पैसों के लिए सरसों में कंकड़ की मिलावट, मुनाफाखोरों पर प्रशासन ने कसा शिकंजा

Madhya Pradesh Bhind News : इन खरीदी केंद्रों पर किसानों से अच्छी सरसों खरीदकर वेयर हाउस भेजने से पहले सरसों में कचरा की भारी मिलावट की जाती थी.... ताकि इसमें से अच्छी सरसों निकालकर इसका वजन बढ़ा दिया जाए.

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पैसों के लिए सरसों में कंकड़ की मिलावट, मुनाफाखोरों पर प्रशासन ने कसा शिकंजा

Madhya Pradesh News in Hindi : भिण्ड जिले की मौ मंडी में दो सरकारी खरीदी केंद्र पर कलेक्टर की छापेमारी पर एक बड़ी गड़बड़ी का मामला सामने आया है. इन खरीदी केंद्रों पर किसानों से अच्छी सरसों खरीदकर वेयर हाउस भेजने से पहले सरसों में कचरा की भारी मिलावट करते थे.... ताकि इसमें से अच्छी सरसों निकालकर इसका वजन बढ़ा दिया जाए. कलेक्टर ने कचरा की बोरियों से भरा एक ट्रैक्टर जब्त किया है. साथ ही, एक पार्षद समेत दो अलग-अलग लोगों के घर से भी बड़ी मात्रा में कचरे की बोरियां बरामद की गई हैं. सभी जगह से 600 से अधिक कचरा की बोरी मिल चुकीं. हालांकि इस मामले में जांच की जा रही है.

किसानों से सरसों लेकर मिलावट

दरअसल छैकुरी और जमदारा के खरीदी केंद्र में मौ कस्बे की मंडी में संचालित हैं. इन केंद्रों पर जो सरसों किसानों से खरीदी गई है, उसमें रात के समय कचरा मिलाकर वजन बढ़ाया जा रहा था. यह शिकायत कलेक्टर संजीव श्रीवास्तव को मिली, जिसके बाद कलेक्टर ने रात में ही मौ तहसीलदार माला शर्मा को जांच के लिए मौके पर भेजा. हालांकि तहसीलदार को रात में इसमें कचरा नजर नहीं आया. उन्होंने दोनों खरीदी केंद्र पर रखी सरसों का सेंपल भरवा लिया. यहां से रात में सरसों हटा न दी जाए, इसलिए तहसीलदार ने कर्मचारियों की ड्यूटी लगा दी. इसके बाद दूसरे दिन दोपहर में कलेक्टर संजीव श्रीवास्तव और गोहद SDM पराग जैन पहुंचे.

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कलेक्टर ने दिए जांच के आदेश

कलेक्टर ने देखा कि जो सरसों मिली है उसमें बड़ी तादाद में कचरा था. कलेक्टर ने वीर सिंह यादव और पार्षद संजीव यादव के घर जांच कराई, तो इन दोनों लोगों के यहां कचरे की बोरियां भरी मिलीं. वीर सिंह यादव के यहां 250 बोरी बरामद की गई. करीब इतनी ही बोरी कचरा पार्षद संजीव यादव के घर में मिला. इसके अलावा नगर परिषद के पास खड़े एक ट्रैक्टर को भी जब्त किया गया है. इस ट्रैक्टर में 100 से 150 बोरी कचरा भरा है. एक पार्षद समेत दो अलग-अलग लोगों के घर से भी बड़ी मात्रा में कचरे की बोरियां बरामद की गई हैं. सभी जगह से 600 से अधिक कचरा की बोरी मिल चुकीं. घरों में भरकर रखी कचरा की बोरियां से सरसों के सैंपल जांच के लिए भेजे दिए थे.

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अब तक 56 लाख का घपला

कलेक्टर की इस छापामार कार्रवाई के बाद हुई जांच में सामने आया कि अब तक सरसों में एक हजार क्विंटल मिट्टी-कंकड़ मिलाया जा चुका है. इसमें समिति प्रबंधक व अन्य लोगों ने मिलकर 56 लाख रुपए से ज्यादा की चपत लगा दी है. इस घपले की वजह से किसानों का भुगतान भी अटक सकता है. वहीं, जिन तीन वेयर हाउस में सरसों का भंडारण किया गया था. उन्हें फिलहाल बंद करा दिया गया है. सोमवार को मामले में जांच के लिए कृषि विभाग, सहकारिता विभाग और विपणन विभाग की संयुक्त टीम जांच के लिए मौ गई.

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जांच रिपोर्ट पर उठे सवाल

इस टीम ने जमदारा, बैंकुरी के अलावा देहगवां के खरीदी केंद्र से भी सैंपल भरे. यह केंद्र गिर्राज वेयर हाउस के बगल में ही संचालित है. यहीं से खरीदी के बाद सीधे सरसों को वेयर हाउस में रखवा दिया जाता है. संयुक्त जांच टीम ने मंगलवार को अपनी रिपोर्ट कलेक्टर को सौंप दी है. इस जांच रिपोर्ट में मात्र 10 प्रतिशत मिलावट पाई गई. ये रिपोर्ट संदेह के दायरे में आ गई. खुद कलेक्टर भी संदेह जता रहे हैं. कलेक्टर का कहना है कि वे सैंपल को दोबारा से जांच के लिए भेजेंगे. क्योंकि इसमें कचरा ज़्यादा था. वहीं, पूरे मामले में अब तक समिति प्रबंधकों के खिलाफ कार्रवाई नहीं हो सकी है. इसलिए कि DDA ने तीन दिन बीतने के बाद भी मामले की रिपोर्ट कलेक्टर को नहीं सौंपी.

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