Dhar Bhojshala Case: भोजशाला कमाल मौला मस्जिद को लेकर आया नया मोड़, जैन समाज अब इस बात का कर रहा विरोध

ASI Survey on Dhar Bhojshala: मध्य प्रदेश के धार जिले की भोजशाला कमाल मौला मस्जिद कई माह से चर्चा में है. अब इस मामले में एक नया मोड़ सामने आया है. जैन समाज की ओर से लगी याचिका का धार में समग्र जैन समाज ने विरोध किया है. जानिए- आखिर क्या है पूरा मामला...

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भोजशाला कमाल मौला मस्जिद को लेकर जैन समाज की और से लगी याचिका का धार में समग्र जैन समाज ने किया विरोध

Dhar Bhojshala ASI: मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) के धार की विवादित भोजशाला कमाल मौलाना परिसर के आधिपत्य को लेकर अब तक हिंदू-मुस्लिम पक्ष अपना-अपना दावा करते आ रहे थे. लेकिन अब इस विवादित स्थल पर जैन समाज भी अपना दावा ठोक रहा है. इसको लेकर उच्च न्यायालय इंदौर में विश्व जैन संगठन की राष्ट्रीय कार्यकारिणी के सदस्य सलेक चंद्र जैन द्वारा एक याचिका दायर की गई है. जिसमें उन्होंने मॉन्यूमेंट में पूर्व में जैन गुरुकुल होने के साथ जैन धर्म से संबंधित देवी-देवताओं की मूर्तियां खुदाई में मिलने का दावा किया.

हिंदू समाज के आंदोलन का किया समर्थन 

भोज उत्सव समिति के पदाधिकारी मामले पर मीडिया से बात करते हुए.

लेकिन, विश्व जैन संगठन द्वारा दायर की गई याचिका पर धार के समग्र जैन समाज ने खुलकर अपना विरोध जताया है. हिंदू समाज के साथ-साथ समग्र जैन समाज के लोग मंगलवार को भोजशाला कमाल मौला मस्जिद पहुंचे और विश्व जैन संगठन का विरोध करते हुए सभी ने हिंदू समाज के आंदोलन का समर्थन किया. 

"याचिका लगाने वाला व्यक्ति प्रदेश के बाहर का है"

समग्र जैन समाज के समन्वयक विरेंद्र जैन ने बताया कि "विश्व जैन संगठन द्वारा दायर याचिका में धार के समग्र जैन समाज का कोई लेना-देना नहीं है. जैन समाज की ओर से याचिका लगाने वाला ‌व्यक्ति प्रदेश के बाहर का है, जो हिंदू व जैन समाज को बांटने का प्रयास कर रहा है, जिसमें वह कामयाब नहीं होगा. धार का समग्र जैन समाज भोजशाला को लेकर हिंदू समाज के द्वारा चलाए जा रहे आंदोलन के साथ वर्षों से खड़ा है और खड़ा रहेगा."

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"सनातन से निकली शाखाओं में जैन धर्म भी आता है"

पंडित गोपाल शर्मा ने कहा कि जैन समाज, हिंदू समाज का ही अंग है. राजा भोज के समय भोजशाला में भी सभी सनातनी धर्मों का आदर सत्कार होता था. इसलिए यहां से अन्य सनातनी धर्म की मूर्तियां खुदाई में मिली हैं.

पंडित गोपाल शर्मा ने कहा कि "मंगलवार को भोजशाला में हमेशा की तरह पूजा अर्चना की गई. सैकड़ों सनातनी जिसमें बड़ी संख्या में समग्र जैन समाज ने भी भाग लिया. जैन समाज की ओर से लगाई गई याचिका पर शर्मा ने कहा कि सनातन धर्म से निकली शाखाओं में जैन धर्म भी आता है."

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