Diwali 2025: दीपावली का पर्व मिठाइयों व व्यंजनों के बिना अधूरा है. हर घर में लड्डू, बर्फी, रसगुल्ले और जलेबी की थाल सजती है, लेकिन इसी मिठास में ज़हर भी मिला हो सकता है. इसी बात को ध्यान में रखते हुए मध्य प्रदेश में विशेष अभियान चलाया गया है. नियंत्रक, खाद्य एवं औषधि प्रशासन, मध्यप्रदेश दिनेश श्रीवास्तव ने बताया कि दीपावली के दृष्टिगत प्रदेश में मिलावटी खाद्य पदार्थों के कारोबार के विरुद्ध कार्रवाई करने का विशेष अभियान चलाया जा रहा है. एक अक्टूबर से प्रारंभ विशेष अभियान में अब तक 13,890 किलोग्राम खाद्य सामग्री जप्त की गई है और 7 संस्थानों के लाइसेंस निरस्त किए गए हैं.
ये फूड आइटम्स पकड़े गए
विशेष अभियान में प्रदेश के सभी जिलों में दूध, दुग्ध उत्पाद, नमकीन और अन्य खाद्य पदार्थों के कुल 2315 नमूने जांच के लिए लिए गए. जांच में विशेष रूप से दूध के 123, मावा के 253, पनीर के 115, मिठाइयों के 793, नमकीन के 186 और अन्य खाद्य पदार्थों के 845 नमूनों की जाँच की गई. अभियान के दौरान 13,890 किलोग्राम मिलावटी खाद्य सामग्री जप्त की गई, जिसका मूल्य लगभग 17.83 लाख रूपये है. मिलावट पाए जाने पर 7 खाद्य कारोबारियों के लाइसेंस भी निरस्त किए गए. नियंत्रक ने सभी अधिकारियों और कर्मचारियों को सजग रहकर जन स्वास्थ्य सुरक्षा के दृष्टिगत निरंतर कार्रवाई जारी रखने के निर्देश दिए हैं.
मिठाई खरीदते समय रखें ये सावधानियां
- विश्वसनीय दुकान से खरीदें: हमेशा ऐसी दुकान से मिठाई लें, जहां FSSAI लाइसेंस नंबर प्रदर्शित हो. यह नंबर दुकान के बोर्ड या पैकिंग पर साफ लिखा होना चाहिए.
- मिठाई की ताजगी जांचें: ताजा मिठाई की सुगंध और बनावट पहचानिए — पुरानी मिठाई से हल्की खटास या बासीपन की गंध आती है.
- रंग पर ध्यान दें: अगर मिठाई का रंग असामान्य रूप से चमकीला या आंखों को चुभने वाला है, तो उसमें सिंथेटिक रंग मिलाया जा सकता है. ऐसे रंग सेहत के लिए खतरनाक होते हैं.
- घी और मावे की गुणवत्ता: शुद्ध मावा हल्के पीले रंग का होता है और तोड़ने पर परतदार बनावट देता है. नकली मावा दबाने पर चिपचिपा होता है और तेल छोड़ता है
- खुली मिठाई से बचें: खुले में रखी मिठाई पर धूल, मक्खियाँ और बैक्टीरिया आसानी से लग जाते हैं. पैक्ड मिठाई या ढके हुए ट्रे की मिठाई को प्राथमिकता दें.
घर पर या मिठाई खरीदने के पहिले करें ये आसान टेस्ट
- मावा टेस्ट: थोड़ी सी मावा को हाथ में लेकर मसलें. अगर वह तैलीय और चिपचिपा लगे, तो उसमें सिंथेटिक दूध या स्टार्च मिलाया गया है.
- स्टार्च जांचने के लिए: मावा के नमूने में कुछ बूंदें आयोडीन (लुगोल्स) डालें — अगर रंग नीला हो जाए तो मिलावट है.
- चांदी के वर्क का टेस्ट: असली चांदी का वर्क (वरक) उंगली से रगड़ने पर नहीं मिटता, जबकि नकली वर्क तुरंत फटकर उंगलियों पर चिपक जाता है.
- मीठे सिरप (चाशनी) की जांच: अगर चाशनी बहुत गाढ़ी और चिकनी है, तो उसमें ग्लूकोज या चीनी के अलावा रसायन मिलाए जा सकते हैं.
सुरक्षा के लिए याद रखें: “देखो, सूंघो और चखो ”. यही तीन नियम मिठाई खरीदने से पहले अपनाएं. मिठाई जितनी सस्ती होगी, उतना संदेह होगा. अगर मिठाई की गुणवत्ता पर ज़रा भी शक हो तो खाद्य विभाग की हेल्पलाइन 1800-11-2100 या foodlicensing.fssai.gov.in पर ऑनलाइन शिकायत दर्ज करें.
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