कमरे में बंद पड़ा था तकनीकी अधिकारी का शव, जांच में हुआ बड़ा खुलासा... 5-6 दिन पुरानी की बताई गई घटना

Crime in Jabalpur: डुमना एयरपोर्ट रोड स्थित ट्रिपल आईटीडीएम परिसर के मल्टी स्टोरी बिल्डिंग के एक फ्लैट में तकनीकी अधिकारी का शव पड़ा हुआ मिला. जब जांच की गई, तो खुलासा हुआ कि घटना पांच से 6 दिन पुरानी की थी. इसकी सूचना पुलिस को वहां के ही सुरक्षा अधिकारी ने दी थी.

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MP News: मध्य प्रदेश के जबलपुर (Jablpur) के डुमना एयरपोर्ट रोड स्थित ट्रिपल ITDAM परिसर के मल्टी स्टोरी बिल्डिंग के फ्लैट नंबर 402 में रहने वाले तकनीकी अधिकारी प्रोफेसर अवधेश सिंह (उम्र 52 वर्ष) का शव उनके बेडरूम में पड़ा हुआ मिला. पुलिस को सूचना मिलने पर जब वो मौके पर पहुंचे, तो पाया गया कि मौत 5-6 दिन पहले हुई थी और शव बुरी तरह से सड़ चुका था. मामले में पोस्टमार्टम रिपोर्ट के बाद ही मौत के कारणों का पता चलेगा.

गार्ड ने दी मामले की जानकारी

सुरक्षा अधिकारी जितेंद्र बहादुर सिंह ने थाने में सूचना दी थी कि प्रोफेसर अवधेश सिंह, जो मैकेनिकल इंजीनियरिंग विभाग में तकनीकी अधिकारी के पद पर थे, पिछले कुछ दिनों से दिखाई नहीं दे रहे थे. उनके पड़ोसी, डॉ. दादा साहेब रामटेके ने भी पुलिस को सूचित किया. जिसके बाद फ्लैट का दरवाजा खोला गया. दरवाजा खोलते ही अंदर से दुर्गंध आ रही थी और बेडरूम में प्रोफेसर अवधेश सिंह मृत अवस्था में पड़े हुए थे. पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया और फॉरेंसिक टीम द्वारा फ्लैट की जांच के बाद उसे सील कर दिया गया.

मौत का कारण स्पष्ट नहीं

कुछ दिनों से प्रोफेसर अवधेश सिंह नजर नहीं आ रहे थे. उनके फ्लैट से बदबू आने पर दरवाजा खुलवाया गया, जिसमें उनकी मौत की पुष्टि हुई. प्रारंभिक जांच में यह बात सामने आई कि उन्हें कुछ साल पहले दिल की बीमारी के चलते स्टेंट लगाया गया था. संदेह है कि उनकी मौत हृदयाघात से हुई होगी. इसकी पुष्टि पोस्टमार्टम रिपोर्ट से हो सकेगी.

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ग्वारीघाट में हुआ अंतिम संस्कार

आईआईआईटीडीएम प्रशासन ने प्रोफेसर अवधेश सिंह के परिजनों को सूचना दी, जो सोमवार को जबलपुर पहुंचे. परिजनों की उपस्थिति में पोस्टमार्टम के बाद ग्वारीघाट मुक्तिधाम में उनका अंतिम संस्कार किया गया. पुलिस के अनुसार, मृतक के पिता डॉ. कृपाशंकर, जो कानपुर के एचबीटीआई विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति और कानपुर ट्रिपल आईटीडीएम के पूर्व निदेशक थे, परिजनों के साथ जबलपुर पहुंचे.

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