Death Mystery: रेड लाइट एरिया में मुलाकात; प्यार और अब मौत से ग्वालियर में कैसे उलझ गई गुत्थी?

MP News: ग्वालियर के रेशमपुरा में रहने वाली एक युवती का नाता कभी दिल्ली की बदनाम गलियों से रहा था और इसी दौरान उसकी मुलाकात इन गलियों में आने वाले मनोज चौहान से हो गई थी. बदनामी और गंदी सोच से भरी दिल्ली की इन गंदी गलियों में महिला को मनोज की बातें और मुलाकातें सुकून देने लगीं. जिनसे उनका रिश्ता प्यार में बदल गया.

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Death Mystery: रेड लाइट एरिया में मुलाकात; प्यार-मुलाकात-मौत, ग्वालियर में कैसे उलझ गई गुत्थी?

Gwalior Death Mystery: ग्वालियर में एक युवक की मौत ने पुलिस की चिंताएं बढ़ा दी हैं. युवक की मौत होने पर उसका शव अब अंतिम संस्कार के लिए अपनों का इंतजार कर रहा है. लेकिन मृतक युवक के परिवार का कुछ पता नहीं चल सका है. युवक दिल्ली में शेफ का काम करता है और ग्वालियर के बदनापुरा में अपनी प्रेमिका से मिलने के लिए आया था. उसकी तबियत बिगड़ने पर उसे प्रेमिका के घरवालों ने ही शासकीय अस्पताल में भर्ती करवाया था. लेकिन पुलिस उसके परिवार को तलाशने में जुटी हुई है. आइए जानते हैं पूरी कहानी.

क्या है मामला?

ग्वालियर के रेशमपुरा में रहने वाली एक युवती का नाता कभी दिल्ली की बदनाम गलियों से रहा था और इसी दौरान उसकी मुलाकात इन गलियों में आने वाले मनोज चौहान से हो गई थी. बदनामी और गंदी सोच से भरी दिल्ली की इन गंदी गलियों में महिला को मनोज की बातें और मुलाकातें सुकून देने लगीं. जिनसे उनका रिश्ता प्यार में बदल गया. लेकिन कुछ साल पहले युवती अपने परिवार के साथ ग्वालियर आकर शिफ्ट हो गई.

जब इस बात का पता मनोज को लगा तो वो भी अपनी प्रेमिका से मिलने के लिए ग्वालियर आने लगा. लेकिन कभी न मनोज ने अपने घर परिवार के बारे में बताया और न हीं कभी युवती ने मनोज से पूछा. वो आता कुछ समय बिताता और वापस दिल्ली चला जाता. युवती के परिजनों को भी इससे कोई समस्या नहीं थी.

परिजनों की माने तो इस बार जब मनोज आया तो कुछ बीमार लग रहा था. जब उसकी तबियत बिगड़ी तो उसे प्रेमिका के परिजनों ने ही अस्पताल में भर्ती करवाया. जब युवती के घरवालों से मनोज के परिजनों से स्वीकृति की बात कही तो इलाज की प्राथमिकता को देखते हुए युवती के परिजनों ने ही कागजी स्वीकृति दे दी. लेकिन अब जब मनोज की मौत हो चुकी है तो उसका शव अब अपनों की राह देख रहा है.

इसके अलावा पुलिस ने भी उसके परिजनों को तलाशने के लिए हर संभव प्रयास किए. यहां तक कि मनोज के सोशल मीडिया अकाउंट को भी खंगाला. जिस पर तकरीबन 250 लोगों से बातचीत में यही सामने आया कि मनोज हमेशा ग्वालियर में ही अपना परिवार बताता था. जिसमें उसकी बीवी और बच्चों की बातचीत होती थी. फिलहाल इस शव की सुपुर्दगी की गुत्थी सुलझने का नाम नहीं ले रही है. और मनोज का शव अंतिम संस्कार के इंतज़ार में शव गृह में रखा हुआ है.

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