Indian Railways: ट्रेन में सफर के दौरान आप भी खरीद कर पीते हैं पानी, तो इस खुलासे के बाद तौबा करने पर हो जाएंगे मजबूर

Indian Railway News: एनडीटीवी की टीम जब ट्रेन पर पहुंची, तो इस दौरान ट्रेन में चल रहा 'पानी घोटाला' खुलेआम दिखा. यहां बिना रोकटोक रेल नीर की जगह दूसरे ब्रांड की पानी की बोतलें बेची और खरीदी जा रही थी.

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Indian Railway latest News: रेल यात्रा के दौरान अकसर यात्री स्टेशन या ट्रेन के अंदर से पानी खरीद कर अपनी प्यास बुझाते हैं. अगर आप भी ऐसा करते हैं, तो सावधान हो जाइए. वरना आप भी टाइफाइट जैसी गंभीर बीमारी के शिकार हो सकते हैं. 

दरअसल, एनडीटीवी की पड़ताल में खुलासा हुआ है कि रेलवे स्टेशन और ट्रेन में बिकने वाला पानी फर्जी तरीके से रेल नीर की जगह नॉन ब्रांडेड पानी बेचने का खेल चल रहा है. हालांकि, इसके बावजूद रेलवे की ओर से खाद्य पदार्थों की गुणवत्ता और अवैध वेंडरों के खिलाफ किसी भी तरह की कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है. 

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20 रुपये में बेची जा रही हैं डुप्लीकेट वाटर बोतल 

इसी सिलसिले में एनडीटीवी की टीम ने देवास रेलवे स्टेशन पर मिलने वाली पानी की बोतलों की पड़ताल की, तो यात्रियों के चौंका देने वाले बयान सामने आए. पड़ताल के दौरान एनडीटीवी संवाददाता ने पाया कि ट्रेन में बिसलेरी कंपनी की पानी की बोतलों के मिलते जुलते नाम से अमानक पानी की बोतलें स्टेशनों पर खुलेआम बेची जा रही हैं. वह भी 10, 15 नहीं, बल्कि पूरे 20 रुपये में धड़ल्ले से बेची जा रही है. यानी अमानक पानी के लिए भी ग्राहकों अपनी जेब ढीली करनी पड़ रही है. यह सब रेलवे स्टेशन पर मौजूद रेलवे अधिकारी, रेलवे पुलिस और आते-जाते जागरूक लोगों की नजरों के सामने हो रहा है.

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एनडीटीवी की टीम से की बदसलूकी

एनडीटीवी की टीम जब ट्रेन पर पहुंची, तो इस दौरान ट्रेन में चल रहा 'पानी घोटाला' खुलेआम दिखा. यहां बिना रोकटोक रेल नीर की जगह दूसरे ब्रांड की पानी की बोतलें बेची और खरीदी जा रही थी. हमारा कैमरा देख कर ट्रेन में नकली पानी की बोतलें बेचने वाले हड़बड़ा गए, लेकिन इसके बाद इनकी दबंगई शुरू हो गई, वह गुंडई पर उतरते हुए धक्का देने और मोबाइल छीनने की कोशिश करने लगे.

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रेल नीर की जगह किसी और ब्रांड की पानी की बोतलें बेची जा रही है.

मिलीभगत से चल रहा 'पानी घोटाला'  

ट्रेन से सफर करने वाले लोग ज्यादातर अधिक भीड़ की या साफ-सफाई की शिकायत सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर करते हैं. तब रेलवे इन मामलों का तत्काल निपटारा करती है, लेकिन फिलहाल देवास के प्लेटफार्म पर जो नजारा देखने को मिल रहा है,  उसे देखकर साफ कहा जा सकता है कि रेल गाड़ियों और रेलवे स्टेशनों पर अधिकारियों के संरक्षण में 'पानी घोटाला' मिलीभगत से चल रहा है. हालत ये है कि हमारे संवाददाता अरविंद चौकसे ने जब प्लेटफार्म पर बने कैंटीन का रुख किया, तो वहां भी रेल नीर की जगह किसी और ब्रांड की पानी की बोतलें बिकती हुई मिली. इस मामले में जब एनडीटीवी संवाददाता ने रेलवे अधिकारियों से इस मामले में बात करने की कोशिश की, तो सभी के सभी कैमरे से बचते नजर आए.

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देवास के रेलवे स्टेशन पर रेल नीर की जगह दूसरी कंपनी का पानी बेचा जा रहा है. यह बोतलें भी ज्यादा पैसों में बेचने का खेल चल रहा है और यह खेल लम्बे समय से खेला जा रहा है. 

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