EVM Hacking News: ईवीएम के खिलाफ मोर्चा खोलने वाले पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह के समर्थन में कमलनाथ भी आ गए हैं. उन्होंने सोशल मीडिया साइट ट्विटर पर लिखा कि भारतीय चुनाव प्रक्रिया में ईवीएम मशीन की विश्वसनीयता को लेकर लगातार सवाल खड़े हो रहे हैं. राज्यसभा सांसद दिग्विजय सिंह ने तकनीकी विशेषज्ञों के साथ बुधवार को भोपाल में डमी ईवीएम मशीन में छेड़छाड़ का प्रदर्शन एक पत्रकार वार्ता के जरिए प्रस्तुत किया. वहां मौजूद पत्रकारों ने स्वयं डमी ईवीएम का बटन दबाया और यह पाया कि न सिर्फ वोट संख्या में बल्कि वीवीपैट से प्राप्त होने वाली पर्ची में भी बदलाव किया जा सकता है.
इसका सीधा अर्थ है कि जो वोट भारत का नागरिक डाल रहा है, उसमें छेड़छाड़ की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता है. इसलिए यह आवश्यक हो गया है कि भारतीय लोकतंत्र को मजबूत बनाने के लिए और भारत के नागरिकों का मतदान 100% सुरक्षित करने के लिए वोटिंग की प्रणाली में बदलाव किया जाए. ईवीएम हटाकर मतपत्र से चुनाव कराए जाएं. और अगर ईवीएम से ही चुनाव कराने हैं, तो वोट की पर्ची मतदाता को हाथ में मिलनी चाहिए, जिसे वह मत पेटी में डालें और इसी पर्ची को गिना जाए.
हार के बाद से लगातार उठा रहे हैं मुद्दा
दरअसल, मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव में मिली हार को कांग्रेसी पचा नहीं पा रहे हैं. दरअसल, इस चुनाव में कांग्रेस को जीत का पूरा भरोसा था, लेकिन चुनाव नतीजे इसके बिल्कुल ही उलट आए. लिहाजा, चुनाव नतीजे के बाद से लगातार कांग्रेस के नेता और खास कर पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह इसे ईवीएम के खिलाफ हल्ला बोल रहे हैं. कांग्रेस नेताओं का आरोप है कि भाजपा ने ईवीएम में गड़बड़ी से ये जीत हासिल की है. चुनाव के तुरंत बाद भी दिग्विजय सिंह ने सवाल उठाया था कि जब बैलेट पेपर में कांग्रेस 230 में से 199 सीटों पर आगे चल रही थी, तो ईवीएम खुलते ही अचानक कैसे बीजेपी आगे निकल गई. अब लोकसभा चुनाव से पहले दिग्विजय सिंह ने एक बार फिर से ईवीएम के खिलाफ हल्ला बोल दिया है.
डेमो दिखाकर आरोपों को किया साबित
इस संबंध में दिग्विजय सिंह ने बुधवार को बाकायदा इस संबंध में एक प्रेस कांफ्रेंस कर ईवीएम की खामियां गिनाई. इस मौके पर उन्होंने जुगाड़ से बनाई गई VVPAT मशीन से वोटिंग का डेमो दिखाकर यह बताया कि कैसे वीवीपैट से वोटों की चोरी होती है. इसके बाद उन्होंने बैलेट से चुनाव कराने की मांग की.
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दिग्विजय सिंह ने कहा कि ईवीएम को लेकर खुद लालकृष्ण आडवाणी अविश्वास जता चुके हैं. उन्होंने कहा कि ईवीएम का इस्तेमाल 2003 में शुरू हुआ. लेकिन अविश्वास सामने आने के बाद इसके साथ वीवीपैट को जोड़ा गया. अब वीवीपैट से भी छेड़छाड़ की बात कहकर कांग्रेस पार्टी वोट के बाद मतदाता के हाथ में पर्ची देने और उसे दूसरे बॉक्स में जमा कराने की मांग कर रही है. कांग्रेस की मांग है कि मसीन के बजाय इसी पर्ची की गिनती की जाए, या फिर बैलेट पेपर से चुनाव कराए जाएं.
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