Fake Patwari: फर्जी विकलांगता सर्टिफिकेट से बन गया था पटवारी, पुलिस को लगातार दे रहा था चकमा... आरोपी हंसराज मीणा गिरफ्तार

Fake Patwari Hansraj Meena Arrested: फर्जी विकलांगता प्रमाण पत्र के सहारे पटवारी बन कर सरकार और प्रशासन को लगातार चकमा दे रहे आरोपी हंसराज मीणा को पुलिस ने आखिरकार गिरफ्तार कर लिया है.

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Patwari Job with fake disability Certificate: शिवपुरी में फर्जी दिव्यांगता प्रमाण पत्र के सहारे पटवारी बनने वाले आरोपी हंसराज मीणा को आखिरकार पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है. यह 24 फरवरी 2024 से फरार था और पुलिस-प्रशासन को लगातार चकमा दे रहा था. 24 फरवरी 2024 में पटवारी भर्ती परीक्षा में चयनित अभ्यार्थियों के दस्तावेज परीक्षण के दौरान फर्जी दिव्यांगता प्रमाण पत्र लगाने का मामला सामने आया था. 

ऐसे हुआ था हंसराज मीणा के फर्जी दिव्यांगता प्रमाण पत्र का खुलासा

गिरफ्तार आरोपी हंसराज मीणा पर पुलिस ने धोखाधड़ी सहित शासन को गुमराह करने की धाराओं में मुकदमा दर्ज किया और कानूनी कार्रवाई करते हुए उसे जेल भेज दिया. दरअसल, मामला 24 फरवरी 2024 को सामने आया था, जब कलेक्ट्रेट कार्यालय में बाबू के पद पर कार्यरत दीपक खटीक ने रिपोर्ट दर्ज करवाते हुए आरोप लगाया था कि श्योपुर जिले के वीरपुर थाना क्षेत्र के पचाईपुरा निवासी हंसराज मीणा पुत्र रामस्वरूप मीणा ने फर्जी विकलांगता प्रमाण पत्र लगाकर पटवारी भर्ती परीक्षा में चयन प्राप्त किया है.

आरोपी हंसराज मीणा के खिलाफ इन धाराओं में FIR दर्ज

इस शिकायत के आधार पर शिवपुरी कोतवाली पुलिस ने आरोपी हंसराज मीणा के खिलाफ अपराध क्रमांक 134/24 के तहत धारा 420, 467, 468, 471 भादवि में मामला दर्ज कर जांच शुरू की. प्रकरण की गंभीरता को देखते हुए पुलिस अधीक्षक शिवपुरी अमन सिंह राठौड़ ने आरोपी की तत्काल गिरफ्तारी के निर्देश दिए थे.

आरोपी हंसराज मीणा को पुलिस ने किया गिरफ्तार

कोतवाली टीआई कृपाल सिंह राठौड़ ने एक विशेष टीम का गठन किया. इस टीम ने 20 नवंबर 2025 को श्योपुर जिले के वीरपुर थाना क्षेत्र के ग्राम पचाईपुरा में दबिश दी और आरोपी हंसराज मीणा को गिरफ्तार कर लिया. बता दें कि आरोपी पुलिस और प्रशासन को गुमराह करते हुए लगातार अपने अपराध से बचने के लिए फरार रह रहा था, जिसे गिरफ्तार करने के लिए लगातार पुलिस कोशिश कर रही थी.

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वहीं गिरफ्तारी के बाद आरोपी हंसराज मीणा को न्यायालय में पेश किया गया, जहां से उसे न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया गया.

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