MP News : मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) के विदिशा जिले में किसानों को बिजली की बहुत परेशानी हो रही है. खेती के लिए बिजली नहीं मिल रही, जिससे किसान परेशान हो गए हैं. इस परेशानी के चलते किसानों ने सिरोंज-बासोदा रोड पर जाम लगा दिया. इकोदिया, चंदाढाना, बनिया ढाना, आजामनगर और परसोरा गांव के किसानों ने मिलकर प्रदर्शन किया. ये जाम करीब एक घंटे तक चला. इस दौरान सड़क पर गाड़ियों की लंबी लाइन लग गई और लोग परेशान हो गए. ऐसे में जब अफसर सामने आए तो किसान दंडवत हो गए और पैरों में गिरकर गांव की बिजली की मांग करने लगे.
अधिकारियों के सामने झुके किसान
बिजली की कमी से परेशान किसानों का गुस्सा बहुत बढ़ गया था. तहसीलदार संजय चौरसिया, बिजली विभाग के अधिकारी राजीव रंजन, और पुलिस के लोग मौके पर पहुंचे. किसानों का गुस्सा इतना था कि उन्होंने अधिकारियों के सामने झुककर बिजली की मांग की. कुछ किसानों ने अधिकारियों के पैर पकड़ लिए. किसानों ने कहा कि बिना बिजली के उनकी फसल सूख जाएगी. कांग्रेस नेता सुरेंद्र रघुवंशी भी किसानों के साथ थे. उन्होंने कहा, "बिजली के बिना खेती संभव नहीं है. हमें मजबूर होकर ये कदम उठाना पड़ा. "
मामले को लेकर क्या बोले अधिकारी ?
अधिकारियों ने किसानों को भरोसा दिलाया कि बिजली की समस्या को जल्द सुलझाया जाएगा. तहसीलदार संजय चौरसिया ने कहा कि उनकी मांगों पर ध्यान दिया जाएगा और बिजली जल्द से जल्द दी जाएगी. इस भरोसे के बाद किसानों ने अपना जाम हटा लिया. जिसके बाद सड़क यातायात दुबारा सुचारु हुआ... और लोगों ने राहत की सांस ली.
पूर्व केंद्रीय मंत्री का भी आया बयान
इस बीच, पूर्व केंद्रीय मंत्री अरुण यादव ने एक वीडियो जारी किया. इस वीडियो में एक किसान अफसरों के सामने झुका हुआ है और बिजली की मांग कर रहा है. यादव ने इस वीडियो के साथ कहा कि सरकार ने किसानों की कोई मदद नहीं की. किसानों को न खाद मिल रही है... न बीज और अब बिजली भी नहीं. उन्होंने कहा, "हमारा अन्नदाता परेशान है और अधिकारियों के सामने झुकना पड़ रहा है. "
रबी फसल के लिए जरूरी है बिजली
फिलहाल, राज्य में रबी की फसल की बुवाई का समय है. किसानों को इस समय बिजली, खाद और बीज की सबसे ज्यादा जरूरत होती है. सरकार ने किसानों की खाद की परेशानी को कम करने के लिए 2024-25 में 254 नए खाद के केंद्र खोलने का फैसला किया है. इन केंद्रों पर किसानों को आसानी से खाद मिलेगा. लेकिन बिजली की परेशानी अभी भी बड़ी बनी हुई है.
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असफर नहीं उठाने फोन- किसान
किसानों का कहना है कि उन्हें समय पर बिजली नहीं मिलती. अफसरों को फोन करते हैं, लेकिन वे फोन तक नहीं उठाते. किसान अब सवाल कर रहे हैं कि सरकार कब उनकी मदद करेगी. बिजली की इस कमी से उनकी फसलें सूख रही हैं. किसान उम्मीद कर रहे हैं कि सरकार जल्दी से जल्दी उनकी इस समस्या का हल निकालेगी, ताकि उनकी फसल बर्बाद न हो.
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