MP Drone Portal: ड्रोन नीति पर हुई चर्चा, ड्रोन टेक्नोलॉजी के उपयोग में MP अग्रणी राज्य

Drone Policy in MP: कार्यशाला में ड्रोन टेक्नोलॉजी के विभिन्न विषयों पर सत्र आयोजित किए गये. ड्रोन पॉलिसी एवं इंडस्ट्री इनिशिएटिव विषय पर ड्रोन टेक्नोलॉजी के वर्तमान उपयोग एवं भविष्य में व्यापक उपयोग पर चर्चा की गई. ड्रोन केस स्टडीज विषय पर व्यावसायिक क्षेत्रों में ड्रोन के उपयोग पर जानकारी दी गई. ड्रोन स्टार्ट-अप एवं स्किल डेपलपमेंट विषय पर जानकरी दी गई एवं ड्रोन पॉलिसी ड्रॉफ्ट पर विस्तृत चर्चा भी की गई.

विज्ञापन
Read Time: 4 mins

Drone Information Portal MP: मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल स्थित कुशाभाऊ ठाकरे सभागार में ड्रोन नीति पर एक दिवसीय वर्कशॉप हुई. इस अवसर पर ड्रोन केन्द्र सूचना पोर्टल https://drone.mp.gov.in/ भी लॉन्च किया गया. सर्वेयर जनरल ऑफ इंडिया हितेश कुमार मकवाना ने कहा कि भारत में पिछले छ: वर्षों में ड्रोन प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में उल्लेखनीय विकास हुआ है. ड्रोन के शुरूआती सीमित उपयोग से लेकर आज इसके व्यापक उपयोग तक ड्रोन एक बहुउपयोगी उपकरण के रूप में उभरा है. भारत सरकार ने ड्रोन टेक्नोलॉजी के व्यापक उपयोग के लिये ड्रोन नीति बनाई है. मध्यप्रदेश ड्रोन टेक्नोलॉजी के उपयोग में एक अग्रणी राज्य के रूप में उभर रहा है. राज्य ने स्वामित्व योजना के क्रियान्वयन मे ड्रोन टेक्नोलॉजी का उपयोग करते हुये विशेष उपलब्धि हासिल की है. ड्रोन टेक्नोलॉजी कुशल, सुलभ और कम लागत मे उपलब्ध टेक्नोलॉजी है.

गेम चेंजिंग है ड्रोन टेक्नोलॉजी

विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग के अपर मुख्य सचिव संजय दुबे ने कहा कि केन्द्र सरकार ने ड्रोन नीति के तहत ड्रोन टेक्नोलॉजी आधारित इको-सिस्टम विकसित करने का लक्ष्य रखा है. इसमें ड्रोन के संचालन के लिये आवश्यक नियम, लाइसेंसिंग प्रक्रियाएं, संचालन की अवधि आदि निर्धारित की गई हैं. मध्यप्रदेश इस नीति को प्रेरणादायक मानते हुए ड्रोन के क्षेत्रीय स्तर पर व्यवहारिक और लाभकारी उपयोग के लिये कार्य कर रहा है. उन्होंने कहा कि हमारा लक्ष्य है कि राज्य में एक मजबूत और समग्र इको-सिस्टम विकसित करें.

Advertisement
एसीएस संजय दुबे ने कहा कि जब हम ड्रोन की बात करते हैं तो यह केवल एक फ्लाइंग कैमरा ही नहीं बल्कि गेम चेंजिंग टेक्नोलॉजी है. यह टेक्नोलॉजी विभिन्न स्तरों पर सेवाएं प्रदान करने में सक्षम है. राज्य में इस टेक्नोलॉजी के व्यापक अनुप्रयोग की संभावनाएं है, जिससे नागरिकों को बेहतर सुविधाएं मिल सकेंगी. हमारा उद्देश्य है कि हम ऐसा इको-सिस्टम विकसित करें, जिससे ड्रोन का व्यापक उपयोग विभिन्न क्षेत्रों में आसानी से हो सके.

यह पहल प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के आत्म-निर्भर भारत और मेक-इन-इंडिया विजन को साकार करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी. हमारा लक्ष्य ड्रोन टेक्नोलॉजी विकसित करने के साथ राज्य में निर्माण इकाइयों को स्थापित करना भी है. 

Advertisement

MP को देश का ड्रोन हब बनाना है : MD एमपीएसईडीसी

एमपीएसईडीसी के एमडी आशीष वशिष्ठ ने कहा कि आज ड्रोन टेक्नोलॉजी का व्यापक उपयोग कृषि क्षेत्र में किया जा रहा है. खनन क्षेत्र में ड्रोन के मदद से प्रभावी खनन पर निगरानी रखी जा रही है. साथ ही आपातकालीन परिस्थितियों में चिकित्सा सुविधाएं उपलब्ध कराने के लिये ड्रोन की महत्वपूर्ण भूमिका है. ड्रोन टेक्नोलॉजी का उपयोग आबकारी, कानून व्यवस्था, निर्माण गतिविधियों में भी किया जा रहा है. हमारा उद्देश्य मध्यप्रदेश को देश का ड्रोन हब बनाना है. 

Advertisement
ड्रोन फेडरेशन ऑफ इंडिया के अध्यक्ष स्मित शाह ने कहा कि शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में व्यापार विस्तार के लिये ड्रोन की परिवर्तनकारी भूमिका है. उन्होंने कहा कि नमो ड्रोन दीदी जैसी पहल से ड्रोन का व्यापक उपयोग किया जा रहा है. ड्रोन टेक्नोलॉजी का उपयोग केवल एक विकल्प नहीं बल्कि यह भविष्य की आवश्यकता है.

नाबार्ड के जीएम कमर जावेद ने कहा कि मध्यप्रदेश में ड्रोन टेक्नोलॉजी में उल्लेखनीय कार्य हुए है. सहकारी संस्थाओं की तरह पैक्स सोसायटी में भी ड्रोन के उपयोग को बढ़ाया जा सकता है. फिक्की ड्रोन कमेटी को-चैयरमेन एवं सीईओ अंकित मेहता ने कहा कि लॉ-एण्ड-ऑर्डर और निगरानी क्षेत्रों में ड्रोन टेक्नोलॉजी बहुत उपयोगी है. ड्रोन अपनी बहुआयामी उपयोगिता के साथ नवाचार को बढ़ावा दे रहे है और भविष्य की प्रौद्यागिकी को नया आकार दे रहे है.

यह भी पढ़ें : Drone Policy MP: मध्य प्रदेश में शुरू की जाएगी ड्रोन नीति, जानें इसके बारे में सबकुछ

यह भी पढ़ें : 25 दिसम्बर को मनाया जाएगा तबला दिवस, CM मोहन ने किया था ऐलान

यह भी पढ़ें : Christmas 2024: क्यों 25 दिसंबर को ही मनाया जाता है क्रिसमस? जानिए परंपरा और मान्यताएं...

यह भी पढ़ें : Guru Ghasidas Jayanti 2024: "मनखे-मनखे एक समान", जानिए कौन थे सतनाम पंथ के प्रवर्तक बाबा गुरू घासीदास?