MP Political News: सीएम यादव ने लिया बड़ा फैसला, स्कूलों में होगी कांग्रेस के इस 'काले कारनामे' की पढ़ाई

मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) के मुख्यमंत्री मोहन यादव ने बुधवार को ऐलान किया कि वर्तमान पीढ़ी को आपातकाल के दौरान संघर्ष से अवगत कराने के उद्देश्य से देश में व्याप्त परिस्थितियों, दमन और तत्कालीन कांग्रेस सरकार की ओर से उठाए गए कठोर कदम का विरोध करने के लिए लोकतंत्र सेनानियों के दृढ़ संकल्प पर एक पाठ स्कूली पाठ्यक्रम में शामिल किया जाएगा.

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Emergency 1975 to 1977: मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) के मुख्यमंत्री मोहन यादव ने बुधवार को ऐलान किया कि देश में 1975-77 में आपातकाल (Emergency 1977) के दौरान की गई ज्यादतियों और दमन का विरोध करने वालों की गई लड़ाई को समझाने वाला एक अध्याय राज्य के स्कूली पाठ्यक्रम में शामिल किया जाएगा.

उन्होंने कहा कि वर्तमान पीढ़ी को आपातकाल के दौरान संघर्ष से अवगत कराने के उद्देश्य से देश में व्याप्त परिस्थितियों, दमन और तत्कालीन कांग्रेस सरकार की ओर से उठाए गए कठोर कदम का विरोध करने के लिए लोकतंत्र सेनानियों के दृढ़ संकल्प पर एक पाठ स्कूली पाठ्यक्रम में शामिल किया जाएगा. मुख्यमंत्री ने भोपाल स्थित अपने आवास पर आपातकाल के खिलाफ लड़ाई लड़ने वालों की सभा को संबोधित करते हुए यह बात कही. उन्होंने कहा कि आपातकाल 21 महीने तक चला था, जिसमें नागरिक स्वतंत्रता का हनन, असहमति का दमन और लोकतांत्रिक सिद्धांतों का हनन हुआ था.

 'लोकतंत्र सेनानियों' के लिए की कई सुविधाओं की घोषणा

बीमार होने पर दी जाएगी एयर एंबुलेंस की सुविधा

यादव ने इस अवसर पर घोषणा की कि गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं के मामले में लोकतंत्र सेनानियों को इलाज के लिए बड़े अस्पतालों या अन्य महानगरों में जाने के लिए एयर एंबुलेंस उपलब्ध कराई जाएगी. उन्होंने कहा कि राज्य में शुरू की गई एयर टैक्सी सेवा के तहत आपातकाल विरोधी योद्धाओं को किराए में 25 प्रतिशत की छूट दी जाएगी. यादव ने कहा कि लोकतंत्र सेनानियों के अंतिम संस्कार की व्यवस्था राजकीय सम्मान के साथ की जाएगी. इसके अलावा, अंतिम संस्कार के समय उनके परिवारों को दी जाने वाली राशि को वर्तमान 8,000 रुपये से बढ़ाकर 10,000 रुपये किया जाएगा.

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उन्होंने कहा कि लोकतंत्र सेनानियों के परिवार के सदस्यों को उद्योग या अन्य व्यावसायिक उद्यम स्थापित करने के लिए आवश्यक प्रशिक्षण प्रदान करके रोजगार के अवसर उपलब्ध कराए जाएंगे. गौरतलब है कि देश में 25 जून, 1975 को तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने आपातकाल लागू कर विपक्षी नेताओं, असंतुष्टों को जेल में डाल दिया और प्रेस सेंसरशिप लागू कर दी थी. देश में लागू किए गए आपातकाल की 50वीं वर्षगांठ 25 जून को थी.

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