Arbitrary by Contractor: मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) के अशोकनगर (Ashoknagar) जिले से निकलने वाले नेशनल हाइवे 346 (NH 346) का काम जब चालू हुआ था, तो लोगों को लगा था कि बड़ा काम है... ये जल्दी और गुणवत्तापूर्ण होगा... लेकिन, इस निर्माण कार्य (Construction Work) में भारी मनमानी, लापरवाही और अनियमित्ताएं सामने आ रहीं है, जिसकी ओर विभाग के जिम्मेदार अधिकारी कोई ध्यान नहीं दे रहे हैं. देखा जाए तो इस सड़क निर्माण (Road Construction) का ठेका आरजी बिल्डवेल इंजीनियरिंग लिमिटेड का था, जिसने पेटिकॉन्टेक्ट वेस पर जेडबर्क मैन्युफैक्चरिंग को दे दिया और जेडवर्क ने केपीएल कम्पनी को पेटिकॉन्टेक्ट पर काम दे दिया और इसके अलावा भी कई अन्य कम्पनियों से सड़क निर्माण कार्य कराया जा रहा है.
जबकि, एनएच के जिम्मेदार अधिकारी स्वयं ही कहते नजर आए कि एक कंपनी से पेटिकॉन्टेक्ट पर काम कराया जा सकता है. इससे ज्यादा से कराने का नियम ही नहीं है तो साधारण तौर पर नियमों की धज्जियां तो यही उड़ती नजर आ रही हैं. और इसी के चलते इस सड़क निर्माण की गुणवत्ता पर तैयार होने से पहले ही सवाल खड़े होने लगे हैं.
नगर परिषद कर रहीं लगातार पत्राचार
एनएच 346 के निर्माण में किस तरह मनमानी व लापरवाही बरती जा रही है, इसका अंदाजा ऐसे ही लगाया जा सकता है कि नगर परिषद मुंगावली के द्वारा कार्यपालन अधिकारी एनएच ग्वालियर को कई पत्र लिखकर शहर के अंदर डाली गई सीसी से पहले नाली निर्माण कराने और अधूरी पड़ी सीसी सड़क को पूरा कराने को कहा गया है. लेकिन, कोई सुनने वाला नहीं है, जिसके चलते यहां बारिश में दुर्घटना होने के चांस बढ़ गए है. साथ ही लोगों के मकानों में पानी भरने की समस्या खड़ी होगी, क्योंकि बगैर सड़क की खुदाई किये ही सीधे रातों रात सीसी डाल दी गई, जो अब उखड़ने भी लगी है.
बनाया जा रहा ये बहाना
एक ओर जहां एनएच के ईई इंदर सिंह जादौन कह रहे हैं कि एक पेटिकॉन्टेक्टर ही बनाया जा सकता है, वहीं जब अधूरे पड़े और कछुआ गति से चल रहे निर्माण कार्य के बारे में इनसे चर्चा की गई तो पेटिकॉन्टेक्टर केपीएल कम्पनी के भग जाने की बात कहते नजर आए और जल्द ही कार्य तेज गति से चालू होने की बात कहते नजर आए. ऐसे में अधिकारी मामले से किनारा करते नजर आए और मामले की जिम्मेदारी लेने के लिए कोई तैयार नहीं है.
खुदी पड़ी सड़कों पर हो रहे हादसे
देखा जाए तो चंदेरी से कुरबाई तक बनाये जा रहे इस नेशनल हाइवे को ठेकेदार के द्वारा महीनों से खोदकर रखा गया है, लेकिन निर्माण कार्य कछुए की गति से चल रहा है. इस वजह से सड़क पर आए दिन हादसे होते रहते हैं. साथ ही कुछ लोगों की जान भी एक्सीडेंट में गई है तो आखिर इन हादसों का जिम्मेदार कौन है . जब निर्माण कम्पनी के पास इतने संसाधन नही है तो जितना निर्माण होता उतनी सड़कें एक एक पट्टी करके बनाना थी आखिर किस नियम और किसके आदेश से पूरी तर्क सड़कों को महीनों से खोदकर फेंक दिया है.
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जेडवर्क के प्रोजेक्ट मैनेजर का जवाब
इतने बड़े प्रोजेक्ट पर पेटिकॉन्ट्रैक्ट पर काम कर रही जेडबर्क कम्पनी के प्रोजेक्ट मैनजर साजिद आलम से कछुआ चाल के बारे में जनकारी मांगी गई कि तो वह कुछ भी कहने से बचते नजर आए. इनका कहना था कि हमारे यहां से एक कम्पनी को पेटिकॉन्टेक्ट देने का नियम है. लेकिन यहां दो कम्पनियों की लड़ाई के चलते विवाद की स्थिति बन गई और जल्द ही काम चालू होगा. और यदि सीसी में दरारें आ रही है तो उसकी मरम्मत कराई जाएगी.
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