Jiwaji University Gwalior: ग्वालियर की जीवाजी यूनिवर्सिटी (Jiwaji University) में भ्रष्टाचार का खुलासा करने वाले आरटीआई एक्टिविस्ट (RTI Activist) डॉक्टर अरुण शर्मा ने यूनिवर्सिटी में 35 अरब से ज्यादा का घोटाला (Scam) होने का दावा किया है. शिकायतकर्ता अरुण शर्मा का कहना है कि उन्हें जान से मारने की धमकियां मिल रहीं हैं. अरुण शर्मा ने ही जीवाजी विवि द्वारा फर्जी कॉलेज (Fake College) को मान्यता देने के घोटाले का खुलासा किया था. उनकी शिकायत पर ही आर्थिक अपराध ब्यूरो EOW ने जीवाजी विश्वविद्यालय ग्वालियर के कुलपति सहित 17 प्रोफेसरों के खिलाफ केस दर्ज किया हैं. इनमें बांसवाड़ा राजस्थान के कुलपति भी शामिल हैं.
ऐसे किया प्रदर्शन
आरटीआई एक्टिविस्ट डॉ अरुण शर्मा ने फूलबाग गांधी प्रतिमा पर माल्यार्पण कर दो मिनट का मौन रखा. इसके बाद अपनी जान का खतरा बताते हुए जीवाजी यूनिवर्सिटी के कुलगुरु डॉ अविनाश तिवारी के इस्तीफे की मांग की. डॉक्टर अरुण शर्मा की शिकायत के बाद ही वर्षोंं से मुरैना जिले के झुंड पुरा में कागजों मे चल रहे शिवशक्ति कॉलेज की संबद्धता में फर्जीवाड़ा सामने आया था. जिसके बाद EOW ने जीवाजी यूनिवर्सिटी के कुलगुरु डॉक्टर अविनाश तिवारी सहित 19 प्रोफेसरों पर FIR दर्ज की है.
अरबों के महाघोटाले का आरोप
अरुण शर्मा का कहना है कि पिछले 14 सालों में जीवाजी यूनिवर्सिटी में 35 अरब, 64 करोड़, 60 लाख रुपए का महाघोटाला किया गया है. जिसके सभी सबूत उनके पास हैं. हाईकोर्ट में चल रही उनकी PIL में यह जानकारी भी वह कोर्ट के समाने रखेंगे. लेकिन जबसे उन्होंने मुरैना का फर्जीवाड़ा उजागर किया, तभी से उन्हें धमकी मिल रही है. ऐसे में डॉ अरुण शर्मा ने मध्यप्रदेश के राज्यपाल और मुख्यमंत्री से जीवाजी यूनिवर्सिटी में धारा 52 लगाने और कुलगुरु सहित 19 प्रोफेसरों को पद से हटाते हुए गिरफ्तार करने की मांग की है.
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