MP के इस जिले में बड़े घोटाले के खुलासे से मचा हड़कंप, इतने करोड़ की हेराफेरी पर नपे 6 कर्मचारी

Corruption News: खनियाधाना विकासखंड शिक्षा अधिकारी कार्यालय से एक बड़ा फर्जीवाड़ा सामने आया है. सरकारी कर्मचारियों ने इस फर्जीवाड़े को बाकायदा 6 साल तक अंजाम दिया और सरकार की आंखों में धूल झोंककर एक करोड़ रुपये की राशि डकार गए.

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Corruption in Madhya Pradesh: मध्य प्रदेश के शिवपुरी (Shivpuri) जिले के खनियाधाना विकासखंड शिक्षा अधिकारी कार्यालय से एक बड़ा फर्जीवाड़ा सामने आया है. इस फर्जीवाड़ा में लगभग एक करोड़ रुपये के आसपास की हेरा फेरी कर सरकार को चूना लगाने का काम अंजाम दिया गया. सरकारी कर्मचारियों ने इस फर्जीवाड़े को बाकायदा 6 साल तक अंजाम दिया और सरकार की आंखों में धूल झोंककर एक करोड़ रुपये की राशि डकार गए. इस मामले में जिला कलेक्टर शिवपुरी ने 6 कर्मचारियों के विरुद्ध एफआईआर दर्ज करवा कर मामले की जांच शुरू कर दी है. 

विकासखंड शिक्षा कार्यालय से जुड़े इन 6 कर्मचारियों पर आरोप है कि इन्होंने लगभग एक करोड़ रुपये की सरकारी राशि का गबन किया. आरोप है कि इन लोगों ने सरकारी राशि का फर्जीवाड़ा कर डकारने वाले कर्मचारियों ने 2018-19 से 2024-25 तक अलग-अलग खातों में राशि ट्रांसफर कर खूब चांदी काटी, लेकिन अब इन सभी 6 कर्मचारियों को जेल की जिंदगी काटनी पड़ सकती है. 

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ऐसे किया फर्जीवाड़ा

जानकारी में सामने आया है कि विकासखंड शिक्षा अधिकारी कार्यालय खनियाधाना में वर्ष 2018-19 से 2024-25 तक कुल 40 व्यक्तियों के खाते में एक करोड़ चार लाख 42 हजार 763 रुपये का फर्जी भुगतान किया गया. साथ ही यह भी बताया गया है कि 20 व्यक्तियों के खातों में 50,000 से अधिक राशि वेतन के अन्य भत्ता मद में भुगतान किया गया. 

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जांच में ये आया सामने

मामला सामने आते ही कलेक्टर रविंद्र कुमार चौधरी ने इसे तत्काल संज्ञान में लिया और एसडीएम पिछोर शिवदयाल धाकड़ की अध्यक्षता में शिक्षा विभाग की सहायक संचालक शालिनी दिनकर, सहायक पेंशन अधिकारी संतोष कुर्मी और कोषालय लिपिक अमित यादव की चार सदस्य जांच समिति गठित कर दी. समिति ने इस मामले की जांच कर जांच प्रतिवेदन प्रस्तुत किया, जिसमें 40 व्यक्तियों में से 18 लोगों के खातों में 68 लाख 77 हजार 121 की राशि का भुगतान होना पाया गया. इसके अलावा 20 में से 8 व्यक्तियों के बैंक खाते में 6 लाख 19 हजार 274 रुपये का भुगतान किया गया. इसके अतिरिक्त ओमकार धुर्वे, सहायक ग्रेड 3 को विभागीय बैंक खाते से 6 लाख 3 हजार 199 और सुखनंदन रसगैया, लेखपाल को अक्टूबर 2020 के वेतन में 24200 का भुगतान किया गया. इस प्रकार इस गबन में 81 लाख 23 हजार 728 रुपये की राशि का भुगतान किया गया. 

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इन पर चलेगा हेरा फेरी का मुकदमा

इस गबन में शामिल शासकीय सेवकों के खिलाफ भ्रष्टाचार अधिनियम 1988, भारतीय न्याय संहिता 2023, आईटी एक्ट और अन्य  दाण्डिक कानून के अंतर्गत एफआईआर कराने के निर्देश जिला शिक्षा अधिकारी ने दिए हैं. निर्देशानुसार जिन कर्मचारियों को हेरा फेरी का दोषी पाया गया है, उनमें  विकासखंड शिक्षा अधिकारी प्रकाश सूर्यवंशी, प्राचार्य शासकीय बालक उत्कृष्ट माध्यमिक विद्यालय पिछोर सतीश शरण गुप्ता, सुखनंदन रस गैया लेखापाल, सहायक ग्रेड 3 ओंकार सिंह धुर्वे, सहायक ग्रेड 2 गिरेंद्र कुमार कघारिया, माध्यमिक शिक्षक यशपाल बघेल शामिल हैं. इन सभी के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई गई है. 

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