NCERT Fake Books: मध्यप्रदेश में नकली किताबों का बाजार गर्म है. दरअसल देश में NCERT किताबों की मांग बढ़ी है और सप्लाई कम पड़ गई है. इसी कमी का फायदा उठाकर मार्केट में उतर आईं हूबहू नकली किताबें. NDTV की पड़ताल में खुलासा हुआ कि भोपाल की कई दुकानों पर नकली NCERT किताबें खुलेआम बिक रही हैं. ये हमारे-आपके बच्चों के भविष्य के साथ सीधे-सीधे खिलवाड़ है. इन नकली किताबों में कई जगह पन्ने अधूरे हैं और खराब छपाई की वजह से बच्चों की आंखों पर भी असर पड़ रहा है. बवाल बढ़ने पर सरकार ने सफाई दी है कि कार्रवाई कर रहे हैं और नकली किताबों को दुकानों से लौटाया जा रहा है. आगे बढ़ने से पहले ये जान लेते हैं कि असली और नकली किताब को कैसे पहचाने.
क्वालिटी ने खोल दी पोल
आपको ज़मीनी हकीकत से रूबरू करवाने के लिए एनडीटीवी ने पड़ताल की. हमारी टीम ने दुकानों पर जाकर जब किताबें मांगी, तो शक हुआ — बारकोड, कवर और लेआउट सब असली जैसे प्रतीत हो रहे थे लेकिन क्वालिटी ने इन किताबों की पोल खोल दी. हमें कई किताबों के पन्ने अधूरे मिले. इसके अलावा कुछ में इंक फैली थी और कुछ में चित्र ही गायब थे. जैसे किताब खुद कह रही हो "साहब मैं तो नकली हूं, असली कहीं और .... " .कई किताबों के पन्नों पर प्रिंटिंग सही नहीं है. कुछ किताबों में तस्वीरों के नाम पर केवल इंक फैली हुई है तो कुछ किताबों में से चित्र ही गायब हैं.
इन नकली किताबों की छपाई की क्वालिटी आप खुद देख सकते हैं. ये बच्चों की आंखों पर असर डाल सकती हैं
शिक्षा मंत्री बोले- कार्रवाई कर रहे हैं
हमने जब दूकानदार से पूछा कि नकली किताबें क्यों बेची जा रही है तो उनका कहना है कि क्या करें ऑनलाइन इससे भी सस्ती बिक रही हैं. उन्होंने बताया ये किताबें लोकल ही मिल जाती हैं. लोकल सप्लायर ही हमें देकर जाते हैं. कुछ सप्लायर बाहर से भी आते हैं. जब बच्चे बताते हैं कि ये गलत किताब है तो हम बदल कर दे देते हैं. उनका कहना है कि हमें तो देख कर ही समझ में आ जाता है कि यह असली है या नकली.
हमने राज्य के स्कूली शिक्षा मंत्री राव उदय प्रताप से भी इस मसले पर सवाल किया तो उन्होंने बताया- सरकार कार्रवाई कर रही है. नकली किताबों को दुकानों से वापस कराया जा रहा है. सरकार अपनी चौकसी और बढ़ा रही है जिससे की बच्चों को असली किताबें ही मिल पाए. बहरहाल सरकार ने तो कार्रवाई का आश्वासन तो दिया है लेकिन सवाल ये है कि दुकानदारों तक नकलीकिताबें पहुंची कैसे और पहुंची तो उन्हें बेचने की इजाजत कैसे मिल गई? हम तो यही कहेंगे कि अगर आप भी किताब खरीदने जा रहे हैं, तो वॉटरमार्क और क्वालिटी ज़रूर चेक करें... क्योंकि नकली किताब सिर्फ आपके पैसों से नहीं, बच्चों की पढ़ाई से भी खिलवाड़ है.
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