Cyber Crime: 'एक, दो, तीन, पांच, 10 और 20 पैसे के सिक्के के बदले मिलेंगे एक करोड़ 75 लाख रुपये'...फिर महिला ने दे दी जान

Cyber Fraud News: परिजनों से मिले ऑडियो से भी इस बात की पुष्टि होती है कि महिला एक करोड़ 75 लाख रुपये के लालच में आकर थोड़े-थोड़े करके काफी पैसे फ्रॉड करने वालों को दे डाला था.

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Cyber Fraud Latest News: अगर कोई आपसे कहे कि 'एक पैसे, दो पैसे, तीन पैसे, पांच पैसे, 10 पैसे और 20 पैसे के सिक्के के बदले एक करोड़ 75 लाख रुपये मिलेंगे, तो आप क्या करेंगे. शायद आप इन सिक्कों को जमा करने के लिए शिद्दत से जुट जाएंगे. जी हां, मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) के मऊगंज (Mauganj) के वार्ड 12 की रहने वाली शिक्षिका रेशमा पांडे (Reshma Pandey) ने भी ऐसा ही किया. उसने ऑनलाइन ठगों (Online Fraudsters) के कहने पर पहले 'एक पैसे, दो पैसे, तीन पैसे, पांच पैसे, 10 पैसे और 20 पैसे के बहुत सारे सिक्के इकट्ठे किए. फिर ठगों के बताए हुए साइट पर जाकर इसे बेचने के लिए रजिस्ट्रेशन करने लगी. इस दौरान ठक उनसे रजिस्ट्रेशन के नाम पर मोटी रकम वसूलते रहे.

हालत ये हो गई कि महिला ने ठकों को अपने सिक्कों के रजिस्ट्रेशन कराने के लिए अपनी जमा पूंजी के साथ ही गहने गिरवी रखकर भी पैसे दिए. इसके बाद जब वह पैसों का इंतजाम करने में असमर्थ हो गई, तो इन ठगों ने महिला को भारतीय सेना का खौफ दिखाकर और एफआईआर का डर दिखा कर पैसों की डिमांड शुरू कर दी. इसका खुलासा महिला के मोबाइल में रिकॉर्ड ऑडियो कॉल और उनके परिजनों से मिली जानकारी से हुई है.

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ठगों ने महिला को ऐसे फंसाया जाल में

दरअसल, मऊगंज जिले के वार्ड 12 घुरेहटा में रविवार को 40 साल की महिला रेशमा पांडे ने जहर खा लिया था, जिसकी इलाज के दौरान रीवा के संजय गांधी अस्पताल में मौत हो गई थी. एनडीटीवी की टीम ने मध्य प्रदेश में साइबर फ्रॉड की वजह से हुई पहली मौत वाले इलाके मऊगंज के वार्ड 12 में जाकर महिला के परिजनों से बात की, तो सनसनीखेज खुलासा हुआ. पता चला कि मृतका लंबे समय से साइबर फ्रॉड करने वालों के संपर्क में थी और ये ठग महिला से पैसे एंठने  का काम कर रहे थे. यह भी खुलासा हुआ है कि जब महिला से उन्होंने कुछ पैसे ले लिए और महिला उनके चंगुल में बुरी तरीके से फंस गई, तब उन्होंने महिला से और पैसे लेने का नया तरीका खोज निकाला.

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 एफआईआर का डर दिखाकर भी ऐंठे रुपये

महिला ने अपने पास रखे सोने के गहने भी गिरवी रखकर ऑनलाइन फ्रॉड करने वालों को पैसे भेजे थे. इस बात का खुलासा महिला के परिजनों ने एनडीटीवी से किया. ठगों ने महिला को इंडियन आर्मी और एफआईआर की धमकी देते हुए ₹50,000 की डिमांड की, लेकिन महिला के पास पैसे नहीं थे. महिला के पति, देवर, बेटा, बेटी सहित ननद ने यह भी आरोप लगाया कि उनके गांव के ही एक लड़की ने रेशम के साथ फ्रॉड किया. वह चाहती, तो इस बात की जानकारी परिजनों को दे सकती थी.

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बच्चों को थी मोटी रकम मिलने की उम्मीद

वहीं, दूसरी ओर महिला की  कक्षा 9 में पढ़ने वाली बेटी और कक्षा 6 में पढ़ने वाला बेटा भी इस बारे में जानते थे, लेकिन उन्होंने अपने पिता और घर के बड़ों को डर की वजह से यह बात नहीं बताई थी. दरअसल, इन बच्चों को यह लग रहा था कि घर में यह जो पैसे ('एक पैसे, दो पैसे, तीन पैसे, पांच पैसे, 10 पैसे और 20 पैसे के सिक्के) पड़े हुए हैं, जिनको भीख मांगने वाले भी नहीं लेते हैं. इनको ऑनलाइन बेचकर हमें मोटी कमाई होने वाली है. लिहाजा, जब पैसा आएगा, तब हम सबको बताएंगे.

एक करोड़ 75 लाख रुपये का दिया था लालच

परिजनों से मिले ऑडियो से भी इस बात की पुष्टि होती है कि महिला एक करोड़ 75 लाख रुपये के लालच में आकर थोड़े-थोड़े करके काफी पैसे फ्रॉड करने वालों को दे चुकी थी. अब जब उसको लगा कि वह ठगी की शिकार हो गई है और उसके परिजनों को जब इस बात की जानकारी होगी, तो परिजन बेहद नाराज होंगे. ऐसी आशंका है कि इस वजह से महिला ने डर के मारे जहर खा लिया, इसके बाद इलाज के दौरान रीवा के संजय गांधी अस्पताल में महिला की मौत हो गई.

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मऊगंज पुलिस अधीक्षक रसना ठाकुर कहती है कि यह साइबर अरेस्ट नहीं, साइबर फ्रॉड का मामला है. वहीं, दूसरी और मऊगंज के कलेक्टर अजय श्रीवास्तव का साफ तौर से कहना है कि इसका एकमात्र उपाय अवेयरनेस है. हमको, आपको सतर्क रहना है. हम तभी साइबर फ्रॉड करने वालों से बच सकते हैं. जब भी इस तरीके का फोन आए, अपने आसपास के लोगों को सूचित करना चाहिए, इससे बचने के लिए सजगता ही एकमात्र उपाय है.

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