Digital Scams: संत को Digital Arrest कर की थी 2.5 करोड़ रुपये की ठगी, जांच में आरोपियों ने बताए 3 करोड़ रुपये ऐसे लगाए थे ठिकाने

Cyber Fraud Case: : ठगों की मदद करने वाले लोगों ने बड़ा खुलासा किया है. महाठगी के इन आरोपियों ने बताया है कि 3 महीने में 3 करोड़ रुपये की रकम ठगों तक इन आरोपियों ने पहुंचाई थी. इससे जुड़े बाकी आरोपियों को पकड़ने के लिए ग्वालियर एसआईटी की टीमें दस राज्यों में डेरा डाले हुई है.

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MP biggest Cyber Fraud Case: मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) के ग्वालियर (Gwalior) शहर में डिजिटल अरेस्ट (Digital Arrest) के जरिए हुई ढाई करोड़ की ठगी की वारदात के मामले में एसआईटी (SIT) ने सोमवार को बड़ा खुलासा किया. एसआईटी ने दावा किया है कि ठगी के जरिए हासिल पैसे को देश के आठ राज्यों में अलग-अलग खातों में  ट्रांसफर किया गया था. इस मामले में गठित की गई SIT की टीम ने ठगी के 10 लाख रुपये ट्रांसफर करने वाले उज्जैन (Ujjain) स्थित बंधन बैंक (Bandhan Bank) के मैनेजर, महिला कैशियर सहित नागदा से 6 लोगों को गिरफ्तार कर सभी को कोर्ट में पेश कर रिमांड पर ले लिया है.

पूछताछ में इन लोगों ने बड़ा खुलासा किया है. महाठगी के इन आरोपियों ने बताया है कि 3 महीने में 3 करोड़ रुपये की रकम ठगों तक इन आरोपियों ने पहुंचाई थी. इससे जुड़े बाकी आरोपियों को पकड़ने के लिए ग्वालियर एसआईटी की टीमें दस राज्यों में डेरा डाले हुई है. दरअसल, ग्वालियर में मनी लॉन्ड्रिंग केस का हवाला देकर रामकृष्ण मिशन संस्था के सचिव स्वामी सुप्रदिप्तानंद को 26 दिन तक डिजिटल अरेस्ट कर 2 करोड़ 52 लाख रुपये की ठगी करने वाला गैंग के तार देशभर में होने वाले साइबर अपराधों से जुड़े हुए हैं.

एक कंपनी के खाते में भी ट्रांसफर हुए थे 30 लाख रुपये

एसपी धर्मवीर सिंह के अनुसार ठगी के एक करोड़ 30 लाख रुपये इलाहाबाद स्थित इंडसइंड बैंक में एक कंपनी के खाते में और 10 लाख रुपये उज्जैन के बंधन बैंक में ट्रांसफर हुए थे.  SIT ने ठग गैंग के 6 आरोपियों को उज्जैन, नागदा, रतलाम से गिरफ्तार कर कोर्ट से 5 दिन की रिमांड पर लिया है. एसपी ने बताया कि  ढाई करोड़ की इस ठगी के मामले में 50 से ज्यादा बैंक अकाउंट शक के दायरे में है. वहीं, उज्जैन बंधन बैंक के असिस्टेंट मैनेजर और कैशियर की गिरफ्तारी के बाद बंधन बैंक की रतलाम और नागदा ब्रांच भी शक के दायरे में आई गई है.

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उन्होंने बताया कि अब तक की पूछताछ  में सामने आया है कि गरीबों के बैंक अकाउंट में ठगी का पैसा पहुंचाया जाता था और यह काम कमीशन पर ठग गैंग के एजेंट करते थे. यह एजेंट 5 हजार रुपये देकर  एक फर्जी बैंक अकाउंट खुलवाता था, जबकि तीन माह में तीन करोड़ रुपये की रकम गैंग ने मास्टरमाइंड तक पहुंचाई थी. जांच में यह भी पता चला कि आरोपी बैंक कर्मचारी पुलिस कार्रवाई की सूचना भी ठगों तक लगातार पहुंचाते थे. गैंग के मास्टरमाइंड की पहचान उदय राज के रूप में हुई है, जो ठगी की रकम को US डॉलर में डील करता था और USDT डील कर मुद्रा को विदेशों में भेजता था. यदि मास्टरमाइंड उदय राज SIT (पुलिस) के हाथ लगता है, तो साइबर ठगी के मामले में एक बड़ा खुलासा हो सकता है. फिलहाल, SIT की दो टीम इलाहाबाद में डेरा डाले हुए हैं.

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