Supreme Court: दतिया से कांग्रेस विधायक राजेंद्र भारती को सुप्रीम कोर्ट से बड़ी राहत मिली है. मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट ने उनके खिलाफ मध्य प्रदेश में चल रहे धोखाधड़ी केस के ट्रायल को MP से दिल्ली ट्रांसफर करने की याचिका को मंजूर कर लिया. शीर्ष अदालत ने ट्रायल कोर्ट को छह महीने के भीतर सुनवाई पूरी करने का भी आदेश दिया है.
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सरकार की ओर से पेश अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल एसवी राजू ने विरोध किया
सुनवाई के दौरान वकील कपिल ने कहा कि वे चाहते हैं कि उसे तीन साल की सज़ा हो ताकि उसकी सदस्यता चली जाए. उन्होंने कहा कि बस इतना ही सारा खेल यही है. हालांकि सरकार की ओर से पेश अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल एसवी राजू ने विरोध किया कि इसमें ट्रांसफर की जरूरत नहीं है, हमने कोर्ट के आदेश के मुताबिक सर्वोत्तम संरक्षण प्रदान किया है.
जस्टिस अभय एस. ओक और जस्टिस उज्जल भुइयां की बेंच ने रोक लगा दी थी
दरअसल, फरवरी 2025 में जस्टिस अभय एस. ओक और जस्टिस उज्जल भुइयां की बेंच ने धोखाधड़ी के एक मामले में कांग्रेस नेता और दतिया विधायक राजेंद्र भारती के खिलाफ चल रहे मामले की सुनवाई पर रोक लगा दी थी. कोर्ट ने कहा था कि निष्पक्ष सुनवाई का मतलब है कि आरोपी को अपना बचाव करने का पूरा अवसर दिया जाना चाहिए.
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विधायक राजेंद्र भारती ने मध्य प्रदेश के बाहर ट्रांसफर किए जाने की मांग की थी
गौरतलब है कथित धोखाधड़ी मामले में दर्ज मुकदमे को विधायक राजेंद्र भारती ने प्रदेश के बाहर ट्रांसफर किए जाने की मांग की है. कांग्रेस विधायक भारती ने अपने हलफनामों गवाहों का हवाला देते हुए दावा किया है कि पुलिस अधिकारियों ने उन्हें झूठे मामलों में फंसाने की धमकी दी थी.
सुप्रीम कोर्ट ने मामले में पिछली सुनवाई के दौरान जांच पर नराजगी जताई थी
सुप्रीम कोर्ट ने पिछली सुनवाई के दौरान जांच पर नराजगी जताई थी. कोर्ट ने कहा था कि आरोपियों और गवाहों को धमकाने के आरोप गंभीर हैं. सुप्रीम कोर्ट ने मध्य प्रदेश के अधिकारियों को आरोपियों औऱ गवाहों को धमकी की शिकायतों की फिर से जांच करने के निर्देश भी दिया था