Exclusive News: बारिश में जिला अस्पताल के आईसीयू रूम की खुली पोल, छत टपकने से भीगते, परेशान होते रहे लोग

Sehore News: जिला अस्पताल में पीआईयू विभाग द्वारा तीन साल पहले ही ग्राउण्ड तल पर दस बेड का आईसीयू निर्मित किया गया था. लेकिन घटिया निर्माण के चलते छत से लीकेज की समस्या शुरुआत से ही बनी हुई है

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Madhya Pradesh: मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) के सीहोर (Sehore) में बारिश ने सरकारी लापरवाही की पोल खोल दी. शुक्रवार की तड़के सुबह हुई जोरदार बारिश ने सीहोर के जिला अस्पताल ट्रामा सेंटर हुए घटिया और लापरवाहीपूर्ण निर्माण कार्य को उजागर कर दिया. बताइए मानसून की पहली बारिश में ही जिला अस्पताल के आईसीयू की छत जगह-जगह से टपनके लगी. इससे मरीजों औप उनके परिजनों के कुछ घंटे बड़ी मुश्किल से गुजरे. इस टपकते पानी से कहीं मरीज तो कहीं उनका सामान भी भीगा हो गया. निर्माण एजेंसी और अस्पताल प्रबंधन की लापरवाही का खामियाजा गंभीर मरीजों को उठाना पड़ रहा है, यहां मरीज दिनभर परेशान होते रहे.

तेज बारिश ने खोल दी घटिया निर्माण की पोल

गौरतलब है कि शुक्रवार सुबह नगर में तेज बारिश हुई, जिला अस्पताल के आईसीयू वार्ड की छत जगह-जगह से लीकेज होने के कारण टपकती रही. जिसके चलते आईसीयू वार्ड पानी से भर गया और जहां पर भर्ती गंभीर मरीजों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ा. लीकेज की समस्या के कारण मरीजों को अन्य वार्डो में शिफ्ट किया गया. शिफ्टिंग के कारण गंभीर मरीज घंटों परेशान रहे. ग्राम बिजलोन के रहने वाले जमनाप्रसाद कुशवाह ने बताया कि वह दमा के मरीज हैं, उन्हें सांस लेने में काफी समस्या हो रही थी. इसलिए उन्हें आईसीयू में भर्ती कराया गया था. सुबह पांच बजे से छत टपक रही है. पूरे वार्ड में पानी भरा गया है. पलंग भी भीग गए हैं. स्टाफ लापरवाही बरत रहा है, मरीजों को सर्जीकल वार्ड में शिफ्ट किया है लेकिन वहां पलंग ही नहीं हैं.

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जिला अस्पताल ने आखिर क्यों नहीं उठाए ठोस कदम?

गौरतलब है कि जिला अस्पताल में पीआईयू विभाग द्वारा तीन साल पहले ही ग्राउण्ड तल पर दस बेड का आईसीयू निर्मित किया गया था. लेकिन घटिया निर्माण के चलते छत से लीकेज की समस्या शुरुआत से ही बनी हुई है. आईसीयू स्टाफ ने बताया कि छत टपकने की समस्या से जिम्मेदारों को अवगत करा चुके थे और कई बार लिख कर प्रबंधन को दे चुके थे. अब सवाल यह है कि जब हर बारिश में यहां लीकेज की समस्या बनी रहती है तो फिर जिला अस्पताल प्रबंधन द्वारा कोई ठोस उपाय क्यों नहीं किए गए? इस संबंध में अस्पताल प्रबंधन कुछ भी कहने को तैयार नहीं है.

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