Dhar Bhojshala ASI Survey: हिन्दू पक्ष को लेकर मिले अधिक अवशेष, रिपोर्ट पेश होने के बाद लोगों ने की पूजा 

Bhojshala ASI Survey Dhar: कोर्ट में ASI के रिपोर्ट पेश करने के बाद हिंदू समाज नई उमंग में दिखा. लोगों ने विवादित परिसर में पूजा भी की. बता दें कि इसको लेकर पिछले 98 दिनों से सर्वे किया जा रहा था.

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ASI Report on Bhojshala: मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) के धार (Dhar) जिले में स्थित विवादित भोजशाला कमाल मौला मस्जिद (Bhojshala Kamal Maula Masjid) इन दिनों राष्ट्रीय स्तर की सुर्खियों में बनी हुई है. हिंदू और मुस्लिम (Hindu and Muslim) दोनों समाज के लिए यह स्मारक धार्मिक महत्व (Religious Importance) रखता है और इसी लिए दोनों ही समाज वर्षों से यहां के आधिपत्य को लेकर संघर्ष करता रहा है. लेकिन, अब कुछ ही दिनों में इसको लेकर कोर्ट में फैसला आने वाला है. एमपी हाई कोर्ट, इंदौर (MP High Court, Indore) के आदेश पर यहां वैज्ञानिक सर्वे (Scientific Survey) भी किया गया, जिसकी रिपोर्ट सोमवार, 15 जुलाई को न्यायालय में ASI द्वारा प्रस्तुत कर दी गई. इसके बाद हिन्दू पक्ष में खास उत्साह देखने को मिला. पक्ष के लोगों ने विवादित इमारत पहुंचकर पूजा भी की. 

हिन्दू धर्म को लेकर मिले अधिक अवशेष     

सर्वे रिपोर्ट के बाद विवादित इमारत को लेकर न्यायालय द्वारा क्या निर्णय पारित किया जाता है, इसको लेकर अभी समय है. लेकिन, 98 दिनों तक चले सर्वे के दौरान सनातन धर्म से जुड़ी कई भगवान की मूर्तियां और अन्य अवशेष प्राप्त होने के दांवे के बाद हिंदू समाज मंगलवार को नई उमंग और उत्साह के साथ मॉन्यूमेंट में मां सरस्वती की पूजा एवं हनुमान चालीसा का पाठ करने पहुंचा. जहां भोजशाला कमाल मौला मस्जिद के बाहर महिलाओं द्वारा नाच-गाकर अपनी खुशी का इजहार किया गया. इस दौरान परिसर में सुरक्षा को लेकर पुलिस ने व्यापक इंतजाम किए. 

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2003 से विवादित इमारत में हर मंगलवार सूर्योदय से सूर्यास्त तक हिंदू समाज को कुछ अक्षत और फुल के साथ नि:शुल्क प्रवेश की अनुमति मिली हुई है. इसी प्रकार प्रति शुक्रवार को मुस्लिम समाज को भी दोपहर एक से तीन बजे तक नमाज अदा करने के लिए अनुमति मिली हुई है.

हिंदू समाज के पक्ष में होगा निर्णय-याचिका कर्ता आशीष गोयल

भोजशाला कमाल मौला मस्जिद मामले में याचिका कर्ता हिंदू पक्षकार आशीष गोयल ने कहा कि महाराजा भोज बसंत उत्सव समिति द्वारा प्रति मंगलवार यहां सत्याग्रह किया जाता रहा है. सन् 1025 में मां सरस्वती मंदिर का निर्माण राजा भोज द्वारा कराया गया. सर्वे के दौरान भोजशाला से जो अवशेष, भग्नावशेष परमार कालिन सिक्के, देवी देवताओं की मूर्तियां, आदि प्राप्त हुई है, उसे देखते हुए निश्चित तौर से हिंदू समाज में काफी हर्ष है और आने वाले समय में इसका निर्णय भी हिंदू समाज के पक्ष में होगा.

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सुप्रीम कोर्ट के पास लंबित मुस्लिम पक्ष की याचिका

सर्वे के खिलाफ मुस्लिम समाज द्वारा सर्वोच्च न्यायालय में आवेदन प्रस्तुत कर रखा है, जिस पर अब तक कोई निर्णय माननीय न्यायालय द्वारा नहीं दिया गया है. हिन्दू पक्षधर का कहना है कि अगर जरूरत पड़ी तो हमारे वकील सुप्रीम कोर्ट में भी अपना पक्ष पूरी बेबाकी से रखेंगे.

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