आदेश के तहत एसटीएफ जबलपुर के एसपी राजेश सिंह भदौरिया और उप पुलिस अधीक्षक संतोष तिवारी के नेतृत्व में एक टीम का गठन किया गया. एसटीएफ को सुमित काले से शिकायत मिली थी कि एक गिरोह ने उसकी जमीन की फर्जी रजिस्ट्री तैयार कर बैंक से लाखों रुपये का लोन ले लिया है.

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जांच में ऐसे हुआ खुलासा

जांच की जिम्मेदारी निरीक्षक निकिता शुक्ला को सौंपी गई. जांच के दौरान टीम ने हिन्दुजा हाउसिंग फाइनेंस कंपनी से संपर्क किया और वहां से रजिस्ट्री जब्त की. इस रजिस्ट्री की जांच कलेक्टर कार्यालय से कराई गई, जिसमें पुष्टि हुई कि रजिस्ट्री असल में सुमित काले के नाम पर है, लेकिन इसे फर्जी तरीके से तैयार कर बैंक में गिरवी रखकर लोन लिया गया था. इसके आधार पर एसटीएफ ने धारा 255, 260, 419, 420, 468, 471, 120बी के तहत मामला दर्ज कर आगे की कार्रवाई शुरू कर दी.

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गिरोह ऐसे करता था काम

आरोपियों में से एक विकास तिवारी की गिरफ्तारी के बाद गिरोह का पूरा नेटवर्क उजागर हो गया. विकास तिवारी बैंकों से होम लोन दिलाने के बहाने लोगों से उनकी असली रजिस्ट्री लेता था. ये रजिस्ट्री संदीप चौबे के जरिए अनीस के पास पहुंचती थी और अनीस इसे अनवर नामक व्यक्ति को देता था, जो कलेक्टर कार्यालय में दलाली का काम करता था. इसके बाद अनवर असली रजिस्ट्री को लखनलाल के स्टूडियो में ले जाता था, जहां लखनलाल फोटोशॉप की मदद से फर्जी रजिस्ट्री तैयार करता था. इसके बाद अनवर फर्जी सील लगाकर रजिस्ट्री को बैंक में गिरवी रखकर लोन ले लेता था.

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बैंक कर्मचारी भी थी मिलिभगत

इस गिरोह में एक्सिस बैंक का पूर्व मैनेजर अनुभव दुबे और जना बैंक का कर्मचारी पुनीत उर्फ राहुल पांडे भी शामिल थे. अनुभव दुबे बैंक में फर्जी बैंक अकाउंट खोलता था, जिसमें लोन की राशि जमा होती थी. उसने प्रवीण काले की असली जमीन के फर्जी दस्तावेजों के आधार पर इंडिया शेल्टर हाउसिंग फाइनेंस से भी लोन लिया था. पुनीत उर्फ राहुल पांडे, जना बैंक से फर्जी रजिस्ट्री पर लगभग एक करोड़ का लोन दिलाने में मदद करता था.

प्रवीण पांडे की भूमिका

प्रवीण पांडे उर्फ सोनू गिरोह का एक प्रमुख सदस्य है. उसे विभिन्न नामों से बैंक में पेश कर फर्जी बैंक अकाउंट खुलवाए जाते थे. उसने सुमित काले और शेख सलीम के नाम से फर्जी आधार कार्ड और पैन कार्ड का उपयोग कर बैंक अकाउंट खुलवाए थे.

गिरफ्तार आरोपी

इस काले कारनामे के आरोप में पुलिस ने आरोपी विकास तिवारी,संदीप चौबे, मोहम्मद अनीस अहमद, अनवर ऊर्फ अन्नू, प्रवीण पांडे, लखन प्रजापति, राजेश डहेरिया, अनुभव दुबे  और पुनीत उर्फ राहुल पांडे को गिरफ्तार कर लिया है.

आरोपियों से जब्त की गई ये सामग्री

एसटीएफ ने आरोपियों से 10 फर्जी रजिस्ट्री, 4 पेन कार्ड/आधार कार्ड, नकली सील, मोबाइल फोन और अन्य इलेक्ट्रॉनिक उपकरण जब्त किए हैं. इसके अलावा, एक्सिस बैंक में 6.5 लाख रुपये होल्ड करवाए गए हैं. इस गिरोह ने विभिन्न बैंकों से लगभग 1.75 करोड़ रुपये का लोन प्राप्त किया था. इस कार्रवाई से एसटीएफ ने संगठित अपराधियों के नेटवर्क को ध्वस्त कर दिया है. आगे की जांच जारी है और इस गिरोह से जुड़े अन्य लोगों की तलाश की जा रही है.

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