Digital Arrest गैंग ने शिक्षक को लगाया 21 लाख का चूना, पुलिस की गिरफ्त में आए 6  'CBI अफसर'

Cyber crime And Digital Arrest: देवास साइबर सेल और सतवास थाना पुलिस की संयुक्त कार्रवाई में दिल्ली, गाजियाबाद, नीमच, इंदौर और महाराष्ट्र से 6 आरोपियों को गिरफ्तार किया गया. इनके कब्जे से 10 मोबाइल, टैबलेट, लैपटॉप, पासबुक, एटीएम कार्ड और ₹11.61 लाख की होल्ड राशि जब्त की गई हैं.

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Online Scams in India: देवास जिले के सतवास में रिटायर्ड शिक्षक से 21 लाख की साइबर ठगी के मामले में देवास पुलिस ने डिजिटल अरेस्ट गिरोह का भंडाफोड़ करते हुए 6 आरोपियों को गिरफ्तार किया है. पुलिस अधीक्षक पुनीत गहलोद ने प्रेस वार्ता में बताया कि आरोपियों ने खुद को CBI अधिकारी बताकर पीड़ित को वीडियो कॉल पर “डिजिटल अरेस्ट” में लिया और सुप्रीम कोर्ट की जांच का डर दिखाकर 21 लाख रुपये ट्रांसफर करवा लिए.

सतवास निवासी सेवानिवृत्त शिक्षक प्रमोद गौर से कहा गया कि उनका नाम मनी लॉन्ड्रिंग केस में है. इसके साथ सुप्रीम कोर्ट की जांच का डर दिखा कर 20.81 लाख रुपये अलग-अलग खातों में ट्रांसफर कर दिए. पुलिस जांच में सामने आया कि गिरोह ने टेलीग्राम ग्रुप के ज़रिए लोगों से बैंक खाते किराए पर लेकर ठगी की रकम का ट्रांजेक्शन करा लिया. बताया जाता है कि यह गैंग देशभर में घूम कर ऑपरेट करता था और सफर के लिए फ्लाइट का उपयोग करता था.

इन शहरों से आरोपियों को किया गया गिरफ्तार

देवास साइबर सेल और सतवास थाना पुलिस की संयुक्त कार्रवाई में दिल्ली, गाजियाबाद, नीमच, इंदौर और महाराष्ट्र से 6 आरोपियों को गिरफ्तार किया गया. इनके कब्जे से 10 मोबाइल, टैबलेट, लैपटॉप, पासबुक, एटीएम कार्ड और ₹11.61 लाख की होल्ड राशि जब्त की गई हैं.

ये हैं आरोपी

गिरफ्तार आरोपियों के नाम, सोमेश्वर उर्फ सोम, संजय उर्फ संजू उर्फ वैम्पायर, गौरव उर्फ रितिक उर्फ लाला, हर्ष उर्फ पॉटर बॉस, ऋषिकेश और सुनील उर्फ सागर हैं. इन पर देशभर में करीब 37 शिकायतें दर्ज हैं.

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एसपी गेहलोद ने बताया कि इस तरह की किसी भी फोन कॉल से डरें नहीं. पुलिस की ओर से "ऑपरेशन साइबर" के तहत हर थाने में साइबर मित्र नियुक्त किए गए हैं. इसके अलावा, साइबर ठगी की शिकायत के लिए 1930 या 100 नंबर पर कॉल कर भी शिकायत दर्ज कराई जा सकती है.  उन्होंने कहा कि इसके साथ ही लोगों को जागरूक करने के लिए जागरुकता अभियान भी चलाया जा रहा है.

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