Dhar News: मध्य प्रदेश के धार जिले के करीब 5 गांव के किसान धरने पर बैठे हुए है. किसानों की जमीन लॉजिस्टिक पार्क के लिए अधिग्रहित कर ली गई है. किसानों का आरोप है कि सरकार उनकी उपजाऊ और महंगी जमीन को महज 50 रुपए स्क्वायर फीट के हिसाब अधिग्रहण कर रही है और कम मुआवजा दे रही है. जबकि इसी जमीन का भाव बाजार में 6 हजार रुपये स्क्वायर फीट से लगाकर 7 हजार रुपये प्रति स्क्वायर फीट है. सरकार पांच गांव के किसानों की कुल 125 हेक्टेयर भूमि को अधिग्रहण कर रही है. 'भूमि अधिग्रहण कानून' के तहत किसानों की सहमति लेना आवश्यक होती है लेकिन यहां किसानों का कहना है कि उनसे किसी तरह की सहमति नहीं ली गई है जिसके चलते सभी किसान इस भूमि अधिग्रहण का पुरजोर विरोध कर रहे हैं. किसानों का कहना है कि वह आने वाले विधानसभा चुनावों का भी बहिष्कार करते हैं.
'मुआवजा नहीं तो वोट नहीं' के लगाए नारे
बड़ी तादाद में किसान और महिलाएं हाथों में तख्ती लिए धरना दे रहे हैं. किसान 'मुआवजा नहीं तो वोट नहीं' और 'विधानसभा चुनाव का बहिष्कार' जैसे नारे लगाते हुए पर नजर आए. वहीं, किसानों का साफ तौर पर कहना है कि यह आंदोलन तब तक लगातार जारी रहेगा जब तक सरकार उन्हें उचित मुआवजा नहीं देती है. किसानों का कहना है कि हम जान दे देंगे लेकिन जमीन नहीं देंगे. बात-चीत में किसानों ने कहा कि आने वाले विधानसभा चुनाव में पांचों गांव के लोग वोट नहीं डालेंगे और ना ही किसी पार्टी के नेता को गांव में घुसने देंगे. भूमि अधिग्रहण में किसानों की सहमति नहीं ली गई है. न ही सरकार का कोई भी अधिकारी किसानों से बात करने के लिए आया है.
हमारी सहमति से नहीं हो रहा अधिग्रहण
वहीं, किसानों ने मीडिया से चर्चा के दौरान बताया कि हमारी जमीन भूमि अधिग्रहण कानून के हिसाब से अधिग्रहित नहीं की गई है. सारे नियम ताक पर रखकर किसानों की भूमि काअधिग्रहण किया गया है. हमारी सैकड़ो हेक्टेयर की उपजाऊ भूमि को अधिग्रहण कर लिया गया है. इसका नोटिफिकेशन भी जारी हो चुका है. वहीं, सरकार ने हम किसानों को नोटिस भेजे हैं. जिसे लेने से किसानों ने साफ तौर पर मना कर दिया है. कुल मिला कर पांच गांव के किसानों की करीब 125 हेक्टेयर भूमि अधिग्रहित की गई है.
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किसानों ने प्रशासन पर लगाए गंभीर आरोप
किसानों का कहना है कि सरकार 'तानाशाही' भरा रवैया अपना रही है. सरकार किसानों से जमीन छीनना चाहती है. सरकार 50 रूपये स्क्वायर फीट का मुआवजा दे रही है. जबकि बाजार में 6 हज़ार से 7 हजार रुपए प्रति स्क्वायर फीट के भाव है. स्थानीय जनप्रतिनिधियों की साठ-गांठ से जहां पर लॉजिस्टिक पार्क आना था. उस जगह को बदलकर किसानों की भूमि अधिग्रहण कर ली गई है. किसानों का कहना है कि सरकार ने स्थानीय जनप्रतिनिधि और उद्योगपतियो से साठ-गांठ कर के कॉलोनी के लिए परमिशन देती है. हमारा आंदोलन लगातार जारी रहेगा और अगर सरकार हमारी मांगे नहीं मानती है तो हम उग्र आंदोलन करेंगे. जिसके लिए सरकार और प्रशासन ही जिम्मेदार रहेगा.
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