भारी बारिश लेकिन फिर भी छत्तीसगढ़ का ये बाँध खाली ! अब किसानों को सता रहा डर

MCB District Chhattisgarh : छत्तीसगढ़ MCB जिले में लगातार हो रही बारिश से जहां ज्यादातर बांधों में अच्छा जलभराव हो चुका है. वहीं, एक इलाका ऐसा भी है कि जहां के बाँध एकदम खाली पड़े हुए हैं. इससे आस-पास के किसानों में डर का माहौल बना हुआ है.  

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Chhattisgarh News in Hindi : छत्तीसगढ़ MCB जिले में लगातार हो रही बारिश से जहां ज्यादातर बांधों में अच्छा जलभराव हो चुका है. वहीं, खड़गवां ब्लॉक के ग्राम दुबछोला साजाखांड बांध का स्लूज गेट खराब होने से पानी निरंतर बह रहा है. 8 साल पहले बने इस सिंचाई बांध का लाभ जल संसाधन विभाग की लापरवाही के कारण किसानों को नहीं मिल पा रहा है. भारी बारिश के बावजूद यह बांध खाली पड़ा है, जिससे किसानों को जल संकट का डर सता रहा है. गांव वालों का कहना है कि भारी बारिश से बांध की मिट्टी न बह जाए, इसलिए विभाग हर साल बांध का पानी बहा देता है. 400 हेक्टेयर में सिंचाई सुविधा उपलब्ध कराने वाले इस प्रोजेक्ट में नहर निर्माण कार्य भी अधूरा पड़ा है. इससे किसानों को बांध का फायदा नहीं मिल पा रहा है. हर साल बारिश से पहले बांध का पानी नाले में बहा दिया जाता है.

अब तक 8 करोड़ से ज़्यादा खर्च

साजाखांड बांध का निर्माण भुकभुकी समेत तीन गांवों के एक हजार किसानों को सिंचाई सुविधा उपलब्ध कराने के लिए किया गया था. प्रोजेक्ट में नहर लाइनिंग का काम 7 साल से ठप पड़ा है. लघु सिंचाई परियोजना में 8 करोड़ से ज़्यादा राशि खर्च की जा चुकी है, लेकिन यहां बांध से नहर निर्माण का कार्य पूरा नहीं हो सका है.

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कार्य के लिए लगेंगे इतने करोड़

विभागीय अफसरों ने नहर के लिए 16 करोड़ का DPR राज्य सरकार को भेजा है. जल संसाधन विभाग के अनुसार सिंचाई के लिए नहर निर्माण के लिए 8 करोड़ रुपए की राशि मंजूर की गई थी. अब रेट बढ़ने के कारण नहर कार्य वापस शुरू कराने के लिए 16 करोड़ रुपए की जरूरत है.

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शासन से मंजूरी की दरकार

गोदरीपारा पहाड़ी की तराई में स्थित इस परियोजना के पूरा होने से करीब 400 हेक्टेयर क्षेत्र में सिंचाई 5 किमी के परिधि में की जा सकती है. बांध से खासतौर पर भुकभुकी, भंडारदेई और आसपास के हजार किसानों को लाभ मिलेगा. विभागीय अधिकारियों ने बताया कि शासन से राशि मंजूरी मिलते ही काम शुरू करेंगे, लेकिन दूसरी ओर बांध में जमा पानी को हर साल व्यर्थ बहा देने से किसान चिंतित हैं. बता दें कि कांग्रेस शासन में इसी स्थल का चयन एडवेंचर पार्क के लिए किया गया था.

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❝ बांध में नहीं कोई गड़बड़ी ❞

जल संसाधन के तत्कालीन SDO और वर्तमान में कोरिया में पदस्थ EE अगस्तिन टोप्पो ने बताया कि बांध ठीक बना है, उसमें कोई गड़बड़ी नहीं हुई है. दो महीने पहले तक इसमें जलभराव था. बांध के वेस्ट वियर का कार्य उनके कार्यकाल में हुआ है. स्लूज गेट को बनवाया गया था, असामाजिक तत्वों ने छेड़छाड़ की है, जिससे गेट से पानी निकल रहा है. बांध में थोड़ा पानी कम हो जाए तो सुधार कार्य किया जाएगा.

हर साल बहता है काफी पानी

पंचायत प्रतिनिधियों के अनुसार, 8 करोड़ खर्च करने के बाद जल संसाधन विभाग ने राज्य सरकार से दोबारा DPR तैयार कर नहर निर्माण के लिए अतिरिक्त 16 करोड़ राशि की मांग की है. सरकार से राशि मंजूर मिलने के बाद ही नहर लाइनिंग का कार्य आगे शुरू हो सकेगा. गांव वालों के अनुसार नहर निर्माण नहीं होने से बांध में जमा पानी हर साल व्यर्थ बहा दिया जाता है.

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मामले में क्या बोले जिम्मेदार ?

जल संसाधन विभाग के खड़गवां SDO अमित कुमार गुप्ता ने कहा कि बांध का स्लूज गेट बंद कर दिया गया है, लेकिन गेट फिक्स नहीं हो सका है. कांक्रीट कार्य से गेट को मजबूती से बांधना होगा, जिसके लिए बांध का पानी खाली करना जरूरी है. पानी निकलने के बाद ही मरम्मत कार्य होगा. E & M विभाग को सूचित कर दिया गया है. बारिश में बांध में पानी भर रहा है, जिससे दिक्कत हो रही है.

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