Dussehra 2025 Ravan Dahan: भोपाल में विजयादशमी (Vijayadashami) पर रावण दहन (Ravan Dahan) की तैयारियाँ ज़ोरों पर हैं. शहर के प्रमुख दशहरा मैदानों में विशाल पुतलों का निर्माण अंतिम चरण में है. छोला, कोलार, बीएचईएल, टीटी नगर, कलियासोत और जंबूरी मैदान जैसे स्थानों पर 50 से लेकर 105 फीट ऊँचाई तक के रावण, मेघनाद और कुंभकर्ण के पुतले तैयार किए जा रहे हैं. इन पुतलों को बांस, कपड़े और आतिशबाज़ी सामग्री से सजाया गया है, जो क्रेन की सहायता से खड़े किए जा रहे हैं. आयोजन समितियों ने बताया कि कई मैदानों में जलरोधी पुतले भी तैयार किए गए हैं ताकि बारिश की स्थिति में कार्यक्रम प्रभावित न हो.
ऐसा है मुहूर्त
हिंदू पंचांग के अनुसार इस साल दशमी तिथि 01 अक्टूबर 2025 की शाम को 07:01 बजे से प्रारंभ होकर 02 अक्टूबर 2025 को शाम 07:10 बजे तक रहेगी. मान्यता के अनुसार रावण दहन प्रदोष काल में होता है. इस दिन सूर्यास्त शाम को 06:03 बजे होगा. ऐसे में सूर्यास्त से लेकर 07:10 बजे दशमी तिथि के समाप्त होने के बीच में रावण दहन किया जा सकेगा. इस दिन विजय मुहूर्त दोपहर 02:09 से लेकर 02:56 बजे तक रहेगा.
भोपाल में रावण दहन के कुछ प्रमुख स्थान हैं:
- बंजारी दशहरा मैदान, कोलार रोड
- छोला दशहरा मैदान
- टीटी नगर
- कोलार / पहाड़ी मंदिर दशहरा मैदान
- जंबूरी मैदान / अवधपुरी
नगर निगम और ट्रैफिक पुलिस ने भी तैयारी पूरी कर ली है. शाम 5 बजे के बाद कई प्रमुख मार्गों पर ट्रैफिक डायवर्जन लागू होगा, जिससे कार्यक्रम स्थल के आसपास के क्षेत्रों में जाम से बचा जा सके. आयोजकों से बिजली व्यवस्था, फायर सेफ्टी और आपातकालीन निकास का सर्टिफिकेट लेना अनिवार्य किया गया है. मौसम विभाग ने 2 अक्टूबर को बारिश की हल्की संभावना जताई है, जिससे आयोजक सतर्क हैं. कई आयोजनों में यह देखा गया है कि यदि पुतले नहीं जलते तो पेट्रोल या डीजल छिड़ककर उन्हें जलाया जाता है, ऐसे प्रशासन ने इस बार ऐसी स्थिति से बचने के लिए वैकल्पिक योजनाएं तैयार करने को कहा गया है.
हिंदू मान्यता के अनुसार विजयादशमी के दिन ही मर्यादा पुरुषोत्तम राम ने लंकापति रावण का वध किया था. भगवान श्री राम के लंका विजय के इस दिन को सभी सनातन विजयादशमी पर्व के रूप में मनाते हैं.
बुराई पर अच्छाई की जीत
हिंदू मान्यता के अनुसार दशानन रावण बुराई और अहंकार का प्रतीक है, जिसे वध करके भगवान राम ने दूर किया था. विजयादशमी के दिन इस परंपरा को दोहराने के पीछे मकसद लोगों तक इस संदेश को पहुंचाना है कि अधर्म, अन्याय, अत्याचार और अनैतिकता का अंत और अच्छाई और धर्म की विजय हमेशा होती है. रावण दहन से यह भी संदेश मिलता है कि आप कितने भी शक्तिशाली और गुणी क्यों न हों लेकिन अनीति और अधर्म के पथ पर चलना ही एक न एक दिन आपके अंत का कारण बनता है.
यह भी पढ़ें : Bastar Dussehra 2025: 600 साल पुरानी परंपरा; बस्तर राजघराने ने मां दंतेश्वरी को दिया दशहरे का शाही निमंत्रण
यह भी पढ़ें : Shardiya Navratri 2025 Day 8: दुर्गा अष्टमी के दिन करें मां महागौरी की पूजा, मंत्र से भोग तक सब जानिए यहां
यह भी पढ़ें : Right to Education: एमपी में हर चौथे बच्चे को प्राइवेट स्कूलों में पढ़ाने की फीस दे रही है सरकार - CM मोहन
यह भी पढ़ें : MP के 27 मदरसों को लेकर बवाल! मानवाधिकार आयोग ने मांगा जवाब, हिंदू बच्चों को लेकर BJP-कांग्रेस ने ये कहा