किसान को मृत बताकर जमीन की कर दी रजिस्ट्री और नामांतरण, पोल खुलने के बाद भी कार्रवाई नहीं 

MP News: मध्य प्रदेश के देवास में एक किसान को मृत बताकर तहसीलदार ने जमीन की रजिस्ट्री और नामांतरण किसी और के नाम कर दिया. धोखाधड़ी का शिकार हुआ किसान अब दफ्तरों के चक्कर काट रहा है.  NDTV की टीम किसान के पास पहुंची. किसान ने अपना दर्द NDTV के सामने बयां किया.  आप भी जानिए क्या है पूरा मामला ? 

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Madhya Pradesh News: देवास जिले के टोंकखुर्द तहसीलदार द्वारा एक जीवित व्यक्ति को मृत बताकर उसकी कृषि भूमि पर एक दूसरे व्यक्ति का नामांतरण करने का मामला सामने आया है. टोंकखुर्द तहसील में जहा पटवारी और तहसीलदार की घोर लापरवाही की वजह से एक जीवित किसान की कृषि भूमि पर मृतक नामांतरण दूसरे गांव के व्यक्ति ने करवा लिया. इस मामले में पीड़ित किसान ने टोंकखुर्द पुलिस और SP देवास से शिकायत की थी, लेकिन पुलिस जांच के नाम पर ही किसान को चक्कर लगवा रही है. उधर नामांतरण करने वाले तत्कालीन तहसीलदार ने इस कार्य के लिए राजस्व निरीक्षक और पटवारी को गलत बताते हुए अपना पल्ला झाड़ लिया है. 

ये है पूरा मामला

प्राप्त जानकारी अनुसार टोंकखुर्द तहसील के ग्राम रालामंडल निवासी किशनलाल पिता रामलाल जाति बलाई की कृषि भूमि पास के गांव अमोना में स्थित है. जिसके सर्वे नंबर 298/3 रकबा 0,31 हेक्ट,सर्वे नंबर 299/3 रकबा 0,38 हेक्ट,सर्वे नंबर 299/5 रकबा 0,26 हेक्ट,कुल सर्वे नंबर 3 कुल रकबा 0,95 हेक्ट है। यह भूमि किशनलाल की पुश्तैनी होकर वह उस पर काबिज होकर आज भी खेती कर रहा है. 

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पिछले दिनों ग्राम आगरोद निवासी कैलाश पिता किशन ने अपने स्वर्गीय पिता किशन का मृत्यु प्रमाण पत्र और ग्राम अमोना का फर्जी शपथ पत्र पेश कर असल किसान किशनलाल की कृषि भूमि पर अपने नाम का नामांतरण करवा लिया.

चूंकि कैलाश के पिता का नाम किशनलाल था और जमीन मालिक का नाम भी किशनलाल है. इतना ही नहीं दोनों ही बलाई जाति से ताल्लुक रखते हैं,. कैलाश ने इसी बात का फायदा उठाते हुए अपने मृत पिता किशन का मृत्यु प्रमाणपत्र प्रस्तुत कर किशनलाल की कृषि भूमि पर अपने नाम का नामांतरण करवाने में सफल हो गया. 

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बताया जा रहा है कि उक्त फर्जी नामांतरण दिनांक 4/12/2023 को तत्कालीन तहसीलदार गौरव निरंकारी के कार्यकाल में हुआ था. इस नामांतरण मामले में नियमानुसार तहसीलदार को अमोना पटवारी से रिपोर्ट लेनी चाहिए थी, लेकिन तहसीलदार ने कैलाश पिता किशन के गांव आगरोद के पटवारी की रिपोर्ट लगवाई और उसी आधार पर बिना सत्यता की जांच की. किशन लाल की कृषि भूमि पर कैलाश का नामांतरण कर दिया. इस मामले में तहसीलदार की भूमिका पूरी तरह संदेह के घेरे में नजर आ रही है. 

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ऐसे किया फर्जीवाड़ा

कैलाश ने किशनलाल की भूमि पर अपने नाम का नामांतरण करवाने के बाद सर्वे नंबर 299/3 रकबा 0.38 हेक्टेयर में से 0.18 हेक्टेयर भूमि युधिष्ठिर पिता कालुसिंह नागर निवासी ग्राम खेताखेड़ी तहसील व जिला देवास को बेच दी. इसी दौरान  असल किशनलाल ने भी भूमि सर्वे नंबर299/3 रकबा 0.38 हेक्टेयर में से 0.20 हेक्ट भूमि पंकज पिता राजेश गुदेन को बेच दी. जब राजेश गुदेन ने नामांतरण की कार्रवाई शुरु की तो पता चला कि किशनलाल की कृषि भूमि राजस्व अभिलेख में कैलाश पिता किशन निवासी आगरोद के नाम पर दर्ज बता रही है. इस बात की जानकारी जब किशनलाल को पता चली तो उनके पैरों तले की जमीन खिसक गई और उन्होंने इस मामले की शिकायत सीधे टोंकखुर्द पुलिस से की.  साथ ही तहसीलदार के आदेश के खिलाफ अनुविभागीय अधिकारी टोंकखुर्द के समक्ष अपील भी दायर कर दी है, लेकिन अभी तक कोई परिणाम सामने नहीं आया है. 

मामला उजागर होने के बाद तहसीलदार और पटवारी तक कटघरे में खड़े हो गए है. शायद यही वजह है कि अब इस मामले को दबाने का प्रयास भी किया जा रहा है. यह मामला सीधे धोखाधडी का है और पीड़ित किसान पुलिस को शिकायत कर चुका है . उसे अपनी जमीन वापस अपने नाम कराने के लिए तहसील और SDM कार्यालय , कैलाश और अन्य दोषियों के विरुद्ध आपराधिक प्रकरण दर्ज कराने के लिए थाने का चक्कर काट रहा है.

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जांच कर रहे हैं

वहीं मामला सामने आने के बाद से ही धोखाधड़ी करने वाला व्यक्ति फरार बताया जा रहा है. अब देखना यह है कि प्रशासन नियमों को ताक पर रखकर किए गए नामांतरण के मामले को गंभीरता से लेते हुए मामले में संलिप्त तहसीलदार और पटवारी के विरुद्ध कोई कार्रवाई करता है की नही ? थाना टोंकखुर्द के एसआई चेतन यादव ने कहा कि इस मामले में शिकायत मिली है. दस्तावेज मंगाकर जांच  की जा रही है. इसके बाद ही आगे की कार्रवाई होगी. 

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