MP News In Hindi : मध्यप्रदेश और राजस्थान के सबसे चर्चित कुख्यात तस्कर बाबू सिंधी प्रकरण में शनिवार देर शाम को विशेष न्यायाधीश एनडीपीएस एक्ट जितेंद्र कुमार बाजोलिया द्वारा फैसला सुना दिया गया. कुख्यात तस्कर जयकुमार उर्फ बाबू सिंधी सहित 3 तस्करों को दोषी करार देते हुए न्यायालय ने सजा सुनाई है. वहीं, मामले से जुडे पांच आरोपियों को दोषमुक्त कर दिया. नीमच न्यायालय में चार साल से चल रहे इस प्रकरण में सभी की निगाहें थी. कुख्यात तस्कर बाबू सिंधी व उसके साथियों को 15 साल की सजा सुनवाई गई. वहीं, 1 लाख 50 हजार रुपये के अर्थदंड से भी दंडित किया गया.
25 हजार किलो मादक पदार्थ जब्त किया था
27 अगस्त 2021 को केंद्रीय नारकोटिक्स ब्यूरो ने नीमच के औद्योगिक क्षेत्र में दबिश देकर 25 हजार किलो मादक पदार्थ जब्त किया था. यह गोदाम कुख्यात तस्कर बाबू सिंधी का था, मौके से सीबीएन ने बाबू सिंधी और उसके साथियों को गिरफ्तार किया था. एक साल तक इस मामले की जांच पड़ताल सीबीएन द्वारा की गई.
बड़े पैमाने पर तस्करी का गिरोह संचालित हो रहा था
करीब 1650 पेज का चालान कोर्ट में पेश किया गया था. कोर्ट में इस प्रकरण में आरोपी पक्षों द्वारा बचाव पक्ष रखा गया. वहीं सीबीएन के अधिकारियों ने भी प्रकरण से जुडे हुए साक्ष्य रखे गए. सीबीएन की तरफ से कहा कि पोस्तादाना की आड़ में बड़े पैमाने पर तस्करी का गिरोह संचालित हो रहा था, प्रतिदिन बाबू सिंधी 30 से 40 लाख रुपये मादक पदार्थ की तस्करी से कमा रहा था, और यह पैसा प्रापर्टी में खपाने का काम किया.
कोर्ट ने इन्हें दोषी पाते हुए 15-15 साल की सजा सुनाई
बाबू सिंधी व उसकी पत्नी के नाम से दर्ज करोडों रुपये की प्रापर्टी पर भी सफेमा की कार्रवाई की गई थी. न्यायालय ने तमाम साक्ष्य और कई बिंदुओं को सूक्ष्मता से देखा और पाया कि बाबू सिंधी द्वारा मादक पदार्थ की तस्करी बड़े पैमाने पर की जा रही थी. आरोपी तस्कर बाबू सिंधी, राजेंद्र शर्मा और अनुराग ऐरन को सीबीएन ने मौके से गिरफ्तार किया था. ऐसी दशा में कोर्ट ने इन्हें दोषी पाते हुए 15-15 साल की सजा सुनाई है. डेढ़ लाख का जुर्माना किया गया. जुर्माना जमा नहीं होने की दिशा में एक साल की अतिरिक्त सजा भुगतना पड़ेगी.
आरक्षक सहित 5 हुए दोषमुक्त
सीबीएन ने इस प्रकरण में कुल 10 आरोपी बनाए थे. इस प्रकरण में साक्ष्य के अभाव में अभियुक्त अशोक डांगी, सौरभ कोचटटा, प्रकाश उर्फ गोलू मोटवारी, पंकज कुमावत, कैलाश गादिया को दोषमुक्त कर दिया. पंकज कुमावत पुलिस विभाग में आरक्षक के पद पर पदस्थ था, जिसे पुलिस विभाग द्वारा तस्कर के साथ संलिप्तता पाए जाने व सह अभियुक्त बनने के बाद बर्खाश्त कर दिया था. इस मामले में दो आरोपी विनोद गुर्जर व शिवचरण गुर्जर निवासी झालरी थाना नीमच सिटी अभी तक फरार है, इनके बारे में कोई निराकरण नहीं हुआ.
दो महीने के लिए पैरोल पर आया तब कर दिया था बड़ा कांड
कुख्यात तस्कर बाबू सिंधी साढे तीन वर्ष से जेल में है. पिछले साल जनवरी माह में वह उसके बेटे का फर्जी मेडिकल प्रमाण पत्र तैयार कर हाईकोर्ट खंडपीठ इंदौर से पैरोल ली थी, पैरोल के दौरान नीमच शहर के समाजसेवी अशोक अरोरा गंगानगर पर शार्प शूटरों के साथ मिलकर फायरिंग की घटना को अंजाम दिया था. अब दूसरी बार पैराले मिलने की संभावनाएं भी खत्म हो गई है.पूरी सजा तक कुख्यात तस्कर बाबू सिंधी को जेल में ही रहने का अनुमान है.
कोर्ट ने माना बाबू सिंधी ही मुख्य सरगना
प्रकरण में अहम बात यह सामने आई कि कोर्ट ने कुख्यात तस्कर बाबू सिंधी को ही मुख्य सरगना माना. बाबू सिंधी की तरफ से बचाव पक्ष में दिया गया था कि गोदाम कैलाश गादिया का है, उसने उसे किराए पर दे रखा था, लेकिन सीबीएन ने किराएदारी का एग्रीमेंट फर्जी साबित कर दिया. ऐसी स्थिति में कोर्ट ने कैलाश गादिया को दोषमुक्त किया.
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