MP की सबसे बड़ी दूध कंपनी सांची के 'सच' पर आई आंच ! वजह- गायत्री फूड की ये करतूत

मध्यप्रदेश में सबसे ज्यादा दूध खपत करने वाली मध्य प्रदेश राज्य सहकारी डेयरी फेडरेशन यानी सांची के सच पर सवाल खड़े हो गए हैं. सांची के मिल्क प्रोडक्ट्स की गुणवत्ता पर सवाल खड़े हो रहे हैं और वजह है सीहोर की कंपनी जय श्री गायत्री फूड. यही कंपनी सांची को मिल्क प्रोडक्ट्स सप्लाई करती है और इसी कंपनी पर 28 सर्टिफिकेशन के आधार पर कारोबार करने का आरोप लग गया है.

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Sanchi Milk News: आम तौर पर लोगों की सुबह दूध के साथ ही होती है...भले ही वो चाय या कॉफी..दूध के बिना संभव नहीं है. यदि उसी दूध में मिलावट (Adulteration in Milk) की आशंका पैदा हो जाए तो आप एक बार जरूर सोचेंगे...कुछ ऐसा ही हुआ है मध्यप्रदेश में सबसे ज्यादा दूध खपत करने वाली मध्य प्रदेश राज्य सहकारी डेयरी फेडरेशन (Madhya Pradesh State Cooperative Dairy Federation)यानी सांची के साथ. दरअसल असल गड़बड़ी सीहोर की कंपनी जय श्री गायत्री फूड की है. इस कंपनी पर बीते दिनों राज्य की आर्थिक अपराध शाखा (Economic Offenses Wing) ने छापा मारा था. छापा इसलिए क्योंकि गायत्री फूड 28 फर्जी सर्टिफिकेशन (Fake Certification) के सहारे कारोबार कर रही थी.  परेशान करने वाली बात ये है कि गायत्री फूड (Gayatri Food)ही सांची को उसके दूध के उत्पाद बनाकर देती है.

दूसरी परेशान करने वाली बात ये है कि विभाग के मंत्री को ही इस बात की जानकारी नहीं थी. जब NDTV ने मामले को उनके सामने उठाया तो उन्होंने विभागीय अधिकारियों से जानकारी लेने के बाद तुरंत जांच के आदेश जारी कर दिए हैं. हालांकि हम ये साफ कर दें कि अभी ये तय नहीं है कि सांची के प्रोडक्ट्स में कोई खराब है ही. सवाल सिर्फ गायत्री फूड के गड़बड़ झाले से उठे हैं जिसकी आंच अब सांची तक पहुंच रही है. अब ये जान लेते हैं कि सांची पर सवाल क्यों उठ रहे हैं?  

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बता दें कि गायत्री फूड के जो सर्टिफिकेट फर्जी निकले हैं वे सभी खाद्य सामग्री से जुड़े सर्टिफिकेट ही थे. मामले के व्हीसल ब्लोअर भगवान सिंह राजपूत ने भी सांची दुग्ध संघ को कटघरे में खड़ा किया है. आरोप है कि सांची दुग्ध संघ भी इसी जय श्री गायत्री के साथ साझा तौर पर काम करता है.उधर जब इस मामले में हमने मध्य प्रदेश की डेयरी पशुपालन मंत्री लखन पटेल से सवाल किया तो उन्हें इसकी जानकारी नहीं थी. उन्होंने तुरंत ही फोन पर अधिकारियों से इस पर चर्चा की. इसके बाद जांच के आदेश भी जारी कर दिए. अब ये भी जान लेते हैं कि सांची डेयरी है क्या?  

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अब सवाल ये है कि आखिर सांची पर जो शक की आंच आई है उसे दूर करने के लिए इस हजारों करोड़ की कंपनी को करना क्या है? कंपनी को ये जांच करनी चाहिए कि क्या क्या गायत्री से किए प्रोक्योरमेंट दोयम दर्जे के हैं? क्या  गायत्री फूड के द्वारा सप्लाई किए जा रहे मिल्क प्रोडक्ट्स की गुणवत्ता उच्च कोटि की है? हालांकि हम आपको साफ कर दें कि सांची के प्रोडक्ट्स में खराबी को लेकर अभी तक कहीं से कोई पुख्ता रिपोर्ट नहीं आई है..लेकिन गायत्री फूड की करतूत की वजह से सांची के सच पर आंच उठ रही है. 

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