ई-अटेंडेंस सिस्टम की खामियों से शिक्षक परेशान, Attendance लगाने के बावजूद आगर मालवा में सैकड़ों शिक्षकों का वेतन रोका

E-Attendance: मध्य प्रदेश में ई-अटेंडेंस सिस्टम लागू होने के बाद आगर मालवा के नलखेड़ा तहसील में शिक्षकों की वेतन रोक दी गई है. शिक्षकों का सीधा आरोप है, कुछ लोग ई-अटेंडेंस नहीं लगा रहे, लेकिन नियमित रूप से मोबाइल पर उपस्थिति दर्ज करने वाले शिक्षकों को भी सजा दी जा रही है. यह पूरी तरह गलत और मनमाना फैसला है.

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MP E-Attendance System: मध्य प्रदेश के आगर मालवा में ई-अटेंडेंस सिस्टम की खामियों ने एक बार फिर शिक्षकों को परेशानी में डाल दिया. नलखेड़ा तहसील में समय पर ई-अटेंडेंस लगाने के बावजूद सैकड़ों शिक्षकों का वेतन रोक दिया गया, जिसके विरोध में नाराज शिक्षक आज बीईओ कार्यालय पहुंच गए और कार्यालय के बाहर धरने पर बैठ गए.

नलखेड़ा तहसील के शिक्षकों की वेतन पर रोक 

पूरा मामला ई-अटेंडेंस से शुरू हुआ.. कुछ शिक्षक मोबाइल पर उपस्थिति दर्ज नहीं कर रहे थे, लेकिन इस चूक की सजा पूरे नलखेड़ा तहसील के सभी शिक्षकों को दे दी गई. डीईओ के मौखिक आदेश का हवाला देते हुए बीईओ ने पूरे स्टाफ का वेतन रोकने की कार्रवाई कर दी.

शिक्षकों का आरोप

धरने पर बैठे शिक्षकों का सीधा आरोप है, कुछ लोग ई-अटेंडेंस नहीं लगा रहे, लेकिन नियमित रूप से मोबाइल पर उपस्थिति दर्ज करने वाले शिक्षकों को भी सजा दी जा रही है. यह पूरी तरह गलत और मनमाना फैसला है. तकनीकी गड़बड़ी या कुछ व्यक्तियों की लापरवाही का ठीकरा सभी पर फोड़ना गलत है.

नलखेड़ा बीईओ ने क्या कहा?

वहीं नलखेड़ा बीईओ दिनेश त्रिवेदी का कहना है कि उन्होंने यह कार्रवाई जिला शिक्षा अधिकारी के मौखिक निर्देश पर की थी. लिखित आदेश उपलब्ध नहीं होने के चलते अब वेतन जारी करने की प्रक्रिया शुरू की जा रही है और आज ही वेतन आहरण की कार्यवाही कर दी जाएगी.

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ऐसे में सवाल खड़ा हो रहा है कि क्या बिना लिखित आदेश पूरे तहसील का वेतन रोकना उचित था? अब प्रशासन वेतन तो जारी कर रहा है, लेकिन विवाद ने ई-अटेंडेंस सिस्टम और उसके अमल पर कई गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं.

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