Dhar News: धार जिले में ग्रामीण यांत्रिकी विभाग का तालाबों के नाम पर बड़ा भ्रष्टाचार उजागर हुआ है. मामले का खुलासा आरटीआई एक्टिविस्ट सुनिल सावंत को एक आरटीआई के जवाब में मिले दस्तावेज से हुआ है. एक पत्रकार वार्ता में सांवत ने इसका खुलासा करते हुए कहा कि ढाई करोड़ की लागत से बने 5 तालाबों में करोड़ों का भ्रष्टाचार किया गया.
आरटीआई कार्यकर्ता सुनील सावंत के मुताबिक मनावर व गंधवानी तहसील में ग्रामीण यांत्रिकी विभाग (आरईएस ) मनावर संभाग द्वारा मनरेगा के तहत करीब ढाई करोड़ रुपये की लागत से बनाए गए 5 तालाबों के निर्माण में करोड़ों रुपये का भ्रष्टाचार हुआ है. उन्होंने बताया कि कई जगह तालाब का काम पूरा भी नहीं हुआ, लेकिन पैसा ले लिया गया.
तालाब निर्माण में भ्रष्टाचार, आरईएस द्वारा घटिया कार्य किया
आरटीआई एक्टिविस्ट ने आरटीआई के अंतर्गत तालाबों को लेकर जानकारी मांगी थी, लेकिन विभाग द्वारा अब तक वह जानकारी मुहैया नहीं कराई गई है. गंधवानी तहसील के ग्राम पंचायत जलोख्या के अंतर्गत ग्राम मछली में नीम वाला नाला पर तालाब के निर्माण पर विभाग ने 49.61 लाख रुपये का खर्च बताया है, जो गंभीर भ्रष्टाचार का मामला है.
ग्राम पंचायत जलोख्या में अधूरा पड़ा है तालाब निर्माण कार्य
ग्राम पंचायत जलोख्या के कालू खेड़ी पीपर वाला नाला में 45.13 लाख रुपये की लागत से तालाब निर्माण का कार्य किया गया है, लेकिन काम अब भी अधूरा है. ग्राम पंचायत पांच पीपल्या के कॉल माठवा गांव में अमका झमका नाले में तालाब निर्माण कार्य किया गया. इसमें भी विभाग द्वारा सिर्फ पिचिंग का कार्य किया, जिसकी लागत 49.90 लगभग लाख रुपये बताई जा रही है.
मनावर तहसील में 25 लाख रुपए की लागत में हुआ अधूरा काम
मनावर तहसील में ग्राम पंचायत पिपलिया मोटा के कलम वाला नाला में विभाग ने मात्र पिचिंग का कार्य किया और 25 लाख रुपये लागत में तालाब में आधा अधूरा कार्य किया गया, जबकि तालाब निर्माण की स्वीकृत लागत राशि 35 . 87 लाख रुपये है. वहीं, ग्राम पंचायत पिपल्या फर्जी बिलों से तालाब की संपूर्ण स्वीकृत राशि 47.62 लाख रुपये निकाल लिए गए.
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