Damoh Latest News: मध्य प्रदेश (Madhya Praesh) के दमोह (Damoh) में एक शिक्षक ने समाज सेवा की जो मिसाल पेश कर रहे हैं, वह सभी के लिए एक नजीर है. उनका यह प्रयास ऐसे वक्त में किसी उम्मीद की लौ से कम नहीं है, जब ग्रामीण अंचलों में सरकारी स्कूलों में शिक्षा व्यवस्था की स्थिति किसी से छिपी नहीं है.
सरकारी स्कूलों के बंद होने, शिक्षकों के समय से न पहुंचने या विद्यालय में अध्यापन कार्य न कराने के मामले अक्सर आपने सुने होंगे, लेकिन इससे उलट दमोह के एक शिक्षक ऐसे भी है, जो शासकीय शिक्षक पद से रिटायर्ड होने के बाद भी स्कूल में मुफ्त में अपनी सेवाएं देकर छात्र-छात्राओं के भविष्य संवारने में लगे हुए हैं, जो शिक्षक सुरेंद्र अग्रवाल के शिक्षा के प्रति समर्पण को दर्शाता है.
5 km पैदल चलकर जाते हैं स्कूल
वह जिले के हटा तहसील मुख्यालय से लगे विनती गांव के हाई स्कूल में निःशुल्क सेवाएं देते हुए कक्षा 9 से 12 वीं तक के छात्राओं को संस्कृत विषय पढ़ा रहे हैं. शिक्षक सुरेंद्र अग्रवाल फरवरी 25 में सेवानिवृत्त होने के बाद भी हटा से करीब 5 km पैदल चलकर नियमित विनती गांव के स्कूल पहुंचते है और सभी कालखंड पूरे कर छात्र-छात्राओं को अध्यापन कार्य कराते हैं.
अपने खर्चे से बनवा चुके हैं क्लास रूम
सेवानिवृत्त होने के बाद भी निःशुल्क विद्या दान करने वाले शिक्षक सुरेंद्र अग्रवाल ने स्कूल परिसर में करीब 6 वर्ष पूर्व खुद के वेतन व शिक्षकों के सहयोग से विद्यार्थियों को बैठने के लिए एक क्लास रूम का भी निर्माण कराया था,जिसे उन्होंने अपनी माता जी की स्मृति में समर्पित किया था. शिक्षक सुरेंद्र अग्रवाल की शिक्षा के प्रति लगन और समर्पण की सभी सराहना करते हैं.
दरअसल, विनती हाई स्कूल में संस्कृत विषय के लिए अतिथि शिक्षक का पद रिक्त था. विद्यार्थियों का भविष्य अंधकार की ओर जा रहा था. इसको ध्यान में रखते हुए सेवानिवृत शिक्षक सुरेंद्र अग्रवाल ने संस्कृत विषय को पढ़ाने का जिम्मा उठाया और अब नियमित रूप से स्कूल पहुंचकर छात्र-छात्राओं को अध्यापन कराते हैं. पिछले दिनों स्कूल निरीक्षण पर पहुंचे दमोह कलेक्टर ने भी शिक्षक सुरेंद्र अग्रवाल की सराहना की थी.
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