Tikamgarh News- मध्य प्रदेश के टीकमगढ़ जिले में उपभोक्ता फोरम ने इलाज में लापरवाही बरतने के लिए सरकारी अस्पताल में पदस्थ महिला डॉक्टर और जिलाचिकित्सा अधिकारी पर सात लाख रुपये का हर्जाना लगाया है.
पीड़ित के वकील रहीश अहमद ने बताया कि पक्षकार मुन्ना लाल अहिरवार की पत्नी कुंती बाई अहिरवार को पेट में दर्द हुआ था. कुंती को लेकर वह जिला अस्पताल ले गया. वहां डॉक्टर रेखा बड़गईया को दिखाया था. डॉक्टर ने 2 जून 2022 को कुंती बाई का ऑपरेशन किया था, लेकिन उसके पेट दर्द की समस्या दूर नही हुई. इसके बाद डॉक्टर रेखा ने कुंती बाई को झांसी मेडिकल कॉलेज रेफर कर दिया था. इसके बाद कुंती का इलाज एक निजी करवाया गया, जहां डॉक्टरों ने बताया कि टीकमगढ अस्पताल में डॉक्टर ने ऑपरेशन लापरवाही की थी, जिसके कारण पेट का कोई नस कट गया था. कुछ दिन बाद इलाज के दौरान कुंती बाई की मौत हो गई थी.
पत्नी का शव लेकर डॉक्टर के पास गए थे मुन्ना
कुंती बाई के पति मुन्ना अपनी पत्नी का शव को जिला अस्पताल ले आये थे और उन्होंने डॉक्टर रेखा से शव का पोस्टमार्टम करने के लिए कहा लेकिन उन्होंने इनकार कर दिया. इसकी शिकायत मुन्ना लाल ने टीकमगढ जिले के जिला चिकित्सा अधिकारी रोशन सिंह से की, लेकिन उन्होंने इस पर कोई धयान नही दिया.
उपभोक्ता फोरम ने दिए ये आदेश
आखिरकार, पीड़ित मुन्ना लाल अहिरवार ने उपभोक्ता फोरम में परिवाद पेश किया. उन्होंने कुंती बाई की मौत का दोषी डॉक्टर रेखा बड़गिया और रोशन सिंह ( जिलाचिकित्सा अधिकारी) को मानते हुए उनपर 20 लाख रुपये का दावा पेश किया. उपभोक्ता फोरम में सुनवाई के दौरान ऑपरेशन करने बाली महिला डॉक्टर रेखा बड़गिया और जिला चिकित्सा अधिकारी डॉक्टर रोशन सिंह की कार्यप्रणाली ओर महिला डॉक्टर की सेवा में कमी मानते हुए इन दोनों पर 5 लाख रुपये ओर उपचार में खर्च हुए 2 लाख आवेदक मुन्ना लाल को भुगतान करने के निर्देश दिए गए हैं. साथ ही इस राशि पर 19 अक्टूबर 2022 से 9 प्रतिशत व्याज देने और व्यय के 5 हजार रुपये परिवादी को देने के आदेश दिए गए हैं.
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